प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार (30 अगस्त, 2024) को महाराष्ट्र के दौरे पर हैं। यहाँ वह ग्लोबल फिनटेक समिट और वधावन पोर्ट के शिलान्यास में शामिल हुए हैं। पीएम मोदी ने पालघर में बनाए जाने वाले इस महत्वाकांक्षी पोर्ट का शिलान्यास किया है। यह परियोजना भारत की महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में से एक है। इसके जरिए भारत समुद्री यातायात में लम्बी छलाँग लगाने की योजना बना रहा है। बड़ी लागत से बन रहा यह पोर्ट सागरमाला परियोजना का हिस्सा है। एक बार बन जाने पर यह देश के मालवहन के लिए सहायक होगा।
क्या है वधावन पोर्ट परियोजना?
भारत का विदेशी व्यापार बीते कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। इस कारण से आयात-निर्यात में भी तेज बढ़ोतरी हुई है। आयात निर्यात में होने वाली बढ़ोतरी से लगातार भारत में पहले से मौजूद बंदरगाहों पर दबाव बढ़ रहा है। साथ ही अब नए और बड़े बंदरगाहों की जरूरत भी महसूस की जा रही है। इसी क्रम में महाराष्ट्र में वधावन पोर्ट बनाने का निर्णय केंद्र सरकार ने लिया है। इस नए बंदरगाह को जून, 2024 में मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिली थी। इसे सागरमाला परियोजना के तहत विकसित किया जा रहा है।
Today, India is set to make history with the launch of its largest deep-water port, Vadhvan, in Palghar, Maharashtra.
— MyGovIndia (@mygovindia) August 30, 2024
This project will elevate India’s maritime prowess and significantly boost global trade. Discover what makes Vadhvan Port a true maritime marvel… pic.twitter.com/lso24coAp1
वधावन पोर्ट को पालघर जिले में दहानू में बनाया जा रहा है। इसे बनाने में ₹76,000 करोड़ से अधिक लागत आने का अनुमान है। इसे भारत सरकार और महाराष्ट्र सरकार मिल कर बना रही हैं। भारत सरकार की तरफ से जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी और महाराष्ट्र सरकार मेरीटाइम बोर्ड के जरिए इसमें भागीदार बन रही है। इस पोर्ट में केंद्र सरकार की 76% हिस्सेदारी होगी। वधावन बंदरगाह को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के अंतर्गत बनाया जा रहा है।
क्या है खासियत?
वधावन पोर्ट को 17,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में विकसित किया जाएगा। यह भारत का 13वां और सबसे बड़ा पोर्ट होगा। इसके लिए समुद्र से भी 1448 हेक्टेयर जमीन का विकास किया जाएगा। वधावन पोर्ट में कुल 9 कंटेनर टर्मिनल होंगे। हर एक टर्मिनल 1000 मीटर लंबा होगा। इसके अलावा वधावन पोर्ट में गैस और लिक्विड पदार्थों के लिए अलग से बर्थ बनाई जाएगी। तटरक्षक बलों के लिए भी अलग से बर्थ की व्यवस्था होगी। इस पोर्ट पर एक बड़ा कार्गो भंडारण क्षेत्र बनाया जाएगा।
Vadhavan Port, Maharashtra, is an ambitious project under MoPSW’s Sagarmala Program. The proposed new greenfield port that is going to be India’s 13th Major Port, which will be an integral part of the India-Middle East-Europe Economic Corridor.@narendramodi@sarbanandsonwal pic.twitter.com/5HplzWmRFo
— Ministry of Ports, Shipping and Waterways (@shipmin_india) July 4, 2024
वधावन पोर्ट हर साल लगभग 300 मिलियन टन मालवहन क्षमता वाला होग। एक बार तैयार होने पर यह पोर्ट प्रति वर्ष 2.3 करोड़ से अधिक 25 फीट वाले कंटेनर को संभाल सकेगा। वधावन पोर्ट के बन जाने से मुंबई के न्हावा शेवा (JNPT) बंदरगाह पर दबाव कम हो सकेगा। वधावन पोर्ट भारत-मध्य पूर्व-यूरोप गलियारे का भी महत्वपूर्ण हिस्सा होगा। एक बार निर्मित होने पर यह बंदरगाह विश्व के दस सबसे बड़े बंदरगाहों में से एक होगा। अभी मुंद्रा पोर्ट भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह है जो विश्व में 26वें नम्बर पर है।
क्या होगा इससे फायदा?
सरकार का अनुमान है कि वधावन पोर्ट के कारण लगभग 12 लाख रोजगार पैदा होंगे। साथ ही बड़ी संख्या में बड़े जहाज भारत आने के कारण समुद्री भाड़े की कीमतों में भी कमी आएगी। इसके अलावा क्षमता बढ़ जाने के कारण बड़े जहाज यहाँ आकर अपनी आपूर्तियाँ ले सकेंगे, इससे भी कमाई होगी। वधावन पोर्ट बन जाने से पालघर के इस इलाके का भी काफी विकास होगा और यहाँ की आबादी के लिए स्वरोजगार के नए मौके भी खुलेंगे। इस परियोजना के निर्माण के दौरान ही बड़ी संख्या में लोगों की जरूरत होगी।