प्रयागराज के फाफामऊ थाना क्षेत्र में है गाँव मोहनगंज गोहरी। इसी गाँव में 25 नवम्बर 2021 को चार लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी गई थी। चारों मृतक एक ही परिवार के थे और दलित थे। पुलिस ने 28 नवम्बर को यह खुलासा किया कि इस हत्याकांड को एकतरफा प्यार में पवन कुमार सरोज ने अंजाम दिया था। वह भी दलित है और गिरफ्तार किया जा चुका है।
बावजूद इस मामले पर सियासत थमती नहीं दिख रही है। शुरुआत से ही मामले को जातीय हवा देने के प्रयास किए जा रहे हैं और इस गाँव में लगातार विपक्षी नेताओं का आना लगा हुआ है। इसी माहौल में ऑपइंडिया की टीम भी मंगलवार (30 नवंबर 2021) को इस इस गाँव में पहुँची।
जिस घर में हत्या उस पर ताला
गाँव के एक सिरे पर मुख्य सड़क से ही सटे एक घर के मुख्य दरवाजे पर ताला लगा हुआ था। बाहर कथरी (गद्दा) फेंकी हुई थी। हमें बताया गया कि यही फूलचंद का घर है। जिन 4 लोगों की हत्या हुई थी उनमें 50 वर्षीय फूलचंद भी थे। यह भी बताया गया कि फेंकी गई कथरी फूलचंद के घर की ही है। नीचे तस्वीर में आप कोने में फेंकी हुई वह कथरी देख सकते हैं।
काफिले के साथ पहुँची सावित्री बाई फुले
30 नवंबर को दिन के करीब 12 बजे फूलचंद के घर के पास बहराइच की पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले का काफिला आकर रुका। वे 6 गाड़ियों के काफिले के साथ पहुँची थीं और समर्थक भी साथ थे। उन्हें आसपास के लोगों ने बताया कि यहाँ कोई नहीं रहता है और गाँव के भीतर चलने का आग्रह करते हैं। आपको बता दें कि फूलचंद का पैतृक आवास गाँव के भीतरी हिस्से में है, जहाँ उसके भाई रहते हैं। फूलचंद 5 भाई थे।
फूलचंद के भाई के घर का हाल
करीब 200 मीटर पैदल चलने के बाद फूले समर्थकों के साथ कृष्णा सरोज के घर पहुँची। कृष्णा मारे गए फूलचंद के छोटे भाई हैं। वहाँ की स्थिति देखकर ऐसा प्रतीत होता था कि घर वालों को या तो फुले के आने की जानकारी पहले से थी या फिर उस घर में अभी लोगों का आना-जाना लगा रहता है। हमने घर के बाहर ही करीब 25-30 कुर्सियाँ लगी देखी। घर के बाहर आधे दर्जन पुलिसकर्मी भी तैनात थे। हमें बताया गया कि हत्याकांड के बाद से ही उनकी यहाँ पर तैनाती है। यह भी बताते चलें कि जिस घर में हत्या हुई थी, उसके बाहर हमने ऐसी कोई तैनाती नहीं देखी।
पुलिस जाँच पर असंतोष, आरोप दोहराए
फूले के साथ बातचीत में कृष्णा सरोज ने उन्हीं आरोपों को दोहराया जो घटना के बाद दी गई शिकायत में कहा गया है। उन्होंने उन्हीं लोगों पर आरोप लगाए जिनके नाम उस शिकायत में थे। कृष्णा ने पुलिस जाँच पर असंतोष जताया। उनका कहना था कि चार आदमी की हत्या अकेला आदमी नहीं कर सकता। इसके बाद फुले ने कृष्णा की पत्नी राधा से बात की। उन्हें न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया। करीब 20 मिनट तक उस घर में रुकने के बाद फुले जब विदा होने लगीं तो वहाँ मौजूद मीडियाकर्मियों ने उनका बयान लेने की कोशिश की। लेकिन फुले ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वे प्रयागराज के प्रेस क्लब में मीडिया से बात करेंगी। यह जगह कृष्णा सरोज के घर से करीब 12 किलोमीटर दूर है। वे अपने साथ कृष्णा को भी ले गईं। हमने कृष्णा के परिजनों से बात करने के प्रयास किया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।
सीबीआई जाँच माँगना
जब फुले कृष्णा के घर में थीं तो उनके एक सहयोगी परिवार को सीबीआई जाँच माँगने के बारे में बता रहे थे। यह आप नीचे के वीडियो में सुन सकते हैं।
सीबीआई जाँच की माँग
दिलचस्प यह है कि कुछ देर बाद जब कृष्णा को साथ लेकर फुले ने मीडिया से बात की तो यही माँग दोहराई गई।
क्या है मामला?
मोहनगंज गोहरी में एक घर में 25 नवम्बर को चार लोगों की हत्या कर दी जाती है। इनकी पहचान परिवार के मुखिया फूलचंद, उसकी 45 वर्षीया पत्नी मीनू देवी, बेटी और एक नाबालिग बेटे के तौर पर होती है। हमला घर में घुस कर कुल्हाड़ी जैसे हथियार से किया गया था। सभी के लहूलुहान शव बिस्तर पर ही पाए गए थे।
अगड़ी जाति के आरोपित
मृतक के परिजनों ने इस मामले में 11 लोगों को नामजद किया। ये सभी अगड़ी जातियों से हैं। इनमे से एक आरोपित ऐसा भी है जो लम्बे समय तक अस्पताल में था और चलने-फिरने में असमर्थ है। इनकी पीड़ित परिवार से पुरानी रंजिश बताई जाती है। उस समय 8 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया था। सभी पर धारा 147, 148, 149, 302, 376 D IPC के साथ 3/4 पॉक्सो एक्ट और SC/ST एक्ट के तहत कार्रवाई की थी।
जातीय राजनीति शुरू
मामला सामने आते ही विपक्षी दलों ने इस पर राजनीति शुरू कर दी। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को बदनाम करने के लिए इस घटना की आड़ में दलितों पर अगड़ी जाति के अत्याचार के प्रोपेगेंडा को बढ़ाया गया। कथित पत्रकार प्रशांत कनौजिया ने ट्वीट कर कहा कि मृतक पासी (दलित) हैं और पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही, क्योंकि आरोपित ठाकुर हैं। कॉन्ग्रेस, बसपा, सपा जैसे विपक्षी दल भी जातीय रंग देने में जुट गए। मीडिया संस्थानों ने भी घटना को इसी तरह प्रचारित किया।
आखिर में पकड़ा गया दलित
28 नवंबर को पुलिस ने खुलासा किया कि पवन सरोज ने इस हत्याकांड को एकतरफा प्यार में अंजाम दिया। उसके मोबाइल से फूलचंद की बेटी को भेजे गए मैसेज से यह बात सामने आई। शुरुआत में फूलचंद की मृतक बेटी को नाबालिग बताया गया था, लेकिन जाँच से यह बात सामने आई कि वह बालिग थी। पुलिस ने उस समय आशंका जताई थी कि इस हत्याकांड में पवन के साथ और लोग भी शामिल हो सकते हैं। लेकिन वह बार-बार बयान बदल रहा था। वह फिलहाल पुलिस रिमांड पर है। फूलचंद के परिजनों के आरोपों के बाबत पुलिस का कहना है कि जाँच पूरी होने के बाद ही विस्तार से जानकारी दी जाएगी।