Saturday, November 16, 2024
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प्रोफेसर वकास फारूक ने बनाया था नाजीवाद और फासीवाद से हिंदुत्व की तुलना वाला सवाल, शारदा यूनिवर्सिटी ने जारी किया ‘कारण बताओ नोटिस’: हो चुका है निलंबित

यह पूरा विवाद तब उठा था, जब भाजपा नेता विकास प्रीतम सिन्हा ने इसकी फोटो कॉपी ट्वीट करते हुए उसमें पूछे गए एक सवाल को आपत्तिजनक बताया।

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में स्थित शारदा यूनिवर्सिटी में छात्रों से हिन्दू वरोधी सवाल पूछे जाने के मामले में नई कार्रवाई की गई है। इससे पहले खबर आई थी कि उक्त सवाल बनाने वाले प्रोफेसर को निलंबित कर दिया गया है, वहीं अब उसे कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने की जानकारी भी दी गई है। ये सवाल स्नातक (BA/Bachelor Of Arts) के प्रथम वर्ष के छात्रों से पूछा गया था। यूनिवर्सिटी ने इसकी जाँच के लिए तीन सदस्यीय कमिटी का गठन किया था।

शनिवार (7 मई, 2022) को दोपहर से पहले इस कमिटी ने छात्रों के साथ मुलाकात की। इसके बाद वकास फारूक कुट्टे नामक अस्सिस्टेंट प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, जिसने ये सवाल बनाया था। कमिटी ने अपनी शुरुआती जाँच में ये भी पाया है कि उक्त सवाल आपत्तिजनक था। ये भी फैसला लिया गया कि कॉपी की जाँच और मार्किंग के समय इस सवाल को नज़रअंदाज़ किया जाएगा और इससे मार्क्स पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

शारदा यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने सोशल मीडिया के माध्यम से बयान जारी कर के जानकारी दी है कि कुलपति (VC) ने भी इन सुझावों पर मुहर लगा दी है। साथ ही विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट ने उस प्रश्नपत्र के लिए लोगों से माफ़ी भी माँगी है। इससे पहले अपने ट्वीट में यूनिवर्सिटी ने कहा था, “विश्वविद्यालय प्रशासन हर उस लाइन से कोई इत्तेफाक नहीं रखती जो किसी भी राष्ट्रीय पहचान या संस्कृति के विरोध में हो। हम भारत के सच्चे और स्वर्णिम रूप को दिखाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

बता दें कि वकास फारूक कुट्टे जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी में भी पढ़ चुका है। उसने JRF & NET (राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा) की परीक्षा क्वालीफाई की थी। वो राष्ट्रवादियों पर निशाना साधते हुए लेख लिखते रहता है और JNU में फरवरी 2016 में देश के टुकड़े-टुकड़े किए जाने के नारे लगे थे। कश्मीर पर लिखते हुए वो भारतीय सेना का भी अपमान कर चुका है। उसने एक तरह से भारत सरकार को ही कश्मीर में हो रहे आतंकवाद के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया था।

इस विवादित पेपर के पाँचवें नंबर पर सवाल किया गया था कि धर्मान्तरण के मूल कारण क्या हैं? वहीं, छठे नंबर पर पूछा गया था – ”क्या आपको नाजीवादी, फासीवादी और हिंदुत्व में कोई समानता दिखती है?” प्रश्न पत्र में दोनों सवालों को विस्तार से बताने के लिए कहा गया था। यह पूरा विवाद तब उठा था, जब भाजपा नेता विकास प्रीतम सिन्हा ने इसकी फोटो कॉपी ट्वीट करते हुए उसमें पूछे गए एक सवाल को आपत्तिजनक बताया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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