प्रयागराज के पौराणिक वेणी माधव मंदिर की महिला महंत डॉ वैभव गिरी (विभा त्रिपाठी) पर मुस्लिम होने का आरोप लगा है। यह आरोप पुरुषोत्तम गिरी के शिष्य रघुराज गिरी ने लगाया है। आरोपों के मुताबिक महंत का नाम विभा त्रिपाठी नहीं बल्कि विभा आसिफ़ है। इस बात की जानकारी श्रद्धालुओं को हुई तो उन्होंने मंदिर के आगे हंगामा किया। मौके पर भारी पुलिस बल पहुँच कर हालात को काबू किया। घटना शनिवार (15 जनवरी, 2022) की बताई जा रही है।
आरोप लगाने वाले रघुराज गिरी के मुताबिक वह प्रयागराज के अलोपीबाग मंदिर, थानापति और कोठार मंदिर में सेवक हैं। उनका दावा है, “मेरे पास पास सबूत है कि वर्तमान महंथ विभूति त्रिपाठी इलाहबाद विश्वविद्यालय के मोतीलाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर हैं। उनकी शादी एक मुस्लिम युवक से हुई है। उनके पति का नाम मोहम्मद आसिफ है। आसिफ मुंबई ईस्ट के बांद्रा क्षेत्र में रहता है। उस से शादी कर के विभूति त्रिपाठी का नाम विभा आसिफ पड़ा है। पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित साल्टलेक थाना में स्वयं विभा ने यह जानकारी दर्ज करवाई है।” पत्रकारों के आगे रघुराज गिरी कागजातों को भी दिखाते दिख रहे हैं।”
रघुराज गिरी ने यह भी आरोप लगाया, “महंत विभा का जो बेटा है उसका पिता आसिफ है। वही मंदिर में आरती – पूजा करवाता है। यह सब सनातन धर्म को भ्रस्ट करने की साजिश है। विभा आसिफ, सर्वदा तिवारी और आशुतोष झा ने आस्था के साथ विश्वासघात, धर्म स्थल को अपवित्र करने के साथ फर्जी कागज़ात और सरकारी धन के गबन जैसे अपराध किए हैं। पुलिस इनके विरुद्ध FIR दर्ज कर के एक्शन ले।”
ऑपइंडिया ने इस मामले में वेणी माधव मंदिर में सम्पर्क किया। मंदिर के प्रबंधक आशुतोष झा ने बताया, “यह सब मंदिर पर कब्ज़ा करने की साजिश है। कुछ लोग मंदिर की महंथ को एक महिला जान कर दबाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने मंदिर में घुस कर हंगामा किया और तोड़फोड़ की। हम जूना अखाड़े से जुड़े हुए हैं। हंगामे के दौरान हमारे अखाड़े के संत महंत भी आ गए और उन्होंने मंदिर पर कब्ज़े को रोका। यह पुलिस के बस की बात नहीं थी। माता जी (महंत विभा त्रिपाठी) के बारे में फैलाई जा रही बातें अफवाह हैं।”
— PRAYAGRAJ POLICE (@prayagraj_pol) January 16, 2022
इस मामले में प्रयागराज पुलिस का कहना है, “2 पक्षों में कब्जेदारी की सूचना पर तत्काल पुलिस एवं प्रशासन की टीमें राजपत्रित अधिकारियों के साथ मौके पर पहुँची। विवाद की शुरुआत करने वाले पक्ष द्वारा अब तक कोई भी पुष्ट सूचना या तथ्य प्रस्तुत नहीं किया जा सका है। इसके लिए उन्हें कुछ समय और दिया गया है। समस्या का समाधान कानून के दायरे में शीघ्र करवाया जाएगा। भ्रम फैलाने वालों, कानून को हाथ में लेने वालों तथा जोर जबरदस्ती कर के कब्ज़े का प्रयास करने वालों पर कठोरतम वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।”