बिहार के पूर्णिया में एक महादलित व्यक्ति की हत्या का मामला सामने आया है। ये घटना डगरुआ थाना क्षेत्र स्थित दुबैली गाँव की है। विश्व हिन्दू परिषद ने इस मामले में न्याय की माँग की है। विहिप का कहना है कि सर्वलाल हरिजन (सर्वलाल माँझी) की न सिर्फ हत्या की गई बल्कि उनके घर पर भी हमला किया गया और उनके परिवार पर अत्याचार किया गया। विहिप के जिलाध्यक्ष पवन कुमार पोद्दार एवं जिला मंत्री रवि भूषण झा ने इस घटना से मीडिया को अवगत कराया।
दबंगों ने सर्वलाल हरिजन को मार डाला: विहिप का आरोप
विहिप के पदाधिकारियों ने बताया कि जून 2, 2020 को सर्वलाल हरिजन का सूअर गाँव के ही एक दबंग की बाँसवाड़ी में चला गया था, जिसके बाद वो लोग उग्र हो गए। इसके बाद दबंग व्यक्ति के परिवार के लोगों ने सहयोगियों के साथ मिल कर सर्वलाल हरिजन के घर पर हमला कर दिया और उन्हें अधमरा कर दिया। उनके घर में लूटपाट की गई और फिर आग लगा दिया गया। परिवार पर भी जानलेवा हमले किए जाने की बात सामने आई है।
विहिप के पदाधिकारी द्वय ने आरोप लगाया कि पीड़ित परिवार की महिलाओं पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की गई और उनके साथ भी आरोपितों ने अभद्र व्यवहार किया। घटना के बाद सभी घायलों को इलाज के लिए पूर्णिया सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। सर्वलाल हरिजन की स्थिति गंभीर देख उन्हें कुछ दिनों बाद बेहतर इलाज के लिए कटिहार मेडिकल कॉलेज में दाखिल कराया गया। 10 दिनों तक इलाज के बाद 5 जुलाई को उनकी मृत्यु हो गई।
विहिप ने पुलिस पर भी कुछ गंभीर आरोप लगाए हैं। संगठन का कहना है कि पुलिस-प्रशासन ने दोषियों को पकड़ने की बजाए मृतक सर्वलाल हरिजन के परिवार पर ही धारा 307 (हत्या का प्रयास) लगा कर मुकदमा दर्ज कर दिया है। मृतक की पुत्री ने बाद में हरिजन थाना पूर्णिया में मुकदमा संख्या 32/ 2020 दर्ज करवाया है। विहिप का आरोप है कि पूर्णिया हरिजन थाना के पर्यवेक्षाओं ने अभी तक घटनास्थल का दौरा नहीं किया है
ऑपइंडिया से बोले विहिप जिलाध्यक्ष पवन कुमार पोद्दार
विहिप और बजरंग दल ने भी पुलिस से माँग की है कि इस मामले में आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। ऑपइंडिया ने पूर्णिया में विहिप के जिलाध्यक्ष पवन कुमार पोद्दार से बातचीत की, जो पीड़त परिवार को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और जिन्होंने इस पूरी घटना को शुरू से अंत तक देखा-समझा है। उन्होंने बताया कि दुबैली पंचायत में मात्र 15 हिन्दू परिवार हैं और 500 से भी अधिक मुस्लिम घर हैं।
वहाँ जो भी मुट्ठी भर हिन्दू लोग हैं, वो महादलित हैं। पीड़ित परिवार भी इसी समुदाय से आते है, जो ‘हरिजन’ सरनेम लगाते हैं। ये लोग पशुपालन कर के अपना गुजर-बसर करते हैं और सूअर भी पालते हैं। 2 जून को असल में हुआ क्या था? इसके जवाब में उन्होंने ऑपइंडिया को बताया कि उस दिन सर्वलाल हरिजन के सूअर का एक बच्चा मोहम्मद सोहिब (पिता- दाऊद) के बाँसवाड़ी में चला गया था।
इसके बाद मोहम्मद सोहिब और उसके परिवार के लोगों ने सूअर के उस बच्चे को जान-बुझ कर मार डाला। उसे मारने के लिए पत्थर का इस्तेमाल किया गया। पोद्दार ने आगे बताया कि जब सूअर के बच्चे को मार डाला गया तो सर्वलाल हरिजन के परिजन सोहिब के यहाँ पहुँचे और पूछा कि उनके पशु को क्यों मारा? इसपर आरोपित और उसका परिवार महादलितों को ही भला-बुरा कहने लगा और पूछा कि अपने पशु को बाँध कर क्यों नहीं रखा?
