अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए अब श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और विश्व हिंदू परिषद (VHP) एक साथ कदमताल करते नजर आएँगे। बुधवार (फरवरी 19, 2020) को ट्रस्ट की हुई पहली बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लेते हुए महंत नृत्य गोपाल दास को ट्रस्ट का अध्यक्ष और विहिप के चंपत राय को महासचिव चुना गया। वहीं पीएम मोदी के प्रधान सचिव रहे नृपेंद्र मिश्रा को मंदिर निर्माण समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।
महंत नृत्य गोपाल दास ने शुक्रवार (फरवरी 21, 2020) को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण वहीं होगा, जहाँ रामलला विराजमान हैं और यह मंदिर उसी मॉडल पर बनेगा, जो पहले से दिखाया गया है। इसमें थोड़ा बहुत परिवर्तन हो सकता है। दास ने पत्रकारों से कहा, “अयोध्या में जल्दी ही भव्य और दिव्य राम मंदिर का निर्माण होगा। इसके लिए दिल्ली में धर्माचार्यों की बैठक हो चुकी है और जल्दी ही एक बैठक अयोध्या में होगी, जिसमें मंदिर निर्माण की तिथि तय की जाएगी। यह काम 6 महीने के भीतर शुरू हो जाएगा।”
इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी की है। इसके मुताबिक राम मंदिर निर्माण के नाम पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अलावा कोई और ट्रस्ट चंदा या दान-अनुदान नहीं ले सकता है। इसकी जानकारी ट्रस्ट में गृह मंत्रालय के अफसर ज्ञानेश कुमार ने दी है। ट्रस्ट में बैंकिग कामकाज के लिए अधिकृत डॉ अनिल मिश्र ने बताया कि जो भी अन्य ट्रस्ट/संस्था या व्यक्ति रामलला के नाम पर धन आदि का संग्रह कर रहे हैं, उन पर रोक लगाने की माँग की गई थी। जिसके बाद अब गृह मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर चंदा लेने पर रोक लगा दिया है। बता दें कि चंदा इकट्ठा करने वालों में ट्रस्ट बनने के बाद अप्रसंगिक हो चुके रामालय की ओर से स्वर्ण संग्रह अभियान भी शामिल है।
सरकार द्वारा एडवाइजरी जारी करने के बाद रामालय ट्रस्ट के सचिव स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अमर उजाला से बातचीत में कहा कि देश के 7 हजार गाँवों से एक हजार किलोग्राम सोना दान लेने का लक्ष्य है। यह अभियान वाराणसी से शुरू किया गया है। उनका कहना है, “हम सोना जुटाकर अधिकृत ट्रस्ट हो ही देंगे, दानी एफिडेविट के जरिए सोना दे रहे हैं कि हम रामालय के माध्यम से ही दान करना चाहते हैं। ऐसे में सरकार या कोई ट्रस्ट हमें दान लेने से नहीं रोक सकता।”
नवगठित ट्रस्ट के संयोजक ट्रस्टी एवं डीएम अनुज कुमार झा के साथ ही अन्य सदस्यों ने भी इस पर आपत्ति जताई थी कि कोई भी व्यक्ति या संगठन कैसे राम मंदिर निर्माण को लेकर लोगों से चंदा ले सकता है? उसके हिसाब-किताब की जिम्मेदारी किसके पास होगी? एडवाइजरी जारी होने के बाद अनुज कुमार झा ने बताया कि दान लेने का स्वरूप पूरी तरह से पारदर्शी व हाईटेक बनाया जा रहा है। इसके लिए एक वेबसाइट बन रही है, जहाँ दान-अनुदान समेत भक्तों को अयोध्या के महात्म्य, आगमन से लेकर पूजा-पाठ व ठहरने-घूमने की सभी जानकारियाँ उपलब्ध कराई जाएगी। पूरी प्रक्रिया संपन्न होते ही अयोध्या में खोले जा रहे बैंक खाते को सार्वजनिक किया जाएगा।
ऐसा देखा गया कि लोग राम मंंदिर निर्माण के नाम पर आस्था के नाम पर ठगी करने लगे थे। जिसके बाद ये एडवाइजरी किया गया। ऐसे में आपको भी काफी सावधान रहने की जरूरत है, ताकि आपके साथ कोई भी ट्रस्ट या व्यक्ति धार्मिक आस्था के नाम पर पैसे न ऐंंठ सकें। अगर आप अपनी आस्था से दान देना चाहते हैं तो राम मंदिर निर्माण के लिए बनाए गए अधिकृत ट्रस्ट को ही दें। लेकिन उसके लिए डीएम ने जिस वेबसाइट के बनने की बात कही है, उसके बनने का इंतजार करें। क्योंकि 2-3 दिन पहले राम मंदिर के नाम पर 2 करोड़ रुपए का चेक ट्रस्ट को लौटाना पड़ा था।