राजस्थान का अलवर जिला लगातार पुलिस और कानून व्यवस्था की बदहाली की नई मिसाल कायम कर रहा है। इस बार एक अलग ही प्रकार की घटना में अलवर पुलिस पर स्थानीय लोगों ने हाथ आजमा दिए। यह मामला अलवर जिले के मुंडावर थाना इलाके की है, जहाँ पुलिस खुद मॉब लिचिंग की शिकार हो गई और उन्हें मुंडावर अस्पताल में प्राथमिक उपचार देकर रात करीब 2 बजे अलवर रेफर कर दिया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भीड़ ने नशे में घटनास्थल पर एक मामला सुलझाने पहुँचे दो पुलिसकर्मियों की जमकर धुनाई कर डाली। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिसकर्मी शराब के नशे में एक पारिवारिक विवाद का निपटारा करने आए थे। फ़िलहाल दोनों घायल पुलिसकर्मियों का अलवर के अस्पताल में इलाज चल रहा है।
घटना अलवर जिले के मुंडावर के जागीवाड़ा गाँव से प्रकाश में आया। शुक्रवार (सितंबर 14, 2019) रात में सर्किल गश्त के दौरान भिवाड़ी पुलिस कंट्रोल रूम से सूचना मिली थी कि जागीवाड़ा गाँव में दो महिलाओं को उनके ससुराल में बंधक बनाकर मारपीट की जा रही है।
सूचना पर उप निरीक्षक रामस्वरूप और कॉन्स्टेबल शिवरतन समेत 3-4 पुलिसकर्मी गाँव गए। पुलिस के साथ ही महिलाओं के पीहर पक्ष के (बहरोड़ थाना क्षेत्र के) लोग भी घटनास्थल पर पहुँच गए। ग्रामीणों का आरोप है पुलिसकर्मी शराब के नशे में थे और जबरन महिलाओं को ले जाने की कोशिश कर रहे थे। इस पर ग्रामीणों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि महिला पुलिसकर्मी के बिना वे महिलाओं को नहीं भेजेंगे, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उनकी बात नहीं सुनी।
ग्रामीणों ने बताया कि एक पुलिसकर्मी के मुँह से शराब की बदबू आने पर लोगों ने उसे पकड़ लिया। उसे बचाने के चक्कर में जब उप निरीक्षक रामस्वरूप और कॉन्स्टेबल शिवरतन आगे आए तो भीड़ ने उनकी जमकर धुनाई कर दी।
घटना की सूचना मिलते ही मौके पर ततारपुर सहित अन्य थानों व क्यूआरटी टीम जागीवाड़ा गाँव पहुँची और दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया, जबकि अन्य फरार हो गए। नीमराना वृताधिकारी हरीराम कुमावत के अनुसार, मामले की जाँच जारी है। पुलिस उक्त लोगों के खिलाफ राजकार्य में बाधा में मारपीट का मामला दर्ज करेगी।
इस पिटाई के बाद फिलहाल दोनों का अलवर के अस्पताल में इलाज चल रहा है। घायल पुलिसकर्मियों का कहना कि ग्रामीणों ने उन्हें बंधक बनाई गई महिलाओं के पीहर पक्ष के साथ आने और जबरन दबाव बनाकर महिलाओं को ले जाने की बात समझकर पिटाई कर दी। बाद में किसी तरह से पुलिसकर्मियों को भीड़ से छुड़वाया गया और उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। वहाँ दोनों को प्राथमिक उपचार के बाद अलवर रेफर कर दिया गया।