आगे वाद-विवाद बढ़ाते हुए उनलोगों ने कहा कि तुम्हें भी मारेंगे। पवन कुमार पोद्दार ने बताया कि सोहिब ने मुस्लिम भीड़ के साथ पीड़ित परिवार को घर तक खदेड़ दिया और वहाँ परिवार के सभी सदस्यों को मारा। इसके बाद घर में आग लगा दी गई। उन्होंने बताया कि चूँकि पीड़ित परिवार के घर के आसपास मुस्लिमों के ही घर हैं, इसीलिए इन्हें निकलने भी नहीं दिया गया। पीड़ितों को थाने भी नहीं पहुँचने दिया गया।
बाद में पीड़ितों ने फोन कर के डगरुआ थाना पुलिस को सूचित किया। घटना के 2 घंटे बाद पुलिस पहुँची। पुलिस ने ही सारे पीड़ितों को अस्पताल पहुँचाया। बाकी पीड़ित तो ठीक हो गए लेकिन सर्वलाल हरिजन के हाथ और छाती में चोट लगने के कारण कटिहार मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। वहाँ कम से कम 10 दिन उनका इलाज हुआ लेकिन कोई फायदा नहीं हो पाया और उनकी स्थिति बिगड़ती चली गई।
पोद्दार आगे बताते हैं कि इसके बाद परिजनों ने सर्वलाल हरिजन को लेकर पूर्णिया के किसी प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती कराना उचित समझा। प्राइवेट नर्सिंग होम में भी डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए और दिल्ली ले जाने को कहा। चूँकि, डॉक्टरों ने 2 लाख रुपए के खर्चे के अनुमान लगाया था और गरीब परिवार के पास इतने रुपए थे नहीं, वो सर्वलाल हरिजन को लेकर घर आ गए। उन्होंने रुपए जुटाने चाहे तो 30-40 हजार से अधिक नहीं जमा हुए।
विहिप के पूर्णिया जिलाध्यक्ष पवन कुमार पोद्दार ने बताया कि घर लाए जाने के 2 दिन बाद सर्वलाल की मृत्यु हो गई। इसके बाद सूचना मिलते ही पुलिस आई, जिसने शव का पोस्टमॉर्टम कराया। पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया पूरी करने के बाद शव को पीड़ित परिजनों को सौंप दिया गया। उन्होंने बताया कि अब तक SC-ST थाने ने निरीक्षण नहीं किया है। वो लोग पुलिस की आगे की कार्रवाई का इन्तजार कर रहे हैं।
क्या कहते हैं सर्वलाल हरिजन के परिजन
ऑपइंडिया ने मृतक के पुत्र संतोष कुमार से संपर्क किया, जिन्होंने पवन कुमार पोद्दार द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि करते हुए कहा कि आज भी मुस्लिम युवक रात में नकाब पहन कर उनके परिवार पर निगरानी रख रहे हैं ताकि वो लोग कुछ कर न पाएँ। साथ ही लम्बे समय से मुस्लिम समाज के लोगों पर डराने-धमकाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने बताया कि विकास कार्यों में भी मुस्लिम जनप्रतिनिधि भेदभाव करते हैं।
संतोष कुमार ने इस दौरान सबसे बड़ा आरोप ये लगाया कि आरोपितों और उनके सहयोगियों ने उनके पिता का हिन्दू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार नहीं होने दिया, जिसके बाद उन्हें अपने दरवाजे के पास ही लाश को दफनाना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि चूँकि श्मशान तक जाने का रास्ता उनकी बस्तियों से होकर ही जाता है, इसीलिए उन्हें जलाने के लिए नहीं ले जाने दिया गया। इसलिए दफनाना पड़ा
संतोष ने बताया कि यहाँ ऊँची आवाज़ में गाना-बजाना होने पर भी मुस्लिम समाज के लोग आपत्ति जताते हैं, अंतिम यात्रा तो दूर की बात है। उन्होंने आरोप लगाया कि गाँव में उनके घर के सामने से सड़क भी नहीं बनवाई गई है। संतोष ने आगे आरोप लगाया कि 5 साल पहले उनलोगों के साथ ही हुई मारपीट में उनकी भाभी की भी मौत हो गई थी। वो अभी भी प्रशासन से न्याय की उम्मीद लिए बैठे हैं।
क्या कहना है पुलिस का?
