भारतीय किसान यूनियन (BKU) के अध्यक्ष नरेश टिकैत के भाई राकेश टिकैत के खिलाफ एक महिला ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है। पिछले 6 महीने से दिल्ली की सीमा पर ‘किसान आंदोलन’ के बहाने जमे राकेश टिकैत ने हाल ही में हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ प्रचार किया था। पीड़ित महिला ने राकेश टिकैत और उनके बेटे चरण सिंह को ‘भूमाफिया’ बताते हुए जमीन पर कब्ज़ा करने के आरोप लगाए हैं।
आरोप है कि पिता-पुत्र ने मिल कर मुजफ्फरनगर में एक किसान की लाखों की जमीन पर न सिर्फ अवैध कब्जा किया, बल्कि खेत में खड़ी फसल को तहस-नहस भी कर डाला। पीड़ित परिवार ने जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है कि वो कड़ी कार्रवाई करें। शाहपुर थाना क्षेत्र स्थित किनौनी गाँव की सुशीला देवी और उनके बेटे विनीत बालियान ने कहा कि उनकी 3 बीघा से अधिक जमीन रेलवे अधिग्रहण में आ गई थी।
इसके बाद राकेश टिकैत और उनके बेटे चरण सिंह ने रविवार (मई 30, 2021) की रात उनके खेत पर अवैध कब्जा करते हुए उसमें खड़ी फसल को तबाह करवा दिया। ‘Zee News’ की खबर के अनुसार, पीड़ित परिवार ने कहा, “राकेश टिकैत किसान नेता नहीं बल्कि बहुत बड़े भूमाफिया हैं। वो छोटे किसानों की जमीनों पर जबरन कब्ज़ा कर लेते हैं।” महिला ने कहा कि जिला प्रशासन से लगातार गुहार लगाए जाने के बावजूद पिता-पुत्र के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
महिला की CM योगी से गुहार- राकेश टिकैत ने मेरी 3 बीघा जमीन कब्जाई, मुझे न्याय दिलाइए@RakeshTikaitBKU @myogiadityanath https://t.co/s2U7wqxKXM
— Zee Uttar Pradesh Uttarakhand (@ZEEUPUK) June 3, 2021
हालाँकि, ये पहली बार नहीं है जब राकेश टिकैत विवादों में आए हों। ब्राह्मण समाज पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर सनातन धर्म के खिलाफ जहर फैलाने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ फरीदाबाद में शिकायत दर्ज कराई गई थी और केस दर्ज करने की माँग की गई थी। शिकायत में कहा गया था कि वो लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़का कर सरकार के खिलाफ लोगों को इस आंदोलन में जोड़ना चाहते हैं।
पिछले दिनों दिल्ली बॉर्डर से तस्वीर आई थी कि वहाँ कोविड नियमों को ताक पर रखकर इफ्तार पार्टी का आयोजन हुआ और अब खबर है कि राकेश टिकैत का जन्मदिन भी गाजीपुर बॉर्डर पर ही मनेगा। नरेश टिकैत इसके लिए दिल्ली बॉर्डर पर आएँगे। उन्होंने 11 क्विंटल रसगुल्ले भी बनवाए हैं। सिसौली क्षेत्र के आसपास के गाँवों के किसानों ने तो उनके जन्मदिन को एक उत्सव के रूप में मनाने की योजना बनाई है।