Friday, November 15, 2024
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10000 साल में 1 गलती की गुंजाइश: रेल यात्रियों को मोदी सरकार देगी ‘कवच’, जानिए सब कुछ

मोदी सरकार द्वारा 'कवच' तकनीक के ऐलान के बाद रेलवे मंत्री अश्विन वैष्णव ने इस तकनीक के संबंध में बताया कि ये SIL4 प्रमाणित है जिसका अर्थ है कि इसमें 10000 सालों में कोई एक गलती की संभावना है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2022 का बजट पेश करते हुए रेलवे के लिए कई अहम घोषणाएँ कीं। उन्होंने रेल मंत्रालय को 140367.13 करोड़ रुपए आवंटित करते हुए अगले तीन साल में 400 नई ‘वंदे भारत’ ट्रेनों को तैयार करने का ऐलान किया। साथ ही साथ पीएम गतिशक्ति योजना के तहत आने वाले वर्षों में 100 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल तैयार किए जाने की बात की। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में ‘एक स्टेशन और एक उत्पाद’ को विकसित किया जाएगा। इसके अलावा जो सबसे महत्वपूर्ण घोषणा इस बजट में हुई वो यात्रियों के रेल सफर को सुरक्षित बनाने वाली तकनीक ‘कवच’ (KAWACH) को लेकर है।

पूर्वी रेलवे के जनरल मैनेजर अरुण अरोड़ा ने इस बजट को गेम चेंजिंग और ग्रोथ ओरिएंटेड बजट बताया। उन्होंने जानकारी दी कि रेलवे सुरक्षा के लिए विश्व स्तरीय तकनीक कवच (KAWACH) के तहत 2 हजार किलोमीटर के रेल नेटवर्क को लाया जाएगा। पीएचडी चैम्‍बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्‍ट्री (इंडस्ट्रियल अफेयर कमेटी) के चेयरमैन संदीप अग्रवाल ने बताया कि इस कवच से ट्रेन की गति में सुधार आने के साथ-साथ दुर्घटनाओं को भी रोका जा सकेगा।

क्या है रेलवे का ‘कवच (KAWACH) ‘ ?

बता दें कि सरकार ने कवच तकनीक के रूप में जो अपना प्लॉन बताया है उसके तहत 2 हजार किलोमीटर के रेलवे नेटवर्क को तैयार किया जाएगा। इससे यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा दोनों बेहतर होगी। साथ ही ट्रेन की गति में सुधार आएगा और दुर्घटनाएँ कंट्रोल की जा सकेंगी। जानकारी के मुताबिक कवच एक एंटी कोलिजन डिवाइस नेटवर्क है जो कि रेडियो कम्युनिकेशन, माइक्रोप्रोसेसर, ग्लोबर पोजिशनिंग सिस्टम तकनीक पर आधारित है

इस तकनीक की मदद से उम्मीद लगाई जा रही है कि रेलवे ‘जीरो एक्सीडेंट’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगा। इसके तहत जब दो आने वाली ट्रेनों पर इसका उपयोग होगा तो ये तकनीक उन्हें एक दूसरे का आँकलन करने में और टकराव के जोखिम को कम करने में ऑटोमेटिक ब्रेकिंग एक्शन शुरू कर देगी। इससे ट्रेनें टकराने से बच सकेंगीं। रेलवे मंत्री अश्विन वैष्णव ने इस तकनीक के संबंध में बताया कि ये SIL4 प्रमाणित है जिसका अर्थ है कि 10000 सालों में कोई एक गलती की संभावना है।

बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार ने साल 2017 में m-कवच ऐप को लॉन्च किया था। यह ऐप हैकर्स के जरिए होने वाले सायबर हमलों से बचाने का काम करती है। इसे भारत सरकार के सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्‍ड सिस्‍टम ने विकसित किया है। सरल भाषा में इसे मोबाइल सुरक्षा से जुड़ी ऐप कहा जा सकता है जिससे आप अनचाहे कॉल को ब्लॉक करने में मदद कर सकते हैं और थर्ड पार्टी को मोबाइल डेटा इस्तेमाल करने से रोक सकते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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