बॉलीवुड में काम करके पैसा कमाने वाले जावेद अख्तर अपने बयानों के कारण अक्सर विवादों में रहते हैं। इस बार वह आरएसएस की तुलना तालिबान से करके बुरी तरह से फँस गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की तुलना तालिबान से करने को लेकर जावेद अख्तर के खिलाफ शनिवार (4 सितंबर) को शिकायत दर्ज की गई है।
वकील आशुतोष जे. दुबे द्वारा मानखुर्द पुलिस स्टेशन में दायर शिकायत में ग्रेटर मुंबई पुलिस से मामले पर संज्ञान लेने और अख्तर के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है। यह शिकायत अख्तर द्वारा शुक्रवार को NDTV पर दिए गए विवादित बयान को लेकर दर्ज कराई गई है।
I have filed the complaint against #JavedAkhtar with the @MumbaiPolice for intentionally outranging to the RSS, VHP, and Bajrang Dal.
— ADV. ASHUTOSH J. DUBEY🇮🇳 (@AdvAshutoshDube) September 4, 2021
Javed Akhtar called RSS, VHP, and Bajrang Dal supporters Talibani’s!
A complaint has been lodged with Javed Akhtar’s residential police station. pic.twitter.com/2fTbhICJa7
वहीं, भाजपा ने जावेद अख्तर से माफी की माँग की है। भाजपा नेता राम कदम ने कहा है कि जब तक अख्तर आरएसएस और वीएचपी की तुलना तालिबान से करने वाले अपने बयान के लिए माफी नहीं माँगते, तब तक उनकी फिल्में देश में नहीं दिखाई जाएँगी।
3 सितंबर को एनडीटीवी के एक शो में अख्तर ने कहा, ”आरएसएस, वीएचपी और बजरंग दल का समर्थन करने वालों की मानसिकता भी तालिबान जैसी ही है।” उन्होंने कहा, ”जिस तरह तालिबान एक मुस्लिम राष्ट्र बनाने की कोशिश कर रहा है। उसी तरह कुछ लोग हमारे सामने हिंदू राष्ट्र की अवधारणा पेश करते हैं।”
जावेद अख्तर ने आगे कहा, “इन लोगों की मानसिकता एक जैसी है। तालिबान हिंसक हैं। जंगली हैं। उसी तरह आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल का समर्थन करने वाले लोगों की मानसिकता एक जैसी है।
This is EXACTLY how self-certified ‘atheist muzlims’ like @Javedakhtarjadu manage to do things, 1) legitimise terror outfits like Taliban by comparing them to a social organisation like RSS and 2) Repeat the lie RSS = Taliban so many times thae it sticks. pic.twitter.com/LFLAl2EVmr
— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) September 3, 2021
तालिबान की तुलना आरएसएस, विहिप और बजरंग दल से करते हुए अख्तर ने कहा कि हिंदू संगठन जिन विचारधाराओं का पालन करते हैं, वे तालिबान से अलग नहीं हैं। उन्होंने हँसते हुए कहा, “उन्हें तालिबान की तरह अल्पसंख्यकों से कोई प्यार नहीं है। वे चाहते हैं कि तालिबान की तरह महिलाएँ घर में ही रहें। दोनों के बीच क्या अंतर है? वे कहते हैं कि उनकी धार्मिक आस्था से बढ़कर कोई कानून नहीं है, ऐसा तालिबान भी कहता है। आप उनसे कैसे अलग हैं?”