Monday, November 18, 2024
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घर गया, पानी की टंकी गई… अब भीषण गर्मी में चारपाई ही छत: जानिए जोधपुर के बुलडोजर पीड़ित पाकिस्तानी हिंदुओं का हाल

रामचंद्र भील ने जीवन भर की कमाई लगाकर जोधपुर के चोखा गाँव में एक घर बनाया। लेकिन अब वे बेघर हैं। चारपाई की छत के नीचे उनका परिवार रहता है। पीने का पानी नहीं है, क्योंकि प्रशासन ने पानी की टंकी भी तोड़ दी।

करीब चार महीने पहले 23 साल के रामचंद्र भील ने पाकिस्तान छोड़ा था। कई दिनों की यात्रा के बाद वे राजस्थान के जोधपुर के चोखा गाँव पहुँचे। जीवन भर की कमाई (70 हजार रुपए) देकर यहीं जमीन का एक टुकड़ा लिया। घर बनाया और रहने लगे। लेकिन अब भील बेघर हैं। इस गर्मी में चारपाई ही उनकी छत है। भील उन पाकिस्तानी हिंदुओं में से एक हैं, जिनके घरों पर 24 अप्रैल 2023 को जोधपुर विकास प्राधिकरण ने बुलडोजर चला दिया था।

बुलडोजर चलने के बाद यहाँ रह रहे लोगों के हालात बदतर हो गए हैं। भीषण गर्मी में भी वे खुले में रहने को मजबूर हैं। बच्चों को एक वक्त का खाना तो दूर पानी भी ढंग से नसीब नहीं हो पा रहा। घर टूटने के बाद सब कुछ अस्त-व्यस्त है। चारों ओर फटे हुए तिरपाल, खाली बर्तन और अन्य सामान बिखरे हुए हैं। पीड़ितों का कहना है कि उन्होंने जमीन खरीदकर घर बनाया था। वहीं, प्रशासन का कहना है कि इनके पास जमीन के कोई कागजात नहीं हैं।

प्रशासनिक कार्रवाई के बाद स्वराज्य की पत्रकार स्वाति गोयल शर्मा ने यहाँ जाकर पीड़ितों का हालात जाना। स्वराज्य को पाकिस्तान के सिंध प्रांत के संघार जिले से आए रामचंद्र भील ने बताया कि वे 4 महीने पहले यात्री वीजा पर भारत आए। अब लॉन्ग टर्म वीजा भी बनवा लिया है। लेकिन जीवन भर की कमाई से जो उन्होंने और उनकी पत्नी ने जो घर यहाँ बनाया वो अब नहीं है। इसके कारण रामचंद्र और और उनका परिवार भीषण गर्मी में चारपाई की छत के भरोसे जी रहे हैं। वे लकड़ी के सहारे चारपाई को तिरछा खड़ा देते हैं और पूरा परिवार उसकी छाया में दिन काटता है। उन्होंने बताया कि अब खाना तो दूर पानी भी नहीं मिल पा रहा है। यहाँ पानी के लिए सीमेंट की जो टंकी थी, उसे भी प्रशासन ने तोड़ दिया।

मजना राम भील तो साल 2013 में ही पाकिस्तान के सिंध प्रांत से भारत आ गए थे। अब पानी और भोजन के लिए उनके परिवार को कई किलोमीटर चलना पड़ रहा है। वे पूछते हैं कि हम यहाँ नहीं रहेंगे तो और कहाँ जाएँगे। सरकार हमें यहीं घर बनाने की अनुमति दे। बेघर होने के बाद कुछ लोग घर बनाने के लिए किसी दूसरी जगह की तलाश कर रहे हैं। वहीं, कुछ लोग पुरानी जगह पर ही फिर से घर बनाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। बुजुर्ग चौथराम बताते हैं कि जब पीने का पानी ही नहीं है तो लोग नहाना और दूसरी चीज़ों के बारे में सोच भी नहीं सकते।

स्वराज्य की रिपोर्ट की मानें तो इस जगह बुलडोजर चलने के बाद भी अधिकांश मुस्लिमों के पक्के घर बने हुए हैं। वहीं, पाकिस्तानी हिंदू हिंदू बाँस और तिरपाल के सहारे झुग्गी में रहने को मजबूर हैं। 24 अप्रैल को JDA की कार्रवाई के दौरान कुछ ग्रामीणों ने कथित तौर पर जेसीबी ड्राइवर और एक पत्रकार पर पथराव किया था। इसके बाद प्रवासी हिन्दुओं को उकसाने का आरोप में भाग चंद भील को गिरफ्तार किया गया है। भाग चंद की गिरफ्तारी को लेकर भी इन लोगों में गुस्सा है। लोगों का कहना है कि भाग चंद ने उन्हें बसाने में मदद की थी, क्या उसका यही अपराध था?

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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