हिंदुत्ववादी नेता कमलेश तिवारी की निर्मम हत्या पर सोशल मीडिया में हा-हा करते ‘शांतिदूत’ तो आपने बहुतेरे देखे होंगे। अब लाइव टीवी पर भी इस जघन्य वारदात की निंदा करने से इनकार किया जा रहा है। टाइम्स नाउ के एक डिबेट में शामिल राजनीतिक विश्लेषक अब्दुल रज्जाक खान ने कहा कि कमलेश तिवारी की हत्या की वे निंदा नहीं करेंगे और वह इसका हकदार था।
स्वयंभू राजनीतिक विश्लेषक ने ये बातें शनिवार (19 अक्टूबर) को तिवारी की हत्या पर चल रहे डिबेट शो के दौरान कही। बहस के दौरान खान ने इस घटना की निंदा से इनकार कर जोर देते हुए कहा कि तिवारी इसके ही हकदार थे।
I would not condemn this killing: @abdulrazackkhan, Political Analyst tells Madhavdas G on @thenewshour Special Edition. | #KamleshMurderProbe pic.twitter.com/MvDX8WrPBJ
— TIMES NOW (@TimesNow) October 19, 2019
टाइम्स नाउ टीवी चैनल पर चल रही लाइव चर्चा में 6 पैनलिस्ट शामिल थे। अब्दुल रज्जाक ख़ान बतौर राजनीतिक विश्लेषक चर्चा में भाग ले रहे थे। ख़ान कई राजनीतिक दलों से जुड़े रहे हैं। कथित तौर पर, वे बीबीएमपी नगरपालिका चुनावों में बसपा के उम्मीदवार थे। उससे पहले वे जेडीएस के प्रवक्ता भी रह चुके हैं।
गौरतलब है कि कट्टरपंथी इस्लामवादियों ने हिन्दू महासभा के नेता कमलेश तिवारी की 18 अक्टूबर को निर्मम हत्या कर दी थी। इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। लेकिन, मुस्लिमों का एक वर्ग इस जघन्य वारदात की सराहना करता भी नजर आ रहा है। सोशल मीडिया में कई लोगों ने उनकी हत्या को जायज ठहराया है।
बता दें कि मध्य प्रदेश के मुफ़्ती-ए-आज़म के अब्दुल रज्जाक ने कमलेश तिवारी के खिलाफ 2016 में लोगों को क़ानून हाथ में लेने के लिए उकसाया था। रज्जाक ने कहा था,
“हम पूरी निष्ठा के साथ भारत में रहते हैं और उम्मीद करते हैं कि भारत के कानून हमारे धार्मिक भावनाओं के प्रति निष्पक्ष और ईमानदार रहेंगे, खासकर पैगंबर के मामले में। लेकिन यदि कानून हमें न्याय प्रदान नहीं करता है, तो हमारे लिए कानून के प्रति वफादार रहना कठिन होगा और हमें इसे अपने हाथों में लेना होगा।”
उल्लेखनीय है कि कमलेश तिवारी की पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के बयान के बाद आई थी। आजम खान ने एक विवादास्पद बयान देते हुए कहा था कि आरएसएस के सदस्य समलैंगिक होते हैं।