मथुरा की एक अदालत में ‘श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन समिति’ ने एक याचिका दायर की है। इस याचिका में शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की माँग की गई है। समिति ने कहा है कि अगर मुस्लिम पक्ष (मस्जिद प्रबंधन समिति) शाही ईदगाह मस्जिद को ध्वस्त करता है तो नई मस्जिद बनाने के लिए इससे भी बड़ी जमीन दी जाएगी। बता दें कि शाही ईदगाह मस्जिद श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर कब्ज़ा कर के बनवाया गया था।
मथुरा स्थित सीनियर डिवीजन के सिविल जज की अदालत में ये याचिका अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह के माध्यम से दायर की गई। इस याचिका में कहा गया है कि औरंगजेब ने मंदिर को ध्वस्त कर के उससे निकले पत्थरों से इस मस्जिद को बनवाया। सबूत के रूप में बताया गया है कि मस्जिद के कई पत्थरों पर अब भी हिन्दू शास्त्रों के शब्द खुदे हुए देखे जा सकते हैं। मंदिर प्रशासन की तरफ से इसमें कहा गया है कि अगर मुस्लिम पक्ष मस्जिद को ध्वस्त करने को राजी होता है तो नए मस्जिद के निर्माण के लिए इससे बड़ी जगह कहीं और दी जाएगी।
इस याचिका में नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए ऐतिहासिक राम मंदिर फैसले का भी जिक्र किया गया है। इसमें हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुनाते हुए तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की पीठ ने मस्जिद के लिए अयोध्या में ही अन्यत्र जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश केंद्र सरकार को दिया था। पिछले साल ही शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने के लिए याचिका दायर कर दी गई थी। इस याचिका को उस सूट के हिस्सा बनाने की प्रार्थना की गई है।
इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई 5, 2021 को तय की गई है। शाही ईदगाह मस्जिद के काउंसलर और सचिव तनवीर अहमद ने कहा है कि उन्हें इस याचिका की कोई कॉपी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि प्रति मिलने के बाद इस पर बयान जारी किया जाएगा। इस याचिका में मुस्लिमों को मस्जिद की जमीन से डेढ़ गुना ज्यादा, यानी ब्रज के 84 कोस जमीन मुहैया कराने का ऑफर दिया गया है।
The court of civil judge (senior division) in Mathura has fixed July 5 as the next date of hearing
— Hindustan Times (@htTweets) June 23, 2021
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सितंबर 25, 2021 को ही ‘श्री कृष्ण विराजमान’ की तरफ से मस्जिद को हटाने के लिए याचिका दायर की जा चुकी है। बाल श्रीकृष्ण के पैरवीकार के रूप में अधिवक्ता रंजन अग्निहोत्री व अन्य ने इस याचिका को दायर किया था। इसमें आरोप लगाया गया था कि मस्जिद कमिटी ने कुछ मुस्लिमों की मदद से कटरा केशव देव की जमीन पर इस्लामी ढाँचा खड़ा कर के कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है, जबकि वो जमीन श्रीकृष्ण मंदिर ट्रस्ट की है।
बता दें कि कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कण्डेय काटजू ने अपने एक फ़ेसबुक पोस्ट में लिखा था, ”अभी तो यह झाँकी है, काशी मथुरा बाकी है। जो लोग चिल्ला रहे हैं कि बीजेपी की लोकप्रियता घट रही है, वह भूल गए हैं कि उत्तर प्रदेश का चुनाव हनोज दूर अस्त। यानी चुनाव अभी दूर है।” उन्होंने आगे लिखा था कि चुनाव से कुछ समय पहले मस्जिद गिरवा कर दंगे किए जाएँगे, जिससे हमारी मूर्ख जनता जिनके खोपड़े में सांप्रदायिकता का गोबर भरा है, उत्तेजित हो जाएगी और भड़भड़ा कर भाजपा को वोट दे देगी।