कर्नाटक विधानसभा में रेप पर आपत्तिजनक बयान देने वाले कॉन्ग्रेस विधायक केआर रमेश कुमार ने लगातार हो रही आलोचना के बाद माफी माँग ली है। रमेश कुमार ने अपने बयान में कहा, ‘मैं दिल से अपने शब्दों के लिए क्षमा माँगता हूँ।” विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने भी उनकी माफ़ी को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा है, “अब उन्होंने माफी माँग ली है। इसलिए इस मुद्दे को अब ज्यादा न खींचा जाए।” वहीं, राजनीतिक विश्लेषक के तौर पर टीवी डिबेट में शामिल होने वाले अब्दुल रज्जाक को इस बयान में कुछ भी गलत नहीं लगा।
If it hurts the sentiments of women, I’ve no problem apologising. I apologize from the bottom of my heart: Congress MLA KR Ramesh Kumar in Karnataka Assembly on his ‘rape’ remark made in the House yesterday.
— ANI (@ANI) December 17, 2021
“He has apologized, let’s not drag it further,” says Speaker VH Kageri. pic.twitter.com/7u3HeaSbLr
6 बार विधायक चुने गए कॉन्ग्रेस नेता रमेश कुमार ने विधानसभा में कहा था, “अगर रेप अपरिहार्य हो तो लेटकर इसका मज़ा लें।” उनके इस बयान की सोशल मीडिया और राजनैतिक गलियारों में तीखी आलोचना हो हुई। हालाँकि, राजनैतिक विश्लेषक अब्दुल रज़्ज़ाक खान ने इस बयान का बचाव किया। टाइम्स नाउ के एक शो ‘न्यूज़ ऑवर’ में बहस के दौरान जब शो की होस्ट नविका कुमार ने सवाल किया कि क्या कॉन्ग्रेस पार्टी को विधायक रमेश कुमार को निकाल देना चाहिए? तब अब्दुल रज़्ज़ाक ने कहा, “क्या उन्होंने कुछ गलत कहा? अगर वो गलत था तो विधानसभा अध्यक्ष ने उस पर आपत्ति क्यों नहीं की?’
#PunishThisMindset
— TIMES NOW (@TimesNow) December 16, 2021
‘Did he say anything wrong?’, asks @abdulrazackkhan over the ‘enjoy rape’ analogy made by Karnakata Congress MLA Ramesh Kumar.
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जब नविका ने बीच में टोकते हुए पूछा, “क्या आप मानते हैं कि ‘लेट कर रेप का मज़ा लो’ में कुछ भी गलत नहीं है? स्पीकर इस पर हँस रहे थे। आप कह रहे हैं कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है।” इसके जवाब में अब्दुल रज़्ज़ाक ने कहा कि रमेश कुमार 6 बार के विधायक हैं, लेकिन उनको टोकते हुए नविका कुमार ने कहा, “तो क्या हुआ? कानून बनाने वाला एक व्यक्ति ऐसी भाषा बोलेगा तो उसको कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
गौरतलब है कि अक्टूबर 2019 में अब्दुल रज़्ज़ाक हिन्दू नेता कमलेश तिवारी की इस्लामी चरमपंथियों द्वारा की गई हत्या को भी जायज ठहरा चुके हैं। तब उन्होंने कमलेश तिवारी को हत्या किए जाने योग्य बताया था और उस पर शोक प्रकट करने से मना कर दिया था। उस समय अब्दुल रज़्ज़ाक के साथ कई अन्य लोगों ने भी सोशल मीडिया पर इस निर्मम हत्या पर ख़ुशी जाहिर की थी।