बिहार के कैमूर जिले में नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप और उसका वीडियो वायरल करने के मामले में सोमवार (नवंबर 25, 2019) को लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। आक्रोशित लोगों ने मोहनियां शहर में जमकर तोड़फोड़, पथराव व आगजनी की। इस दौरान आधा दर्जन बाइकें, एक गुमटी व दो झोपड़ीनुमा दुकानों को आग के हवाले कर दिया। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि मात्र पाँच मिनट के भीतर ही बाजार की सभी दुकानों के शटर बंद कर दिए गए। इसके बाद पूरे शहर में सन्नाटा पसर गया।
कहा जा रहा है कि प्रदर्शनकारी आरोपितों का घर जलाना चाहते थे, लेकिन मौक़े पर पहुँची पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया। सुरक्षा के लिहाज से राज्य सरकार ने कैमूर में इंटरनेट सेवाओं को भी बंद कर दिया है। गृह विभाग के आदेशानुसार 25 से 26 नवंबर तक जिले में इंटरनेट सेवा बंद रहेगी।
प्रभात खबर की रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में पुलिस ने अरबाज और सोनू को गिरफ्तार कर लिया है। कलाम और सिकंदर अब भी फरार हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए पटना से आई एसटीएफ की टीम स्थानीय पुलिस के साथ छापेमारी कर रही है। पीड़िता की आत्महत्या की फैली अफवाह ने भी लोगों के आक्रोश को बढ़ाने का काम किया।
गौरतलब है कि रविवार को वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ा था। वायरल वीडियो में देखा गया था कि एक कार में कुछ लड़के नाबालिग लड़की का मुँह बंद करके उसका बलात्कार कर रहे हैं और गाड़ी का शीशा लॉक है। इसके बाद रविवार को ही पीड़िता भभुआ स्थित महिला थाने पहुँची और मोहनियां के चारों लड़कों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई।
लड़की ने बताया कि अरबाज उसे कोचिंग आने-जाने के दौरान मिला था। इस दौरान उसने उसे प्रेम जाल में फँसाया। फिर शादी का झाँसा देकर पिछले 5 महीने से वह उसका यौन शोषण कर रहा था। मंगलवार को पीड़िता को कलाम ने मोहनिया में मुंडेश्वरी गेट के पास बुलाया। वहाँ अरबाज और उसके साथी पहले ही गाड़ी लेकर मौजूद थे। लड़की के आते ही उसे गाड़ी में खींच लिया गया। जब लड़की ने चिल्ला कर विरोध किया तो उसके मुँह पर पट्टी बाँध दी गई और हत्या कर फेंकने की धमकी देकर रतवार नदी के पास ले गए। जहाँ चारों ने मिलकर उसके साथ पहले बलात्कार किया और फिर उसका वीडियो वायरल कर दिया।