प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार (17 दिसंबर 2023) को अपने गृहराज्य गुजरात के दौरे पर हैं। पीएम ने सूरत एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया। इसके बाद सूरत के डायमंड सेंटर पहुँचे और उसका उद्घाटन किया। इसके बाद उन्होंने वहाँ मौजूद लोगों को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी के साथ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद थे।
पीएम मोदी ने डायमंड सेंटर का जायजा भी लिया। यह दुनिया का सबसे बड़ा ऑफिस कॉम्प्लेक्स है। सूरत डायमंड बोर्स (SDB) नाम का यह कॉम्प्लेक्स सूरत शहर के नजदीक स्थित खजोद गाँव में बनाया गया है। 67 लाख वर्गफुट में बना यह कॉम्प्लेक्स अमेरिका के पेंटागन से भी बड़ा है। यह हीरा शोध एवं व्यापार सिटी का हिस्सा है।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सूरत डायमंड बोर्स हीरे के अंतर्राष्ट्रीय कारोबार के लिए भारत का सबसे बड़ा केंद्र होगा। यह कच्चे और पॉलिश किए गए हीरे के साथ-साथ अन्य आभूषणों के व्यापार का केंद्र होगा। इस कॉम्प्लेक्स में आभूषण के खुदरा व्यापार के लिए आभूषण मॉल है। इसके साथ अति सुरक्षित तिजोरियों का भी इंतजाम किया गया है। परिसर में 4000 से अधिक कैमरे लगाए गए हैं और अत्याधुनिक नियंत्रण कक्ष बनाया गया है।
A symbol of steadfast commitment to excellence in the realm of precious gems, the Surat Diamond Bourse is a game-changer for the country’s economy. https://t.co/bsldYuYRjk
— Narendra Modi (@narendramodi) December 17, 2023
हीरा एवं अन्य आभूषणों के व्यापार में किसी तरह की दिक्कत ना हो, इसके लिए आयात-निर्यात के लिए अत्याधुनिक सीमा शुल्क निकासी गृह और अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग जैसी सुविधाएँ दी गई हैं। SDB के मीडिया संयोजक दिनेश नवादिया ने कहा कि मुंबई के कई हीरा व्यापारी उद्धाटन से पहले अपने ऑफिस का कब्जा ले लिया है। इन्हें नीलामी के बाद प्रबंधन ने आवंटित किया था।
सूरत डायमंड बोर्स बिल्डिंग की कीमत करीब 3000 करोड़ रुपए है। इसमें लगभग 4,500 हीरा व्यापारियों के कार्यालय हैं। ड्रीम सिटी के अंदर 35.54 एकड़ के भूखंड पर बनी इस वृहद संरचना में 300 वर्गफुट से लेकर 1 लाख वर्गफुट तक के कार्यालय हैं। इस परिसर में नौ टावर हैं, जो 15 मंजिल तक ऊँचे हैं। सूरत डायमंड बोर्स से लगभग 1.5 लाख नए रोजगार से अवसर पैदा होंगे।
बता दें कि यह परिसर अमेरिका के सैन्य मुख्यालय पेंटागन से भी बड़ा है। यह दुनिया का सबसे बड़ा ऑफिस कॉम्प्लेक्स है। इस साल अगस्त में एसडीबी की इमारत को ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स‘ ने दुनिया की सबसे बड़ी कार्यालय इमारत के रूप में मान्यता दी है।
दूसरी तरफ, सूरत हवाईअड्डे को नया टर्मिनल भवन मिलने के बाद यात्रियों को सुविधा होगी। यह भवन 1200 घरेलू यात्रियों और 600 अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को संभालेगा। व्यस्त स्थिति में यह 3,000 यात्रियों तक संभाल सकेगा। बीते शुक्रवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सूरत एयरपोर्ट को इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इससे सूरत को इंटरनेशनल एयरपोर्ट का दर्जा भी मिल गया।
टर्मिनल विस्तार परियोजना में टर्मिनल की बिल्डिंग और एप्रन का विस्तार आदि शामिल है। इसके विस्तार के बाद यात्रियों को 20 चेकइन काउंटर, 5 एरोब्रिज, 13 इमिग्रेशन काउंटर की सुविधाएँ भी मिलेंगी। यह टर्मिनल भवन 8474 वर्गमीटर में थी, जिसे बढ़ाकर 25520 वर्गमीटर कर दिया गया है। टर्मिनल में गुजरात और सूरत शहर की संस्कृति को चित्रों के जरिए दर्शाया गया है। हवाई अड्डे की इस परियोजना की लागत लगभग 353.25 करोड़ रुपए है।