इस साल रक्षाबंधन का त्योहार 03 अगस्त को मनाया जाएगा। इसके लिए सभी लोग अपने-अपने सुविधानुसार तैयारियों में लगे हैं। इन्हीं में से दिल्ली स्थित मजनू-का-टीला में रहने वाली पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थी भी हैं, जो सीमा पर तैनात सेना के जवानों के लिए राखियाँ बना रही हैं। ज्ञात हो कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लगभग 120 हिंदू शरणार्थी परिवार मजनू का टीला गुरुद्वारे के पास बाढ़ के मैदान में रह रहे हैं।
BEYOND BORDERS: Pakistani refugees near Majnu Ka Tilla make rakhis for soldiers posted on border.
— The Indian Express (@IndianExpress) July 28, 2020
(Express photos by Praveen Khanna) pic.twitter.com/3c6wqphB6a
इन राखियों की पैकेजिंग पर सबसे ख़ास बात ‘आत्मनिर्भर भारत’ का स्टीकर है। इन राखियों के जरिए एक ओर जहाँ ये पाकिस्तानी शरणार्थी भारतीय सेना को अपना आभार प्रकट कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ये उन्हें आजीविका का साधन भी उपलब्ध करा रहा है।
RSS की ‘सेवा भारती संस्था’ ने दिल्ली स्थित मजनू-का-टीला में रहने वाली पाकिस्तान की महिला शरणार्थियों की सहायता की, ताकि वे राखी बनाकर अपनी आजीविका कमा सकें। इन्हीं शरणार्थियों में से एक, रानी ने कहा, “हम अपने भाइयों के लिए राखी बना रहे हैं, जो सीमाओं पर हमारे लिए लड़ रहे हैं। हम उन्हें धन्यवाद देना चाहते हैं, हमारा आशीर्वाद उनके साथ है।”
इंडिया टीवी की एक रिपोर्ट में इन्हीं में से एक महिला का कहना है कि सीमा पर हम लोगों के लिए जो अपनी जान दे रहे हैं और हमारी रक्षा कर रहे हैं हम उनके लिए ये राखियाँ बना रहे हैं। उनका कहना है कि ये अपने वतन के लिए लड़ने वाले फौजियों के लिए हमारी दुआएँ हैं।
गौरतलब है कि मजनू का टीला में रह रहीं महिलाओं को RSS की ‘सेवा भारती संस्था’ ने राखी बनाने का काम दिया है, जिसके बदले इन्हें मेहनताना भी दिया जायेगा। गलवान घाटी में तैनात जवानों को ये राखियाँ सेवा भारती संस्था के द्वारा पहुँचाई जाएँगी।
ज्ञात हो कि आरएसएस की इसी सेवा भारती संस्था ने देशभर में कोरोना वायरस के दौरान जारी लॉकडाउन के के बीच गरीब और बेसहारा लोगों को राशन-पानी और तमाम जरूरतों के लिए व्यापक प्रबंध और प्रयास किए हैं।