फ्रांस में हुए आतंकी हमले पर विवादित शायर मुनव्वर राणा ने विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने हमलावर का बचाव करते हुए कहा कि अगर उसकी जगह मैं होता तो मैं भी वही करता। किसी को इतना मजबूर न करो कि वह कत्ल करने के लिए तैयार हो जाए।
मुनव्वर राणा ने जी न्यूज से बात करते हुए कहा, “अगर अभी कोई शख्स मेरे बाप का कार्टून कोई ऐसा बना दे कोई गंदा, मेरी माँ का कोई ऐसा गंदा कार्टून बना दे, तो हम तो उसको मार देंगे। अगर कोई हमारे हिंदुस्तान में हमारे देवी-देवता का, माँ सीता का या भगवान राम का ऐसा कोई कार्टून बना दे जो गंदा हो, आपत्तिजनक हो, तो हम उसको मार देंगे।”
याद दिला दें कि इस वैचारिक आतंकवादी को साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया जा चुका है। pic.twitter.com/3g9c07OAsM
— Divya Kumar Soti (@DivyaSoti) October 31, 2020
उन्होंने आगे कहा, “हिंदुस्तान में हजारों सालों से ऑनर किलिंग को जायज मान लिया जाता है, कोई सजा नहीं होती है। तो फिर आप उसको नाजायज कैसे कह सकते हैं।”
मुनव्वर ने प्रधानमंत्री मोदी के आतंकवाद फैलाने वाले बयान पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ये राफेल की दरकार है, जो उन्हें ऐसा बयान देना पड़ा। मुनव्वर के मुताबिक, “मजहब वालों को चिढ़ाने के लिए ऐसा कार्टून बनाया गया। दुनिया में हजारों साल से ऑनर किलिंग होती है, अखलाक मामले में क्या हुआ, लेकिन तब किसी को तकलीफ नहीं हुई। किसी को इतना मजबूर न करो कि वह कत्ल करने पर मजबूर हो जाए।”
अपने इस विवादित बयान के बाद आज तक के साथ खास बातचीत में मुनव्वर राणा ने कहा कि मजहब एक खतरनाक खेल है और इससे इंसानों को दूर रहना चाहिए। शिक्षक का काम पढ़ाना है वो मोहम्मद साहब का कार्टून बनाकर क्यों दिखाएगा। उसे तो सिर्फ मोहम्मद साहब से दिक्कत है।
उन्होंने आगे कहा, “मैंने फ्रांस हिंसा को जायज नहीं ठहराया। मेरी बात को आप समझ नहीं पाती हैं या फिर मेरी बात के दूसरे मतलब निकालती हैं। मैं यह कह रहा हूँ कि यहाँ से मकबूल फिदा हुसैन को देश छोड़कर इसलिए भागना पड़ा क्योंकि उन्होंने हिंदू मजहब से छेड़छाड़ की थी। नतीजे के तौर पर अपनी जान बचाकर देश छोड़ नहीं भागते तो उन्हें अपनी जान गँवानी पड़ती। वो यहाँ से चले गए और 90 साल के बूढ़े आदमी ने गैर मुल्क में दम तोड़ा।”
फ्रांस हमले पर मुनव्वर राणा का विवादित बयान। देखिये, हल्ला_बोल। #ATLivestream | @minakshikandwal https://t.co/XlTSa9SKmG
— AajTak (@aajtak) October 31, 2020
उन्होंने कहा कि मजहब एक खतरनाक खेल है और इससे आदमी को दूर रहना चाहिए। दुनिया में कार्टून इसलिए बनाए जाने लगे कि दुनिया में हर शख्स एक दूसरे को गालियाँ नहीं दे सकता था। कार्टून बनाने का मतलब है कि अल्लाह की बनाई हुई शक्ल को आप बिगाड़ कर पेश करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अध्यापक मोहम्मद साहब का कार्टून बनाकर क्यों दिखाएगा। उसे दिखाना है तो वो खुदा का कार्टून दिखाए, हजरत ईसा का कार्टून दिखाए, हजरत मरियम का कार्टून दिखाए लेकिन वो नहीं दिखाएँगे। इसलिए कि वो खुद भी खुदा को भी मानता है। उसको सिर्फ मोहम्मद साहब से दिक्कत है।
कत्ल करने के मामले में मुनव्वर राणा ने कहा कि यह बुरा हुआ। मजहब के नाम पर पूरी दुनिया में ये रोजाना हो रहा है। आतंकवाद तो आतंकवाद होता है। धर्म बड़ा है या इंसान बड़ा है, इस सवाल पर राना ने कहा कि इंसान नहीं है तो धर्म नहीं है। इंसान के बगैर धर्म का तसव्वुर नहीं हो सकता।
गौरतलब है कि पिछले दिनों मुनव्वर राणा की बेटी उरूसा राणा ने कॉन्ग्रेस का दामन थाम लिया। उन्हें पार्टी ने लखनऊ से कॉन्ग्रेस महिला समिति की नई उपाध्यक्ष बनाया है। मुनव्वर राणा की एक और बेटी फौजिया राणा भी कुछ दिनों पहले बिहार कॉन्ग्रेस में शामिल हुई थीं।
मुनव्वर राणा ने राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नवम्बर 2019 में दिए गए ऐतिहासिक निर्णय को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा था, “भारत के पूर्व CJI रंजन गोगोई जितने कम दाम में बिके, उतने में हिंदुस्तान की एक ₹#डी भी नहीं बिकती है।“
उन्होंने एक विवादित ट्वीट करते हुए लिखा था कि भारत में 35 करोड़ इंसान और 100 करोड़ जानवर रहते हैं। मुनव्वर राणा ने यह ट्वीट भाजपा नेता संबित पात्रा को सम्बोधित करते हुए भारत में रहने वाले लोगों को लेकर लिखा था। शायर मुनव्वर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा था, “डियर संबित, कॉन्ग्रेस की जवानी में तो आप गब्हे पे रहे होंगे (गब्हे का मतलब आप उड़ीसा में नहीं, यूपी में पूछना)। लेकिन कोरोना पर सरकार की नाकामी ने मेरी इस बात को सही साबित किया कि भारत में 35 करोड़ इंसान और 100 करोड़ जानवर रहते हैं, जो सिर्फ वोट देने के काम आते हैं।”
बता दें कि पिछले दिनों फ्रांस में एक टीचर ने क्लास के अंदर पैगम्बर मोहम्मद का कार्टून दिखाया था। जिसके बाद एक स्टूडेंट ने उस टीचर की हत्या कर दी। हालाँकि बाद में उस स्टूडेंट को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। इस वारदात के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने इसे इस्लामी आंतकवाद करार दिया और कहा कि इस्लाम हमारा भविष्य हथियाना चाहता है, जो कभी नहीं होगा। साथ ही उन्होंने पैगम्बर मोहम्मद के कार्टून जारी रखने की बात कही थी।