उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले राकेश टिकैत ने दिल्ली की सीमाओं पर 13 महीने चले किसान आंदोलन को एक ट्रेनिंग बताया है। उन्होंने कहा कि अगर इसके बाद भी उन्हें ही बताना पड़े कि किसे वोट देना है या किसे नहीं, तो ट्रेनिंग का क्या फायदा। उन्होंने कहा कि अभी प्रदेश में हिंदू मुस्लिम और जिन्ना का भूत ढाई महीने और रहेगा। इसलिए वे लोग हिंदू-मुस्लिम वाली बातों में न आएँ।
’13 महीने तक दिल्ली में आंदोलन चलाकर ट्रेनिंग दी है, अब जनता को बताने की ज़रूरत नहीं कि वोट कहाँ देना है…’ लखीमपुर पहुंचे राकेश टिकैत ने देखिए यूपी चुनाव को लेकर क्या कहा। #RakeshTikait #UPElections2022 #LakhimpurKheri
— UP Tak (@UPTakOfficial) January 22, 2022
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अलीगढ़ के इगलास क्षेत्र में एक विवाह समारोह में पहुँचे राकेश टिकैत ने आगामी चुनाव पर बात करते हुए बयान दिया, “अब भी अगर जनता को बताने की जरूरत पड़ी तो… 13 महीने तक दिल्ली में आंदोलन चला। इनकी सबकी ट्रेनिंग हो कर आ गई। उसके बाद भी अगर अब भी इनको ये बताना पड़ा कि वोट कहाँ देनी है तो इसका मतलब हमारी ट्रेनिंग कच्ची है फिर। उन्हें सब पता है कि क्या करना है।”
आज तक की रिपोर्ट के अनुसार टिकैत ने कहा, “देश में फिलहाल हिंदू मुस्लिम और जिन्ना ढाई महीने के प्रवास पर यूपी के सरकारी मेहमान हैं। 15 मार्च तक यहाँ पर रहेंगे। सरकार स्टेज से प्रवचन देगी, इनके प्रवचन में हमें नहीं आना। हमें क्या पता किसकी सरकार बनेगी। लेकिन जनता इनको वोट नहीं देगी।”
राकेश टिकैत ने आगे कहा, “हमें गठबंधन के बारे में नहीं पता। अभी तक मंत्री अजय मिश्रा को नहीं हटाया गया है। 31 तारीख को हमारा पूरा विरोध रहेगा। यहाँ जाति और धर्म के नाम पर वोट माँगा जाता है। जब तक लोग जाति और धर्म के नाम पर वोट देंगे तब तक प्रदेश का विकास संभव नहीं है।”
गौरतलब है कि इस से पहले राकेश टिकैत के भाई नरेश टिकैत ने सपा – RLD गठबंधन को वोट देने की अपील की थी। लेकिन बाद में मात्र 24 घंटों के भीतर ही वो अपने बयान से पलट गए थे। बाद में उन्होंने कहा था, “भाजपा नेता हमारे दुश्मन नहीं है। वो अगर आते हैं तो उनका भी स्वागत होगा।”