भारतीय रेलवे ने कहा है कि नागरिकता संशोधन क़ानून के नाम पर हिंसा करने वालों ने रेलवे की संपत्ति को जो नुकसान पहुँचाया है, उसकी भरपाई भी उन्हीं से कराई जाएगी। बता दें कि देश भर में बड़े पैमाने पर रेलवे स्टेशनों में तोड़फोड़ की गई थी। कई ट्रेनों को घंटों रोक कर रखा गया था और उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया था। यात्रीगण डरे-सहमे दुबके रहे थे। सबसे ज़्यादा उपद्रव मुर्शिदाबाद रेलवे स्टेशन पर देखने को मिला था, जहाँ जुमे की नमाज के बाद मस्जिद से निकली 700 लोगों की भीड़ ने घटों रेलवे स्टेशन पर तांडव मचाया।
रेलवे ने बताया है कि इस दौरान कुल 80 करोड़ रुपए की संपत्ति को नुकसान पहुँचाया गया। परिचालन आदि को यदि जोड़े तो सरकार द्वारा कुल नुकसान 250 करोड़ रुपए आँके गए थे। जिसका विवरण नीचे दिया गया गया है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने बताया है कि रेलवे को नुक़सान पहुँचाने वाले दंगाइयों से ही वसूली कर के नुकसान की भरपाई की जाएगी। बता दें कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार भी इसी नीति पर काम कर रही है। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने वालों और तोड़फोड़ मचाने वालों की संपत्ति नीलाम कर भरपाई की जा रही है।
लोगों का कहना है कि रेलवे और यूपी सरकार के इस क़दम से उन्हें सबक मिलेगा, जिन्होंने विरोध प्रदर्शन के नाम पर हिंसा, आगजनी और दंगे किए। यूपी के मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला पहले ही कह चुके हैं कि उनकी सरकार ऐसी कार्रवाई करेगी कि दंगाइयों की सात पुश्तें भी गुंडई करने से डरेंगी। हालाँकि, कई अन्य राज्यों में भी सीएए के विरोध में हिंसा हुई है। दिल्ली में अभी तक दंगाइयों से वसूल कर नुकसान की भरपाई किए जाने की कोई बात सामने नहीं आई है।
Railway property worth Rs 80 crore damaged during anti-CAA protests, recovery to be made from those involved: Railway Board chairman
— Press Trust of India (@PTI_News) December 30, 2019
वहीं अगर कुल नुक़सान की बात करें तो ईस्ट रेलवे ने बताया था कि उसे अब तक 8 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। कई इलाक़ों में ‘रेल रोको अभियान’ और बंद का आयोजन किया गया, जिससे साउथ-ईस्ट रेलवे को 16 करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ था। ईस्टर्न रेलवे ने बताया था कि उसके 15 स्टेशनों को तबाह कर दिया गया। कई स्टेशनों पर कैश बॉक्स को लूट लिया गया। कुल मिला कर अब तक 250 करोड़ रुपयों का नुकसान की बात सामने आई थी।