कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए अभी हाल ही में कहा कि देश के किसी राज्य में स्वास्थ्य पर इतना पैसा नहीं दिया जाता जितना राजस्थान सरकार देती है। उन्होंने अपने ट्वीट में राजस्थान के हेल्थ मॉडल को बेस्ट बताया था। लेकिन उनके दावे के एक दिन बाद ही राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था के क्या हाल हैं इसकी पोल खुल गई है। पता चला कि प्रदेश के अस्पताल इतने जर्जर हैं कि चूहे मरीजों की आँख कुतर रहे हैं और प्रशासन इस पर ध्यान तक नहीं दे रहा।
राजस्थान का Health Model, देश में सबसे best है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 16, 2022
भारत में सबसे ज़्यादा, ₹10 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा और ₹5 लाख तक का एक्सीडेंट कवर। OPDs और IPDs में टेस्ट और इलाज मुफ्त।
हमारा लक्ष्य है कि देश के हर नागरिक को ये सुविधाएं मिलें।
कांग्रेस सिर्फ़ वादा नहीं करती, वादा निभाती है।
खबर राजस्थान के कोटा शहर के बड़े सरकारी अस्पताल MBS की है। यहाँ हाल में अस्पताल में लकवा से पीड़ित एक महिला की आँख चूहा कुतर गया। जब डॉक्टरों को इसकी खबर मिली तो हड़बड़ी में उस मरीज की पट्टी की गई। लेकिन जब इस लापरवाही पर प्रशासन से सवाल हुए तो उन्होंने चौंकाने वाला जवाब दिया। प्रशासन ने कहा- जहाँ खाने-पीने की चीज होती है वहाँ तो चूहे आते ही हैं।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट, जिस महिला की आँख को चूहे ने कतरा वो जीबीएस सिंड्रोम से पीड़ित हैं। उनका नाम रूपमती है। वह इस अस्पताल में लकवा अटैक आ जाने से 45 दिन से एडमिट हैं। पति देवेंद्र के अनुसार उनकी पत्नी लकवे के कारण न्यूरो के ICU में है और अपनी गर्दन तक नहीं हिला सकतीं। 42 दिन वेंटिलेटर पर रहने के बाद हाल में वह बाहर लाई गईं थी।
देवेंद्र बताते हैं कि उन्होंने अपनी पत्नी को रात में देखा तो उनकी आँख पर कपड़ा था। जब कपड़ा हटाया तो वो रोने लगीं और पूरे चेहरे पर खून था। उन्होंने तुरंत स्टाफ को इसकी जानकारी दी। पहले कहा गया कि किसी कीड़े ने काटा होगा। पर, चूँकि घाव बड़ा था इसलिए देवेंद्र बातों पर यकीन नहीं कर पाए। उनकी पत्नी की पलक के दो टुकड़े हो गए थे। उन्हें देखकर लगा कि ऐसा कोई कीड़ा तो नहीं काट सकता। डॉक्टरों ने रूपमती का ट्रीटमेंट किया, फिर आँख चेक की, फिर उसपे ड्रेसिंग की। अब डॉक्टरों का कहना है कि ये घाव चूहे के काटने से हुआ था।
अस्पताल की इस लापरवाही पर जब उपाधीक्षक डॉक्टर समीर टंडन से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हर महीने अस्पताल में पेस्टिसाइड कंट्रोल करवाते हैं। अभी भी चल रहा है। इस घटना की पूरी जाँच करवाएँगे। पेस्ट कंट्रोल के बाद भी यह घटना हुई है, इसमें जिम्मेदारी अस्पताल की और यहाँ के स्टाफ की है। जब उनसे पूछा गया कि चूहा आखिर आया कहाँ से तो उन्होंने कहा कि इस मामले में जाँच कराई जाएगी। जहाँ खाने-पीने की चीज होती हैं वहाँ चूहे आते ही हैं। अस्पताल में भी चूहे हैं।