अमेरिका के न्यू यॉर्क, टफ्ट्स, कैलिफ़ोर्निया, बर्कले जैसे नामचीन विश्वविद्यालयों से लेकर भारत के जेएनयू में पढ़ाने वाले प्रोफेसर सुदीप्तो चटर्जी यौन शोषण के आरोपों में घिर गए हैं। यह मामला तब सामने आया जब चटर्जी की ही एक छात्र ने फेसबुक पर एक लम्बी पोस्ट लिखकर विस्तार से बताया कि यौन शोषण के एक नाट्य सीन की रिहर्सल के दौरान सुदीप्तो द्वारा असलियत में छात्रा (एंजेला मोंडल) को यौन उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा।
अपनी पोस्ट में इस मामले को विस्तार से लिखते हुए मोंडल ने बताया कि जब वह अपने इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित ‘लिसिस्त्राते (Lysistrata)’ नामक नाटक के लिए ऑडिशन देने गईं तो चटर्जी ने उन्हें अपने निर्देशन में बनने वाली फिल्म भाद्रोजा में अभिनय करने के लिए फ़ाइनल कर लिया।
मोंडल ने बताया, “भाद्रोजा के लिए तीन शो करने के बाद एक दिन अचानक से चटर्जी ने कहा कि शायद एक सीन कारगर नहीं हुआ है और वे मुझसे उम्मीद कर रहे थे कि इसमें मैं उनकी मदद करूँ। फिर उन्होंने (चटर्जी ने) मुझे अभिनय सिखाने के बहाने अपने यहाँ बुलाया। उन्होंने कहा कि मैं तुम्हें डायफ्राम ब्रीदिंग और साइकोफिजिकल एक्टिंग सिखाऊंगा। इसके बाद उन्होंने मुझसे नाटक के एक सीन के सम्बन्ध में बात करते हुए बलात्कार और उसके आघात की बात की। फिर उन्होंने मुझे पीछे से पकड़ लिया और कहा कि इसे शारीरिक सम्बन्ध से जोड़कर नहीं देखो क्योंकि अगर वो ऐसा कर रहे होते तो मुझे उनके लिंग के हार्डनेस से पता चल जाता।
एंजेला ने इसके आगे बताया, “इसके बाद सुदीप्तो ने मुझे आँखे बंद कर लेट जाने को कहा। साथ ही ऊपर के रेप सीन संबंधी डायलॉग बोलने को कहा। इसके बाद उन्होंने मुझे उंगलियों से छूना शुरू किया और कहा कि उनकी छुअन को सेंस करते हुए डायलॉग बोलूँ। फिर अचानक से उस शख्स ने (बिना मुझे बताए) अपनी उँगलियों से मेरे अंदर पेनिट्रेट किया। इतना ही नहीं, इसके बाद पेनिट्रेशन के दौरान यह भी बोला कि मैं अपनी डायलॉग और ऊंची आवाज़ में बोलूँ।”
पीड़ित एंजेला ने अपनी पोस्ट में अपन आपबीती बयाँ करते हुए लिखा, “मैं इस घटना के बाद एकदम टूट गई, मेरा बदन अकड़ गया था, मेरी आवाज़ जैसे कहीं खो गई हो। मेरी हालत एकदम एक लाश जैसी हो गई थी, मेरे घुट-घुटकर रोने पर वह एकदम से पीछे हट गया। उसने मुझसे कहा कि नाटक के सीन के लिए मैं तुम्हें जिस मानसिक और भावनात्मक स्थिति में लाना चाहता था, यह उसकी एक प्रक्रिया थी, जो पूरी हुई।”
एंजेला ने आरोप लगाते हुए कहा कि सुदिप्तो चटर्जी ने उनके साथ यह हरकत एक बार फिर दोहराने की कोशिश की थी मगर इस बार एंजेला ने हिम्मत जुटाकर चटर्जी को दूर करने में ज़रा भी देर न लगाई। इसके बाद चटर्जी फिर कभी उसके साथ दुर्व्यवहार करने की हिम्मत नहीं जुटा सका बल्कि और एंजेला से दूर हो गया।
