इन दिनों धर्म और संप्रदाय को लेकर लोगों के बीच काफी रोष का माहौल व्याप्त है। लोग अपनी सोशल मीडिया वॉल पर किसी धर्म को लेकर कुछ भावनाएँ व्यक्त करते हैं तो समुदाय विशेष द्वारा उसे सांप्रदायिक तनाव का कारण करार दिया जाता है। इसे आपसी सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश बताते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही जाती है। और प्रशासन के लिए डर का माहौल कुछ इस कदर है कि इन मामलों में पुलिस भी बिना जाँच किए त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपित को जेल में डाल देती है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है राँची के पिठोरिया से। यहाँ ग्रेजुएशन पार्ट थ्री में पढ़ाई करने वाली एक युवती पर आरोप है कि उसने फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिए धर्म-विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इससे समुदाय विशेष के लोग आहत हो गए।
राँची :फेसबुक पर गलत टिप्पणी करने के कारण ऋचा पटेल नामक युवती को दो घंटे के अंदर जेल भेज दिया गया। जबकि कई गंभीर टिप्पणी करने वाले बाहर हैं। स्थानीय ग्रामीण आंदोलित होकर पिठौरिया थाना पहुंचे।@dasraghubar महोदय क्या प्रशासन भी समुदाय विशेष का विश्वास जीतने का काम रही है? pic.twitter.com/zLXcDEXD9u
— Raghubansh mani choubey (@RaghubanshC) July 13, 2019
अंजुमन कमिटी पिठोरिया ने लड़की के पोस्ट को आपत्तिजनक और धार्मिक भावना को आहत करने वाला बताते हुए उसके खिलाफ पिठोरिया थाने में एफआईआर दर्ज करा दिया। इसके बाद पुलिस ने अंजुमन कमिटी की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए 2 घंटे के भीतर उस युवती को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जानकारी के मुताबिक, कमिटी द्वारा 4 बजे आवेदन किया गया था और 6 बजे लड़की को थाने ले जाया गया और फिर जेल में डाल दिया गया। इससे आक्रोशित लोगों का कहना है कि युवती को दो घंटे के अंदर जेल भेज दिया गया, जबकि कई गंभीर टिप्पणी करने वाले बाहर हैं।
राँची के पिठोरिया थाने में लड़की को अभी तक रखा गया है उसका जुर्म सिर्फ इतना है कि वो विशेष समुदाय के फेसबुक कमेंट का प्रतिउत्तर दिया था @narendramodi @dasraghubar महोदय देखिये कहीं विश्वास जितना झारखंड विधानसभा चुनाव में भारी न पड़ जाए
— Raghubansh mani choubey (@RaghubanshC) July 13, 2019
थानेदार द्वारा बिना जाँच-पड़ताल किए लड़की को जेल भेजने के खिलाफ शनिवार (जुलाई 13, 2019) को जनाक्रोश भड़क गया। लोग लड़की को रिहा करने और थानेदार पर कार्वाई की माँग कर रहे थे। उनका कहना था कि थानेदार ने उचित कार्रवाई न करते हुए अपनी मनमानी की है। लड़की की जल्द से जल्द रिहाई करवाने को लेकर लोग धरने पर बैठ गए और थानेदार विनोद राम के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। लड़की के समर्थन में विश्व हिंदू परिषद, आरएसएस, बजरंग दल, हिंदू जागरण मंच के राँची जिला के पदाधिकारी भी थाना पहुँचे। लोगों ने थानेदार पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि अगर जिस धर्म को लेकर लड़की ने टिप्पणी की है, तो उसी धर्म के लोगों ने प्रतिक्रिया में लड़की के धर्म को लेकर भी बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की है। ऐसे में जब मामला दोनों तरफ से था तो फिर कार्रवाई एकतरफा क्यों की गई?
मामले की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीण एसपी आशुतोष शेखर व एएसपी अमित रेणु भी वहाँ पहुँचे। उन्होंने लोगों को समझाया और आश्वासन दिया कि उनके द्वारा उठाए गए सभी पहलूओं की जाँच होगी औ अगर जाँच के दौरान ये पाया जाता है कि थानेदार विनोद राम दोषी हैं, तो उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि उस फेसबुक पोस्ट की भी जाँच होगी, जिसको लेकर गिरफ्तारी हुई और उसमें अगर दूसरा पक्ष भी दोषी पाया जाएगा तो उन्हें भी बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, लड़की की रिहाई को लेकर कहा गया कि उसे सोमवार (जुलाई 15, 2019) को बेल पर रिहा कर दिया जाएगा।