केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है और 26 नवंबर 2021 को इसके एक साल भी पूरे हो जाएँगे। इसके अलावा अगले साल यूपी में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। जिसके मद्देनजर किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की है। टिकैत ने धमकी दी है कि 22 नवंबर को लखनऊ में होने वाली किसान महापंचायत में किसी भी तरह का व्यवधान उत्पन्न होता है तो वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश में पैर नहीं रखने देंगे।
गढ़ मुक्तेश्वर के कार्तिक मेले में हिस्सा लेने पहुँचे टिकैत बीजेपी पर जोरदार निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को चुनना एक गलती थी यूपी के लोगों को कमल के फूल को खत्म कर देना चाहिए।
टिकैत ने ‘एक भूल, कमल का फूल’ नारा दिया। इस नारे को विस्तार से समझा जाय तो इसका मतलब यह है कि लोगों को दोबारा से बीजेपी को वोट देने की गलती नहीं करनी चाहिए।
अपने समर्थकों के साथ कार्तिक मेले में पहुँचे टिकैत ने मेले में समारोह के लिए बने मंच का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक पिपाशा को शांत करने के लिए किया। उन्होंने मंच से भड़काऊ भाषण दिया। जब इसको लेकर उनसे यह पूछा गया कि अपनी राजनीति चमकाने के लिए वह कार्तिक मेले का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, “मैं राजनीति के बारे में और कहाँ बात करूँगा? यदि मैंने राजनीतिक बयान दिया है तो आप मेरे खिलाफ केस दर्ज करने के लिए स्वतंत्र हैं। अगर कोई राजनीतिक बयान नहीं सुनना चाहता तो वो हमारी बैठकों में क्यों आ रहे हैं?” उल्लेखनीय है कि कार्तिक मेला बहुत ही प्रसिद्ध मेला है, जिसमें बड़ी संख्या में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लोग पहुँचते हैं।
उन्होंने राज्य की योगी सरकार को धमकी भी दी। टिकैत ने कहा, “उन्हें उत्तर प्रदेश में कई और जगहों का दौरा करने की आवश्यकता है। अगर वे लखनऊ में महापंचायत में खलल डालने की कोशिश करेंगे तो न तो प्रधानमंत्री और न ही मुख्यमंत्री यूपी में उतर पाएँगे। विधानसभा चुनाव की तरफ इशारा करते हुए टिकैत ने कहा कि सीएम अपनी रैलियाँ कर रहे हैं और हम अपनी रैलियाँ कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव
अगले साल 2022 की शुरुआत में ही उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना तय है। इसी के मद्देनजर राजनीतिक पार्टियों ने प्रचार करना शुरू कर दिया है। चूँकि उत्तर प्रदेश जनसंख्या की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य है, इसलिए यह लोकसभा चुनाव में इसकी काफी अहमियत होती है। यूपी चुनाव के रिजल्ट राजनीतिक पार्टियों को 2024 के लिए एजेंडा तय करने में मदद करते हैं।