बीते कल में छिपे रूह को कँपकँपा देने वाले अपने इतिहास को याद करते हुए एंजेला ने अपनी पोस्ट में यह भी बताया कि इस घटना के बाद वे सदमे और अस्वीकार्यता में जी रही थी। हालाँकि इन सब के बावजूद वे मानसिक कष्ट से जूझते हुए भी चटर्जी से बचते-बचाते उन्हीं की भाद्रोजा फिल्म में काम भी कर रही थीं। अंततोगत्वा मोंडल ने भद्रोजा फिल्म के इस काम से बाहर निकलने फैसला किया।
मोंडल का दावा है कि सुदीप्तो चटर्जी से इतना बचने-बचाने के बावजूद आख़िरकार जब व्हाट्सएप पर दोनों का आमना-सामना हुआ तो लड़की एंजेला ने चैट में अपना स्टेटमेंट रखा मगर इसके तुरंत बाद ही चटर्जी ने उन्हें व्हाट्सएप पर ब्लॉक कर दिया। पीड़ित लड़की ने लिखा कि इस पूरे घटनाक्रम के बारे में चटर्जी की पत्नी अनीशा चक्रवर्ती को शुरुआत से ही मालूम था। लेकिन उसने एंजेला से इस पूरे मामले को भूल जाने को कहा था। अनीशा ने कहा था कि इसके चलते उनके रिश्ते ख़राब हो सकते हैं।
एंजेला मोंडल ने अपने पोस्ट में यह भी लिखा है कि उसने इस बात को चटर्जी के थियटर वाले समूह ‘स्पेक्टेटर्स’ के उसके करीबी लोगों से साझा करने की भी पहल की थी। सबने व्यग्तिगत रूप से मामले को लेकर पीड़िता से हमदर्दी तो जताई मगर सिर्फ पर्सनल चैट में, क्योंकि सुदीप्तो चटर्जी की पहुँच और उसके कद के चलते किसी ने भी खुलकर पीड़िता का पक्ष नहीं लिया और न ही कोई उसके समर्थन में बोला।
पीड़िता एंजेला मोंडल ने बताया कि चटर्जी के खिलाफ उसने अपने संस्थान में शिकायत कर दी है जिसके बाद सोमवार 16 अक्टूबर को उसे इस सम्बन्ध में मीटिंग के लिए बुलाया गया था। मीटिंग में उन्हें बताया गया कि चटर्जी ने मामले की सुनवाई के एक ही दिन पहले परोक्ष रूप से संस्थान में अपनी सेवाओं से इस्तीफ़ा दे दिया है। इस पर एंजेला ने अपनी राय रखते हुए कहा, “क्या मैं इस तरह का न्याय डिज़र्व करती हूँ? यह एक खुला राज़ है कि सुदिप्तो चटर्जी आदतन यौन शोषण करने वाला व्यक्ति है। कई कई ऐसी लड़कियाँ और भी हैं, जिन्हें उसने अपना शिकार बनाया है मगर उस पर इसका कभी कोई फर्क नहीं पड़ा क्योंकि शायद ज़्यादातर लड़कियां इस पर खुलकर कभी बोलने के लिए आगे नहीं आईं।”
अपनी पोस्ट के आखिर में एंजेला मोंडल ने लिखा, “मैं अपनी आवाज़ बुलंद कर रही हूँ, खासकर उन महिलाओं के लिए जो यौन शोषण झेलती हैं। लोगों को यह जानना बहुत ज़रूरी है कि एक बलात्कारी एक मशहूर और सभ्य, संभ्रांत वर्ग के लोगों के बीच खुले-आम घूम रहा है जिससे कि वह इस सन्दर्भ में ज़रूरी कदम उठा सकें। न ही मैं उसकी पहली शिकार थी और न ही उसकी आखिरी, लेकिन हमें उसको रोकना होगा।”