Sunday, November 24, 2024
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राकेश टिकैत ने कृषि कानून वापस नहीं लेने पर चुनावी राज्यों में मोर्चा खोलने की केंद्र को दी धमकी, 27 सितंबर को भारत बंद का ऐलान

भारत सरकार नए कृषि कानूनों को जितनी जल्दी वापस लेगी उतना सरकार को फायदा होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो संयुक्त किसान मोर्चा के लोग पूरे देश में जाएँगे और केंद्र सरकार के खिलाफ बैठकें और विरोध प्रदर्शन करेंगे। आपके जहाँ-जहाँ चुनाव होंगे आपके चुनाव पर वोट की चोट करने का काम करेंगे।

केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ गतिरोध अब भी बरकरार है। किसान आंदोलन को लगभग 10 महीने बीतने के बावजूद अभी इसका हल निकलता नहीं दिख रहा है। इसे लेकर भारतीय किसान यूनियन (BKU) की अगुवाई में रविवार (सितंबर 26, 2021) को हरियाणा के पानीपत में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया।

किसान महापंचायत में पहुँचे बीकेयू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि भारत सरकार नए कृषि कानूनों को जितनी जल्दी वापस लेगी उतना सरकार को फायदा होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो संयुक्त किसान मोर्चा के लोग पूरे देश में जाएँगे और केंद्र सरकार के खिलाफ बैठकें और विरोध प्रदर्शन करेंगे। आपके जहाँ-जहाँ चुनाव होंगे आपके चुनाव पर वोट की चोट करने का काम करेंगे। 

आंदोलनकारी किसानों ने 27 सितंबर के भारत बंद की पूरी तैयारी कर ली है। सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक दिल्ली बॉर्डर के सभी रास्तों पर किसान धरने पर बैठेंगे। आंदोलन स्थल पर गाँव से किसानों को नहीं बुलाया जाएगा। गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसान ही एनएच-24 और एनएच-9 को ट्रैफिक के लिए बंद कर देंगे। भारतीय किसान यूनियन के यूपी प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह यादव ने बताया कि आंदोलन स्थल पर काफी बड़ी संख्या में किसान पहले से ही मौजूद हैं। वे किसान ही यहाँ भारत बंद की योजना के तहत कार्य करेंगे। यूपी के जनपदों से किसान उस दिन यहाँ नहीं आएँगे। वे अपने-अपने क्षेत्र में बंद का आयोजन करेंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि बंद का आयोजन सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक के लिए किया गया है। इस दौरान सभी सरकारी और निजी दफ्तर, शिक्षण और अन्य संस्थान, दुकानें, उद्योग और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। बंद से सभी आपात प्रतिष्ठानों, सेवाओं, अस्पतालों, दवा की दुकानों, राहत एवं बचाव कार्य और निजी इमरजेंसी वाले लोगों को बाहर रखा गया है।

बताया जा रहा है कि बंद के दौरान एंबुलेंस और इमरजेंसी सर्विसेज को नहीं रोका जाएगा। आंदोलनकारी किसानों को साफ हिदायत दी गई है कि एंबुलेंस के सायरन की आवाज को सुनते ही उसके लिए तुरंत रास्ता दिया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा के समर्थन में कई प्राइवेट ट्रांसपोर्ट असोसिएशन फिर से जुड़ गए हैं। यूपी अध्यक्ष जादौन ने बताया कि अगर पुलिस ने आंदोलनकारी किसानों को हटाने की कार्रवाई की तो किसान जेल जाने को तैयार हैं। वे सड़कों से नहीं हटेंगे।

कॉन्ग्रेस, आम आदमी पार्टी और आंध्र प्रदेश सरकार ने 27 सितंबर को बुलाए गए ‘भारत बंद’ का पूर्ण समर्थन किया है। वाम दलों और तेलुगू देशम पार्टी ने पहले ही भारत बंद को अपना समर्थन देने की घोषणा की है।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि ‘भारत बंद’ के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर सुरक्षा का पुख्ता बंदोबस्त किया गया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बंद के मद्देनजर सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। अधिकारी ने कहा कि शहर की सीमाओं पर तीन जगह प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों में से किसी को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी।

गौरतलब है कि पिछले दिनों केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के अगुआ राकेश टिकैत के बारे में किसान नेता भानु प्रताप सिंह ने बड़ा खुलासा किया। उन्होंने राकेश टिकैत को सबसे बड़ा ठग बताया और कहा कि राकेश टिकैत प्रदर्शन कॉन्ग्रेस की फंडिंग के जरिए करवा रहे हैं। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि लोगों को बिना ठगे तो राकेश टिकैत कोई भी काम नहीं करते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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