रघुराम राजन अगस्त 2013 से लेकर सितम्बर 2016 तक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर रहे थे। यूपीए काल में उन्हें आरबीआई (RBI) गवर्नर नियुक्त किया गया था। ताज़ा खुलासे के अनुसार, आरबीआई में उनके कार्यकाल के दौरान उनकी आवभगत पर जम कर रुपए खर्च किए गए। रघुराम राजन के घरेलू समानों को शिकागो से मुंबई और फिर वापस शिफ्ट करने के लिए आरबीआई ने 71 लाख रुपए फूँक डाले।
कार्यकाल के दौरान राजन की सैलरी 1.69 लाख प्रति महीने हुआ करती थी। इस हिसाब से उन्हें उनके 3 साल के कार्यकाल में 61.2 लाख रुपए बतौर वेतन भुगतान किया गया लेकिन इससे 9.8 लाख रुपए ज्यादा केवल उनका समान शिफ्ट करने में ख़र्च कर दिए गए, वो भी आरबीआई (RBI) के फंड से।
‘संडे गार्जियन लाइव‘ को आरटीआई के तहत मिले जवाब से पता चलता है कि 22,26,416 रुपए रघुराम राजन का समान अमेरिका के शिकागो से मुंबई लाने पर खर्च किए गए। फिर वापस मुंबई से शिकागो शिफ्ट करने के लिए 49,41,253 खर्च किए गए।
आरबीआई (RBI) के अनुसार, बैंक में इस बारे में कोई नियम-क़ानून या लिखित नीति नहीं है कि किसी कर्मचारी के समानों को शिफ्ट करने के लिए कितने खर्च किए जाएँगे या फिर उसे वापस शिफ्ट करने का किराया कौन देगा। इसी कारण आरबीआई की डिसीजन मेकिंग बॉडी के लोगों ने फ़ैसला लिया। आरबीआई ने बताया है कि ‘सभी परिस्थितियों को देखते हुए’ इस ‘ख़ास केस के लिए’ फ़ैसला लिया गया।
इतना ही नहीं, ‘संडे गार्जियन लाइव’ ने ये भी बताया है कि फेयरवेल के रूप में रघुराम राजन को 5 पेंटिंग्स भी गिफ्ट की गई। हालाँकि, आरबीआई का कहना है कि वर्तमान नियमों के अनुसार रिटायर हो रहे आरबीआई गवर्नर को 50,000 रुपए तक के गिफ्ट दिए जा सकते हैं। हालाँकि, उन पेंटिंग्स की पुष्ट कीमत कितनी थी, इस बारे में कुछ पता नहीं चल सका है। आरबीआई ने आरटीआई के रिप्लाई में ये भी कहा है कि राजन ने 50,000 रुपए तक का गिफ्ट प्राप्त करने के लिए किसी भी प्रकार की माँग नहीं रखी थी।
RBI spared no expense in hosting Raghuram Rajan – The Sunday Guardian Live https://t.co/YR78skXbmM : No wonder he keeps coming back for MSM wallahs
— Subramanian Swamy (@Swamy39) June 15, 2020
उन्हें गिफ्ट किए गए सारे पेंटिंग्स पुराने थे। इनमें से 4 को गोविन्द डुंबरे ने पेण्ट किया था, वहीं बाकी 1 गोपाल आदिवेरकर ने पेण्ट किया था। ये सभी पेंटिंग्स गवर्नर बँगले में लगी हुई थी, जहाँ से राजन को ‘कॉर्पोरेट गिफ्ट’ के रूप में दिया गया। डुंबरे की पेंटिंग्स का आकार 15*15 था, जबकि आदिवेरकर की पेंटिंग 16*20 आकार की थी। आरबीआई के अनुसार, इन पेंटिंग्स की कीमत 10,000 प्रति पेंटिंग आँकी गई है।
हालाँकि, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर डुंबरे की पेंटिंग्स 1 लाख और उससे भी ज्यादा रुपए में बेचीं जा रही है। जब रघुराम राजन गवर्नर बँगले में रहते थे, तब उनके बाथरूम में भी एसी फिट किया गया था। इस कार्य में 13,474 रुपए खर्च किए गए थे। ये सभी बातें आरबीआई द्वारा दी गई आरटीआई रिप्लाई से ही पता चला है। कॉन्ग्रेस की ‘न्याय योजना’ के वादे को भी रघुराम राजन के दिमाग की ही उपज बताया जाता है।
हाल ही में मोदी सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने कार्यकाल में सरकारी बैंकों की कथित बदहाली का बचाव करते हुए कहा था कि मनमोहन सिंह-रघुराम राजन काल में बैंकों की वित्तीय स्थिति का “सबसे बुरा दौर” था। बैंक अभी तक उसी से उबर नहीं पाए हैं। सीतारमण ने कहा था कि वह राजन के ही RBI प्रमुख रहने का समय था जब कर्ज महज़ भ्रष्ट नेताओं के फ़ोन कॉल से मिल जाया करते थे और भारत में पब्लिक सेक्टर बैंकों को आज तक उस दलदल से निकलने के लिए सरकार से पूँजी लेकर काम चलाना पड़ रहा है।