जम्मू-कश्मीर में दो सिख लड़कियों के कथित अपहरण और जबरन धर्मांतरण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस घटना के बाद से सिख समुदाय में व्यापक आक्रोश है। उन्होंने आरोप लगाया है कि श्रीनगर में सिख समुदाय की दो लड़कियों को बंदूक की नोंक पर अगवा किया गया और फिर ज्यादा उम्र के लोगों के साथ उनका निकाह करवा दिया गया। सोमवार (28 जून 2021) को इसको लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की अध्यक्ष बीबी जागीर कौर ने मीडिया को बताया कि दो में से एक ने इस्लाम मजहब कबूल कर लिया है और मुस्लिम शख्स से निकाह कर लिया है। वह फिर से सिख धर्म नहीं अपनाना चाहती और परिवार के पास भी नहीं लौटना चाहती है।
द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार, एसजीपीसी अध्यक्ष ने पटियाला में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ”सिख समुदाय से आने वाले हर परिवार का कर्तव्य है कि वे बच्चों को अपने धर्म का पालन करना सिखाएँ। इसके लिए उन्हें शिक्षित करें और प्रोत्साहित करें। हम, एसजीपीसी के रूप में केवल अपने धर्म का प्रचार कर सकते हैं, लेकिन किसी पर अपना धर्म नहीं थोप सकते हैं।”
जागीर कौर ने आगे बताया कि लड़की के परिवार और रिश्तेदारों ने एसजीपीसी (SGPC) से संपर्क किया था। उन्होंने हमसे अनुरोध किया था कि हम उनकी बेटी को फिर से सिख धर्म अपनाने के लिए कहें और उसे घर वापस लाने की कोशिश करें। कौर ने कहा, “लड़की इसके लिए नहीं मानी, ऐसे में हम उस पर कोई दबाव नहीं बना सकते हैं।” जानकारी के मुताबिक, एक लड़की को सिख समुदाय के हवाले कर दिया गया है, लेकिन दूसरी अभी भी धर्म परिवर्तन करवाने वालों के पास है।
बताया जा रहा है कि सिख लड़कियों के जबरन धर्मांतरण मामले में एक युवती 18 साल की है। कथित तौर पर उसका 40 साल के अधेड़ के साथ निकाह करवाया गया, जो कि पहले से शादीशुदा है। परिवार के विरोध के बाद लड़की को उसके माता-पिता को सौंप दिया गया है। वहीं, दूसरे मामले में भी बालिग लड़की का निकाह मुस्लिम शख्स से हुआ है, लेकिन इस लड़की ने कोर्ट में अपने पति के साथ रहने की इच्छा जताई है।
गौरतलब है कि वर्ष 2012 में पंजाब की पूर्व मंत्री और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की अध्यक्ष बीबी जागीर कौर को अपनी बेटी की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 20 अप्रैल, 2000 में मृत पाई गई उनकी बेटी हरप्रीत कौर की हत्या की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया था। सीबीआई की अदालत ने बीबी जागीर कौर को हत्या के आरोप से दोषमुक्त कर दिया था और उन्हें सिर्फ अपहरण और जबरन गर्भपात का दोषी ठहराया था। सीबीआई अदालत ने कौर को 5 साल कैद की सजा सुनाई थी। बाद में मामला हाईकोर्ट पहुँचा था। प्रकाश सिंह बादल सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं बीबी को इसके चलते इस्तीफा देना पड़ा था। 7 महीने जेल में बिताने के बाद जागीर को जमानत मिली थी। बाद में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था।
बता दें कि इस मामले में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष और अकाली दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनजिंदर सिंह सिरसा सक्रिय रूप से अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं और लगातार यह माँग कर रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर में इस प्रकार के धर्मांतरण और निकाह को रोकने के लिए सख्त कानून बनाया जाए। उनकी यह माँग बिल्कुल जायज है, लेकिन सिरसा ने ही लव जिहाद पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा कानून बनाए जाने पर हिन्दू धर्म को यह कहते हुए एक ‘कमजोर धर्म’ कहा था कि अगर किसी धर्म को अपनी रक्षा करने के लिए कानून की जरूरत पड़े तो वह धर्म पाप है।
मनजिंदर सिंह सिरसा ने ट्वीट करके गृह मंत्री अमित शाह से माँग की है कि जम्मू-कश्मीर में सिख नाबालिग लड़कियों के जबरन निकाह को रोकने के लिए ‘उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश’ की तरह कानून लागू किया जाए, जिसके तहत अंतरधार्मिक विवाह के लिए अभिभावक की मंजूरी आवश्यक हो।
The local Sikh community of Jammu and Kashmir urges @AmitShah Ji to get a strong law implemented in Jammu & Kashmir (Just like Uttar Pradesh & Madhya Pradesh) mandating Permission of parents in inter-religion marriages to stop these forced Nikahs of Sikh minority girls@ANI pic.twitter.com/Tk6suVnYyu
— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) June 27, 2021