Monday, December 23, 2024
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राजस्थान में ‘मॉब लिंचिंग’ का शिकार बने दलित योगेश ने अस्पताल में तोड़ा दम: रशीद, पठान, मुबीना व अन्य पर लाठी-डंडों से पीटने का आरोप

योगेश के पिता ने रशीद, साजेत पठान, मुबीना सहित 6 लोगों के खिलाफ 17 सितंबर को मामला दर्ज कराया था। योगेश की मौत के बाद परिजनों ने हत्या का मामला दर्ज करवाया।

राजस्थान के अलवर में मॉब लिंचिंग का शिकार बने दलित योगेश जाटव की अस्पताल में मौत हो गई। आक्रोशित लोगों ने रविवार (19 सितंबर 2021) को अलवर-भरतपुर रोड को शव रखकर जाम कर दिया। इस मामले में पुलिस ने 6 लोगों पर एफआईआर की है। प्रदर्शनकारी आरोपितों की तत्काल गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद की माँग कर रहे थे।

योगेश की पिटाई 15 सितंबर को की गई थी। भटपुरा निवासी योगेश बाइक से गाँव की तरफ जा रहा था। इसी दौरान गड्ढे से बचने की कोशिश में उसकी बाइक एक महिला से जा टकराई। कुछ मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि बाइक एक 8 वर्षीय बच्ची से टकराई थी। इसके बाद भीड़ ने उसे पकड़ लिया और उसकी बुरी तरह पिटाई कर दी।

घटना में योगेश बुरी तरह घायल हो गया। वह घटनास्थल पर ही कोमा में चला गया। पहले उसे अलवर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। सेहत में किसी तरह का सुधार न होता देख उसे वहाँ से जयपुर रेफर कर दिया गया। जयपुर एसएमएस में 18 सितंबर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अगले दिन 19 सितंबर को पोस्टमॉर्टम कर शव परिजनों के हवाले कर दिया गया। इसके बाद घटना से आक्रोशित लोगों ने शव को अलवर-भरतपुर मार्ग पर रखकर जाम लगा दिया। पुलिस द्वारा कार्रवाई का आश्वासन देने पर जाम हटा।

योगेश के पिता ने रशीद, साजेत पठान, मुबीना सहित 6 लोगों के खिलाफ 17 सितंबर को मामला दर्ज कराया था। इसमें कहा गया था कि योगेश को लाठी-डंडों से इतनी बेरहमी से पीटा गया कि उसके कान से खून आने लगा। योगेश की मौत के बाद परिजनों ने हत्या का मामला दर्ज करवाया। इसके बाद पुलिस ने पहले से दर्ज मारपीट के मामले में हत्या की धारा 302 ओर SC-ST एक्ट की धाराएँ जोड़ दी हैं।

परिजनों ने आरोप लगाया कि बड़ौदा मेव थाने के एएसआई इलियास आरोपितों से मिलीभगत कर उन्हें बचाने में जुटा हुआ है। इसलिए एएसआई ओर बड़ौदा मेव थानाधिकारी को निलंबित किया जाए। इसके अलावा परिजनों ने आरोपितों को तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजने और परिवार के भरण-पोषण के लिए 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता की माँग की है।

इधर रामगढ़ के पूर्व विधायक व भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्ञानदेव आहूजा ने जाति विशेष के लोगों पर मॉब लिंचिंग का आरोप लगाया है। ज्ञानदेव आहूजा ने कहा इस मामले में आरोपितों के खिलाफ मॉब लिंचिंग की धाराएँ भी लगनी चाहिए। ज्ञानदेव आहूजा ने मुख्यमंत्री से सवाल पूछते हुए पीड़ित को मुआवजा देने व परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने की माँग की है।

उल्लेखनीय है कि अलवर में पुलिस भी मॉब लिंचिंग का शिकार हो चुकी है। 2019 में जिले के मुंडावर थाना इलाके में पुलिस खुद मॉब लिचिंग की शिकार हो गई थी। उससे पहले यह जिला पहलू खान की कथित मॉब लिंचिंग को लेकर चर्चा में रहा था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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