ऑपइंडिया ने इस दौरान स्थानीय पूर्णिया मुख्यालय के डीएसपी पंकज कुमार से संपर्क किया। हमारी बातचीत उनके रीडर शंकर से हुई, जिन्होंने पुलिस का पक्ष हमारे सामने रखा। उन्होंने पुलिस द्वारा घटनास्थल का दौरा न करने के आरोपों को नकार दिया और कहा कि पुलिस ने मामले की जाँच की है और चूँकि सर्वलाल हरिजन की मौत की सूचना इस घटना के महीने भर बाद मिली है, पुलिस फिर से जाकर जाँच करेगी।
उन्होंने बताया कि राजकुमारी देवी नामक महिला ने एससी-एसटी थाने में केस दर्ज कराया है। वो सर्वलाल हरिजन की बेटी है। उन्होंने बताया कि पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत की है कि आरोपितों द्वारा मारपीट और गाली-गलौज किया गया है लेकिन तब मौत की बात नहीं कही गई थी। इसीलिए, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद आने वाली ‘मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट’ का अध्यन करने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जब तक रिपोर्ट नहीं आएगी, तब तक ये नहीं पता चल सकता है कि उनकी मौत इसी घटना के कारण हुई है या फिर उन्हें किसी प्रकार की बीमारी थी। उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि पुलिस ने उनका केस दर्ज करने में आनाकानी की। तब हत्या का मामला दर्ज नहीं हुआ था क्योंकि तब तक पीड़ित की मौत नहीं हुई थी। उन्होंने बताया कि तबियत खराब रहने के बावजूद डीएसपी ने जाँच की है। पुलिस फिर जाएगी।
ऑपइंडिया के पास सर्वलाल हरिजन की ‘मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट’ है, जिसमें उनका नाम ‘सरब लाल मांझी’ अंकित है। इसमें बताया गया है कि उनके शव को उनके घर के बरामदे पर जुलाई 6, 2020 को शाम 7:30 बजे पाया गया। ऊपर संलग्न की गई रिपोर्ट में आप आरक्षी अधिकारी का हस्ताक्षर भी देख सकते हैं। इसमें बताया गया है कि उनका पिछले 1 महीने से विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा था, अंत में रजा अस्पताल में मृत्यु हो गई।
इस रिपोर्ट में उन्हें अंदरूनी चोट लगने की बात स्वीकार की गई है। मृत्यु का समय रात 11 बजे बताया गया है। उनकी उम्र 65 वर्ष थी। पुलिस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद जाँच को आगे बढ़ाएगी। रीडर शंकर ने बताया कि पुलिस की टीम जब घटनास्थल पर गई थी तब लोगों से ठीक से बातचीत नहीं हो सकी थी, इसलिए इस दिशा में फिर से प्रयास किया जाएगा। पीड़ितों की बातें सुनी जाएगी।
सर्वलाल हरिजन पक्ष की एफआईआर में क्या है?
