पुलवामा हमले के लिए विस्फोटक एकत्रित करने वाला आतंकी NEET की परीक्षा देने का इच्छुक है। इस आतंकी का नाम वैज-उल-इस्लाम है। वैज ने अपनी जमानत के लिए याचिका डाली है। याचिका में उसने इच्छा जताई है कि वह NEET की परीक्षा देना चाहता है। यह परीक्षा 13 सितंबर को होनी है। लेकिन NIA ने इस याचिका का विरोध किया है। अब आगे इस पर सुनवाई 3 सितंबर को होगी।
इस बीच एक अधिकारी का कहना है, “आतंकी ने अपना एग्जाम सेंटर श्रीनगर चुना है। जहाँ उसे अन्य बच्चों के साथ परीक्षा देनी होगी। ऐसे में वह भागने की कोशिश कर सकता है। इसलिए यह जोखिम नहीं लिया जा सकता।”
Accused Waiz-Ul-Islam (in Pulwama terror attack case) has filed an application for bail as he wants to appear for NEET exams. Bail listed for 3rd September. We are opposing this application: NIA counsel Vipin Kalra, Jammu
— ANI (@ANI) September 1, 2020
Next hearing in the case is on September 15. pic.twitter.com/EXS1MtpsX1
बता दें कि इंडिया टुडे की रिपोर्ट में कश्मीर के वैज को एक ‘होनहार छात्र’ बताया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जब तक जैश ए मोहम्मद ने उसका ब्रेन वॉश नहीं किया था, वैज का कट्टरपंथी तत्वों से कोई लेना-देना नहीं था। लेकिन 2019 में वह जैश से जुड़ा।
रिपोर्ट की मानें तो राष्ट्रीय जाँच एजेंसी को ‘पढ़े-लिखे युवक’ और उसके परिवार से बहुत हमदर्दी है। लेकिन उसके ख़िलाफ़ सबूत इतने पुख्ता हैं कि उन्हें नकारा नहीं जा सकता। इसके बाद पारिवारिक बैकग्राउंड का जिक्र भी खबर में है। जैसे- वैज के पिता सरकारी अधिकारी हैं और उसके दो होनहार भाई भी हैं।
इसमें वैज के ‘होनहार छात्र’ से ‘आतंकी’ बनने का सफर भी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ समय पहले वह एक परिजन के यहाँ शोक समारोह में शामिल हुआ था, तभी उसे नौगाम आने को कहा गया और वहाँ उसकी मुलाकात पाकिस्तानी जैश कमांडर मोहम्मद इस्माइल से हुई।
अब चूँकि वैज के माता-पिता हज के लिए गए हुए थे, तो जैश के आतंकी उनका ब्रेनवॉश करने में सफल रहे और बाद में वह उसी के घर में रुके भी। पड़ताल में यह भी मालूम हुआ कि पाकिस्तानी आतंकियों के लिए वैज ने सामान खरीदा। बाद में खुद ही मोहम्मद इस्माइल उर्फ अदनान को उसे पहुँचाया भी। अदनान वही आतंकी है, जो खुद को मसूद अजहर का करीबी बताता है।
NIA द्वारा गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में आतंकी वैज ने कहा कि उसे आतंकी मॉड्यूल को सामान पहुँचाने के लिए ऑनलाइन निर्देश दिए जाते थे। मगर, उसे पुलवामा हमले की जानकारी नहीं थी, ऐसा वह दावा कर रहा है।
उसने अपने अमेजॉन अकॉउंट से 4 किलोग्राम एलुमिनियम पाउडर भी मोहम्मद इस्माइल के कहने पर खरीदा था। इसके बाद वैज ने बैटरी, दस्ताने, मास्क और सैमसंग मोबाइल का फोन कवर भी खरीदा था। उसने इस्माइल के लिए जूते ऑर्डर किए थे। क्योंकि इस्लाइल की हाइट 6’6″ थी, और जूते का साइज 13 था, इसलिए उसके नाप के जूते कहीं भी नहीं मिलते थे।
वैज लगातार इस्माइल के अलावा एक स्थानीय समीर डार के संपर्क में था। मगर, उसकी मुलाकात उमर फारूक से कभी नहीं हुई। एक चैट में उसे 1 लाख रुपए का ड्रोन खरीदने को बोला गया था। पर, जब उसने ऐसा करने में असमर्थता जताई तो जैश को अपना आइडिया ड्रॉप करना पड़ा, शायद उन्हें लगा ऑनलाइन मॉनिट्रिंग से उनका राज खुल जाएगा।
खरीददारी करने के लिए शुरुआत में वैज ने अपने पिता का क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया। फिर, बाद में एक नाबालिग पड़ोसी के डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करने लगा था।
उल्लेखनीय है कि टेरर मॉड्यूल के बीच वॉयस नोट से हुई बातचीत को फॉरेंसिक लैब ने रिट्रीव कर लिया है। इनका जिक्र चार्जशीट में भी है। इसमें यह भी बताया गया है कि लड़के को पुलवामा में ही एक और हमले के लिए सामान खरीदने के लिए बोला गया था। वैज के अमेजॉन अकॉउंट से पता चलता है कि उसने वहाँ से ऐसी सामग्री खरीदी, जिनका इस्तेमाल विस्फोटक बनाने में किया जाना था।
बता दें कि गिरफ्तारी के बाद से वैज जम्मू की अंबफाला जेल में बंद है। वह वहाँ रहकर अपनी परीक्षा के लिए तैयारी करता है। इसके अतिरिक्त इस आतंकी का बैकग्राउंड देखते हुए लाइब्रेरी का इंचार्ज भी बनाया गया है। वह ज्यादातर समय किताबों को पढ़ने में बिताता है।
याद दिला दें कि पिछले दिनों एनआईए ने इस मामले में 13500 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी। कई पाकिस्तानी आतंकी इस घटना में आरोपित बनाए गए थे। मसूद अजहर अलवी, रौफ अजगर अलवी, अम्मार अलवी, मोहम्मद इस्माइल , मोहम्मद उमर फारूख, मोहम्मद कामरान अली, कारि यासिर का नाम शामिल है।