राजस्थान के जैसलमेर में पाकिस्तानी हिंदुओं के लिए 40 बीघा जमीन आवंटित की जाएगी। इस जमीन की पहचान कर ली गई है। इसे समतल करने का काम शुरू कर दिया गया है। कलेक्टर IAS टीना डाबी ने पाकिस्तानी हिंदुओं की बस्ती पर बुलडोजर कार्रवाई के बाद इनके पुनर्वास का भरोसा दिलाया था।
रिपोर्ट के अनुसार इस जमीन का चयन जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर दूर मूलसागर के पास किया गया है। जमीन समतल करने का काम शुरू करने से पहले पूजा-अर्चना भी की गई। नगरीय सुधार न्यास (UIT) को बिजली और पानी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। इस जमीन पर करीब 200 परिवारों को बसाने की योजना है।
जमीन तय किए जाने के बाद शरणार्थी भी खुश हैं। उन्होंने टीना डाबी का आभार जताया है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए यूआईटी द्वारा अलग से जमीन चिन्हित करने का यह शायद राजस्थान में पहला मामला है। फिलहाल 50 शरणार्थी परिवार रैन बसेरे में रह रहे हैं। टीना डाबी के निर्देश पर इनके लिए भोजन-पानी का इंतजाम भी किया गया है। जिला प्रशासन ने इन शरणार्थियों की मदद के लिए एक कमेटी का भी गठन किया है। इन्हें नागरिकता दिलाने का प्रयास भी किया जाएगा।
गौरतलब है कि 16 मई 2023 को राजस्थान के जैसलमेर के अमर सागर इलाके में पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों की बस्ती को उजाड़ दिया गया था। कलेक्टर के आदेश के बाद यूआईटी की टीम ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में यहाँ बुलडोजर चलाया था। इसके बाद टीना डाबी विवादों में घिर गईं थी। इसके बाद जिला प्रशासन ने प्रभावित लोगों के रहने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की थी। जमीन के चयन के लिए सर्वे टीम बनाई गई थी।
इससे पहले राजस्थान के जोधपुर में भी इसी तरह की कार्रवाई की गई थी। 24 अप्रैल 2023 को चोखा गाँव में जोधपुर विकास प्राधिकरण ने अतिक्रमण विरोधी अभियान के नाम पर शरणार्थी हिन्दुओं के घरों पर बुलडोजर चलाया था। इस कार्रवाई के शिकार हुए अधिकतर लोगों के पास भारत में रहने के लिए लॉन्ग टर्म वीजा तो है, लेकिन अब तक उन्हें भारत की नागरिकता नहीं मिली है।