संतोष कुमार ने हरिजन पक्ष की ओर से एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें बताया गया है कि जो सूअर का बच्चा मुस्लिम पक्ष की खेत में गया था, वो उनकी बहन का था। इसमें मोहम्मद मिंटू और मोहम्मद इजराइल सहित 14 लोगों को आरोपित बनाया गया है। लिखा है कि जब उनकी बहन राजकुमारी देवी ने जब पूछा कि उनके बच्चे को क्यों मारा गया था दूसरे पक्ष द्वारा उन्हें भी जान से मार डालने की धमकी दी गई और साथ ही पकड़ कर छेड़छाड़ किया जाने लगा।
एफआईआर के अनुसार, संतोष की बहन को पकड़ कर अर्धनग्न भी कर दिया गया। इसमें तहसीन, अशफाक, राशिद और सोहिब सहित कुल 14 को आरोपित बनाया गया है। इन सब पर लाठी-डंडे और बाँस से वार करने का आरोप लगाया गया है। सोहिब पर आरोप लगाया गया है कि उसने संतोष के पिता सर्वलाल को अंदरूनी चोट पहुँचा कर जख्मी कर दिया। साथ ही पत्थर चलाने का भी आरोप है।
इसके अलावा एक अन्य एफआईआर राजकुमारी देवी ने एससी-एसटी थाने में भी दर्ज कराई है, जिसमें मोहम्मद मिंटू और मोहम्मद नाजिम पर सूअर के बच्चे को मार डालने का आरोप लगाया गया है। आरोप लगाया गया है कि उन्होंने गाली देते हुए राजकुमारी देवी के लिए आपत्तिजनक जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए ‘डोमिन’ कहा और मार डालने की धमकी दी, साथ ही साड़ी-ब्लाउज खींच कर नग्न कर दिया।
पूर्णिया एससी-एसटी थाना एफआईआर केस नंबर 32/20 में सर्वलाल हरिजन की बेटी राजकुमारी देवी ने आरोप लगाया है कि जब उनके रोने-चिल्लाने पर उनके परिजन दौड़े आए तो मुस्लिम पक्ष ने भी अपने सहयोगियों और परिजनों को हथियारों के साथ बुला लिया और फिर मारपीट कर के घायल कर दिया। उन्होंने अपने पिता को घायल किए जाने की बात कही। (चूँकि पिता की मौत 1 महीने बाद हुई, इसीलिए ये एफआईआर में दर्ज नहीं है।)
मुस्लिम पक्ष की FIR में क्या है?
मुस्लिम पक्ष की तरफ से मोहम्मद सोहिब ने थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। इसमें सर्वलाल माँझी सहित 13 लोगों को आरोपित बनाया गया है, जिनमें महिलाएँ भी शामिल हैं। ऑपइंडिया ने आरोपित मोहम्मद सोहिब से भी संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन उनकी तरफ से किसी से बात नहीं हो पाई है। उस पक्ष से जैसे ही किसी से संपर्क होता है, हम इस रिपोर्ट को अपडेट कर आपको अवगत कराएँगे।
उसने आरोप लगाया है कि जब उसके दोनों भाई जा रहे थे तो आरोपितों ने रोक कर धक्का-मुक्की किया और गाली-गलौज किया। मुस्लिम पक्ष ने हरिजन पक्ष के एक व्यक्ति पर लोहे के रॉड से वार करने का आरोप लगाया है और साथ ही उन सब पर महिलाओं के साथ बुरा बर्ताव करने का आरोप भी लगाया है। सोहिब ने लिखा है कि संतोष माँझी ने डंडे से उसकी फुआ को मारा, जिससे वो बेहोश हो गई।
मुस्लिम पक्ष का आरोप है कि हरिजनों ने उनके साथ लूटपाट भी की और जान से मारने की धमकी दी। मोहम्मद सोहिब के पॉकेट से 5000 रुपए लूट लेने की बात भी एफआईआर कॉपी में दर्ज है। बताया गया है कि सर्वलाल माँझी डीलर हैं और जब से उनकी जन-वितरण प्रणाली की अनुज्ञप्ति रद्द हुई है, तब से वो बौखलाए हुए हैं। इस एफआईआर कॉपी में हरिजनों पर तलवार से वार करने का आरोप भी लगाया गया है।