Monday, November 18, 2024
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राजस्थान में रायमाता मंदिर की जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद: आम रास्ता की बात कह प्रशासन ने 9 को किया गिरफ्तार

राजस्थान के झुंझुनूं जिले के रायमाता मंदिर की जमीन से रास्ता खुला रखने की बात को लेकर तनाव की स्थिति। महंत रविनाथ ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने पूरी कार्रवाई विधायक रीटा चौधरी और जिला कलेक्टर के दबाव में की। रास्ता देने को लेकर लिखित देने का भी दबाव बनाया गया।

राजस्थान के झुंझुनूं जिले के गांगियासर गाँव के रायमाता मंदिर की जमीन से रास्ता खुला रखने की बात को लेकर दिन भर तनाव की स्थिति बनी रही। महंतों ने मंदिर की जमीन में तारबंदी कर रास्ता बंद कर दिया था, लेकिन प्रशासन ने उसे हटवा दिया और साथ ही उन पर यह दवाब भी डाला कि वह लिखित में दें कि उन्होंने यह तारबंदी हटाया है। 

मंदिर के महंत दशमगिरी ने आरोप लगाया कि मंडावा विधायक रीटा चौधरी के दबाव में प्रशासन ने यह कार्रवाई की है। पुलिस ने गांगियासर के 9 लोगों को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार भी किया है। बताया जा रहा है कि मंदिर के महंत दशमगिरी व अन्य लोग मंदिर की जमीन पर पूर्णतया तारबंदी के पक्ष में थे। वहीं गाँव के कुछ लोगों की रास्ता बंद होने को लेकर आपत्ति थी। 

साभार: पत्रिका

मामले को निपटाने के लिए एसडीएम शकुंतला चौधरी, डीएसपी भंवरलाल, तहसीलदार बबीता, नायब तहसीलदार जगदीशप्रसाद मीणा, थानाधिकारी रिया चौधरी, मलसीसर एसएचओ मुकेश कुमार के अलावा बगड़ व मंडावा एसएचओ तथा पुलिस लाइन से पर्याप्त जाप्ता गाँव पहुँच गया। प्रशासन ने मंदिर के महंत दशमगिरी, बिसाऊ गणेशनाथ आश्रम के महंत रविनाथ व मंदिर कमेटी के अन्य सदस्यों से चर्चा की लेकिन बात नहीं बनी।

साभार: भास्कर

पूरे घटनाक्रम को लेकर महंत दशमगिरी ने जहाँँ प्रशासन पर दबाव डालने का आरोप लगाया है, वहीं गणेशनाथ आश्रम बिसाऊ के महंत रविनाथ ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने पूरी कार्रवाई विधायक रीटा चौधरी व जिला कलेक्टर के दबाव में की है। रास्ता देने को लेकर लिखित देने का भी दबाव बनाया गया। जिले के आला अधिकारी सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल दिन भर मंदिर परिसर में तैनात रहे। वहीं पुलिस प्रशासन के अधिकारी दिन भर गुप्त बैठकें करते रहे। मौके पर पहुँचे एडीएम गौड़ भी पूरे मामले में चुप्पी साधे रहे।

बताया जा रहा है कि इस मंदिर की जमीन पर ‘शांतिप्रिय’ समुदाय कब्जा करना चाहती है। यह जमीन मंदिर के नाम पर है और वहाँ के एसपी, एमएलए सब मंदिर के पुजारी पर दबाव बनाकर मंदिर की जमीन से उनको रास्ता दिलवाना चाहते हैं।

एक ट्विटर यूजर ने बताया कि वहाँ का प्रशासन सरकार के कहने पर काम कर रहा है। वहाँ की एमएलए कॉन्ग्रेस की है ओर कलेक्टर भी ‘शांतिप्रिय’ समुदाय से ही है। वो किसी की सुन नहीं रहे हैं। इस मामले में 9 लड़को को शांतिभंग के आरोप में इसलिए गिरफ्तार इसलिए किया गया क्योंकि वो सब मंदिर गए हुए थे। इनका गुनाह सिर्फ इतना था कि ये शांतिप्रिय समुदाय से नहीं थे।

अन्य ट्विटर यूजर ने भी इस पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा, “ये तो हद हो गई है। अगर प्रशासन भी उनका ही साथ देगा तो हिंदू न्याय के लिए कहाँ जाए। कोई नहीं आप वहाँ के हिंदू एक होकर संघर्ष शुरू करें, सारा देश आपके साथ होगा। चुप बैठकर गलत होने देना महा पाप है।वहाँ के सारे हिंदू जागें।”

एक यूजर ने लिखा, “ये गलत है पहले से जब कोई घोषित रास्ता नहीं है तो उनको कोई अधिकार नहीं है उसमें रास्ता लेने का किसी की पर्सनल जगह में रास्ता लेने का कोई अधिकार नहीं है।”

सत्यवर्ती चौरसिया ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “सबसे बड़ी गलती राजस्थान के हिंदुओं की है, जिन्होंने बीजेपी के विरुद्ध वोट करके कॉन्ग्रेस को वोट दिया। जिसकी गलती थी केवल उसको वोट नहीं देता, बाकी बीजेपी नेताओं व समर्थक पार्टियों को तो जीता सकते थे। खैर,अब कॉन्ग्रेस की सच्चाई सभी के सामने आ ही चुकी है तो अबकी बार बीजेपी को वोट देना।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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