राजस्थान के पाली जिले में अपहरण और दुष्कर्म के बाद पीड़िता के पिता की हत्या की खबर सामने आई है। आरोपित ने पीड़िता के पिता की तलवार से काटकर हत्या कर दी। आरोपित ने बीच-बचाव करने आई पीड़िता की माँ और भाई को भी गंभीर रूप से घायल कर दिया। इसके बाद वह भागने की फिराक में था। हालाँकि भागने के दौरान वो घायल हो गया। इसके बाद ग्रामीणों ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया।
यह सब कुछ हुआ है राजस्थान पुलिस की लापरवाही की वजह से। अगर राजस्थान पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सक्रियता दिखाई होती और आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया होता तो इसकी नौबत ही नहीं आती। पीड़िता के पिता को जान नहीं गँवानी पड़ती। बता दें कि पीड़िता ने 10 नवंबर को केस दर्ज कराया कि आरोपित धन्नाराम उसे नासिक ले गया और उसका बलात्कार किया।
पीड़िता की शिकायत के आधार पर पुलिस उसे नासिक तो गई, लेकिन आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया। इस बीच आरोपित ने नासिक कोर्ट से अंतरिम जमानत ले ली, लेकिन 13 दिसंबर को पाली के एडीजे कोर्ट ने जमानत खारिज कर दी। इसके बाद भी गिरफ्तारी नहीं हुई। इसका फायदा उठाते हुए रविवार (दिसंबर 15, 2019) को आरोपित ने पीड़िता के पिता को मौत के घाट उतार दिया। साथ ही बचाव में आए पीड़िता के माँ और भाई पर भी तलवार से हमला कर दिया। आरोपित ने सादड़ी थाना क्षेत्र के उंदरथल गाँव में वारदात को अंजाम दिया।
जानकारी के मुताबिक आरोपित लगातार पीड़िता पर केस वापस लेने का दबाव बना रहा था और धमकी भी दे रहा था। गाँववालों का आरोप है कि पीड़ित परिवार ने पुलिस को शिकायत भी की थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पूरे मामले को लेकर पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं कि केस दर्ज होने के बाद भी आरोपित युवक को क्यों नहीं पकड़ा। सादड़ी के एसपी आनंद शर्मा ने भी इसमें पुलिस द्वारा लापरवाही दिखाने की बात मानी है। उन्होंने कहा कि मामले में सादड़ी थाना प्रभारी राज दीपेंद्र की लापरवाही की वजह से आरोपित गिरफ्तार नहीं किया जा सका। थाना प्रभारी को निलंबित कर विभागीय जाँच के आदेश दिए गए हैं।
बता दें कि पोस्टमाॅर्टम रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता के पिता के सीने में चाकू के दो गहरे घाव हैं। वहीं शरीर पर तलवार से 11 वार हैं। घायल भाई के दोनों हाथों की नस कट गई है, ऊँगलियाँ भी कटी हुई है। उसके शरीर पर कुल 5 वार है। वहीं माँ के सिर, पेट व शरीर पर तलवार के चार वार हैं। पीड़िता ने घटना के बारे में बताते हुए कहा, “धन्नाराम छत के रास्ते घर में घुसा और सीढ़ियाें का दरवाजा खोलते ही मेरे पिता के सीने में चाकू घोंप दिए। फिर तलवार से हमला किया। शोर सुन मेरी माँ और भाई आए तो तलवार से उन दाेनों पर भी हमला कर दिया। मैंने दरवाजे के पीछे छिपकर जान बचाई। वह जोर-जोर से चिल्ला रहा था कि पूरे परिवार को खत्म कर दूँगा।”
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