बिहार के पूर्वी चंपारण में सेना के जवान राधामोहन गिरी की रिहाई की माँग को लेकर लोगों का धरना प्रदर्शन जारी है। रक्सौल में पुलिसकर्मियों ने सेना के जवान को गालियाँ दी, सरेआम उनकी पिटाई की और जेल में डाल दिया। मामले का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि 8 दिन से प्रदर्शन किया जा रहा है लेकिन अभी तक दोषी पुलिस वालों पर कार्रवाई नहीं हुई है और न ही फौज के जवान को रिहा किया गया है।
रक्सौल में नसीम अख्तर नाम के शख्स के एफआईआर के बाद गिरफ्तार सेना के जवान की रिहाई की माँग को लेकर मोतिहारी में प्रदर्शन जारी है। बिहार के चर्चित यूट्यूब पत्रकार मनीष कश्यप, स्थानीय समाजिक कार्यकर्ता अनिकेत आनंद और सोशल वर्कर पूर्णिमा भारती जवान के रिहाई की माँग कर रहे हैं। पूर्व सैनिक संघ के बैनर तले चार दिनों से जारी धरने में बैठे प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जवान के रिहाई तक धरना जारी रहेगा।
सामाजिक कार्यकर्ता अनिकेत आनंद का कहना है कि गिरफ्तार जवान राधामोहन की गिरफ्तारी ईगो की वजह से हुई है। अनिकेत ने कहा कि इस तरह की हरकत से लोगों का पुलिस पर से भरोसा कम होगा। लोग पुलिस के पास न्याय माँगने से कतराएँगे। उन्होंने वायरल वीडियो के हवाले से कहा कि पुलिस वालों ने बिना उनकी बात सुने सेना के जवान के साथ हाथापाई शुरू कर दी। मामले में पुलिस ने जरूरी नियमों का पालन नहीं किया।
मामले को लेकर प्रदर्शनकारी राजनीतिक दलों पर भी निशाना साध रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यही हरकत यदि किसी नेता के बेटे के साथ हुआ होता तो रातों रात सरकार बदल जाती। लोगों का कहना है कि मामले को लेकर सियासी नेताओं को भी आवाज उठानी चाहिए थी। सचतक न्यूज के नाम से यूट्यूब चैनल चलाने वाले पत्रकार मनीष कश्यप भी प्रदर्शन को समर्थन दे रहे हैं।
मनीष कश्यप ने कहा है कि उनकी लड़ाई देश के जवान के लिए है। उन्होंने भी जवान की रिहाई तक आवाज उठाते रहने की बात कही। मनीष कश्यप ने कहा कि समाज को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता है। जिस दिन लोग जागरूक हो गए उस दिन समाज के लोगों को न्याय की लड़ाई लड़ने के लिए किसी नेता की जरूरत नहीं होगी।
क्या है पूरा मामला ?
सेना के जवान राधामोहन बेलाघाटी के निवासी हैं। वो अपनी पत्नी काजल को परीक्षा दिलाने के लिए रक्सौल जा रहे थे। बताया जा रहा है कि इस दौरान लक्ष्मीपुर में कार के लुकिंग ग्लास से एक व्यक्ति को चोट लग गई। चोट लगने के बाद फौज के जवान और स्थानीय लोगों में कहासुनी होने लगी। स्थानीय इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार भी घटनास्थल पर पहुँचे और सेना के जवान को थाने लेकर जाने का आदेश दिया।
राधामोहन गिरी पहले परीक्षा केंद्र पहुँचे। उन्होंने अपने परिवार के लोगों को परीक्षा केंद्र पर उतारा और गाड़ी पार्क करने लगे। इतने में सब-इंस्पेक्टर ने उनसे बदसलूकी करनी शुरू कर दी। नसीम अख्तर नाम के शख्स की FIR को आधार बना कर बिहार पुलिस जवान के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। बिहार के चर्चित यूट्यूब पत्रकार मनीष कश्यप ने FIR की कॉपी भी साझा की है, जिसे नसीम अख्तर ने दर्ज कराया है। नसीम का दावा है कि चोट लगने से उसके चाचा बेहोश हो गए और सेना के जवान ने ही उससे गाली-गलौच की। उधर वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुलिसकर्मी सेना के जवान को गालियाँ दे रहे हैं और उनपर थप्पड़ और घूँसे बरसा रहे हैं।