Wednesday, May 21, 2025
Homeदेश-समाजसिख लड़कियों का 'जबरन' धर्मांतरण: एक लड़की ने वापस लौटने से किया इनकार, कोर्ट...

सिख लड़कियों का ‘जबरन’ धर्मांतरण: एक लड़की ने वापस लौटने से किया इनकार, कोर्ट में कहा- पति के साथ रहना चाहती ​हूँ

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की अध्यक्ष बीबी जागीर कौर ने मीडिया को बताया कि दो में से एक ने इस्लाम मजहब कबूल कर लिया है और मुस्लिम शख्स से निकाह कर लिया है। वह फिर से सिख धर्म नहीं अपनाना चा​हती और परिवार के पास भी नहीं लौटना चा​हती है।

जम्मू-कश्मीर में दो सिख लड़कियों के कथित अपहरण और जबरन धर्मांतरण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस घटना के बाद से सिख समुदाय में व्यापक आक्रोश है। उन्होंने आरोप लगाया है कि श्रीनगर में सिख समुदाय की दो लड़कियों को बंदूक की नोंक पर अगवा किया गया और फिर ज्यादा उम्र के लोगों के साथ उनका निकाह करवा दिया गया। सोमवार (28 जून 2021) को इसको लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की अध्यक्ष बीबी जागीर कौर ने मीडिया को बताया कि दो में से एक ने इस्लाम मजहब कबूल कर लिया है और मुस्लिम शख्स से निकाह कर लिया है। वह फिर से सिख धर्म नहीं अपनाना चा​हती और परिवार के पास भी नहीं लौटना चा​हती है।

द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार, एसजीपीसी अध्यक्ष ने पटियाला में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ”सिख समुदाय से आने वाले हर परिवार का कर्तव्य है कि वे बच्चों को अपने धर्म का पालन करना सिखाएँ। इसके लिए उन्हें शिक्षित करें और प्रोत्साहित करें। हम, एसजीपीसी के रूप में केवल अपने धर्म का प्रचार कर सकते हैं, लेकिन किसी पर अपना धर्म नहीं थोप सकते हैं।”

जागीर कौर ने आगे बताया कि लड़की के परिवार और रिश्तेदारों ने एसजीपीसी (SGPC) से संपर्क किया था। उन्होंने हमसे अनुरोध किया था कि हम उनकी बेटी को फिर से सिख धर्म अपनाने के लिए कहें और उसे घर वापस लाने की कोशिश करें। कौर ने कहा, “लड़की इसके लिए नहीं मानी, ऐसे में हम उस पर कोई दबाव नहीं बना सकते हैं।” जानकारी के मुताबिक, एक लड़की को सिख समुदाय के हवाले कर दिया गया है, लेकिन दूसरी अभी भी धर्म परिवर्तन करवाने वालों के पास है।

बताया जा रहा है कि सिख लड़कियों के जबरन धर्मांतरण मामले में एक युवती 18 साल की है। कथित तौर पर उसका 40 साल के अधेड़ के साथ निकाह करवाया गया, जो कि पहले से शादीशुदा है। परिवार के विरोध के बाद लड़की को उसके माता-पिता को सौंप दिया गया है। वहीं, दूसरे मामले में भी बालिग लड़की का निकाह मुस्लिम शख्स से हुआ है, लेकिन इस लड़की ने कोर्ट में अपने पति के साथ रहने की इच्छा जताई है।

गौरतलब है कि वर्ष 2012 में पंजाब की पूर्व मंत्री और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की अध्यक्ष बीबी जागीर कौर को अपनी बेटी की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 20 अप्रैल, 2000 में मृत पाई गई उनकी बेटी हरप्रीत कौर की हत्या की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया था। सीबीआई की अदालत ने बीबी जागीर कौर को हत्या के आरोप से दोषमुक्त कर दिया था और उन्हें सिर्फ अपहरण और जबरन गर्भपात का दोषी ठहराया था। सीबीआई अदालत ने कौर को 5 साल कैद की सजा सुनाई थी। बाद में मामला हाईकोर्ट पहुँचा था। प्रकाश सिंह बादल सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं बीबी को इसके चलते इस्तीफा देना पड़ा था। 7 महीने जेल में बिताने के बाद जागीर को जमानत मिली थी। बाद में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था।

बता दें कि इस मामले में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष और अकाली दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनजिंदर सिंह सिरसा सक्रिय रूप से अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं और लगातार यह माँग कर रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर में इस प्रकार के धर्मांतरण और निकाह को रोकने के लिए सख्त कानून बनाया जाए। उनकी यह माँग बिल्कुल जायज है, लेकिन सिरसा ने ही लव जिहाद पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा कानून बनाए जाने पर हिन्दू धर्म को यह कहते हुए एक ‘कमजोर धर्म’ कहा था कि अगर किसी धर्म को अपनी रक्षा करने के लिए कानून की जरूरत पड़े तो वह धर्म पाप है।

मनजिंदर सिंह सिरसा ने ट्वीट करके गृह मंत्री अमित शाह से माँग की है कि जम्मू-कश्मीर में सिख नाबालिग लड़कियों के जबरन निकाह को रोकने के लिए ‘उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश’ की तरह कानून लागू किया जाए, जिसके तहत अंतरधार्मिक विवाह के लिए अभिभावक की मंजूरी आवश्यक हो।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘कानून व्यवस्था के लिए खतरा है धर्मांतरण, पीड़ित की शिकायत के बिना भी एक्शन ले सकती है सरकार’: इलाहाबाद हाई कोर्ट, लालच देकर दुर्गा...

कोर्ट ने माना कि FIR और गवाहों के बयान ऐसे अपराध को दर्शाते हैं, जिनकी जाँच जरूरी है। इसलिए कोर्ट ने जाँच में दखल देने से इनकार कर दिया।

थाइलैंड में 33 हजार केस, पर मौतें सबसे ज्यादा ब्रिटेन में: क्या है कोविड-19 का नया वेरिएंट JN.1 जिससे भारत भी नहीं अछूता, जानिए...

कोरोना के मामलों के तेजी से बढ़ने के पीछे नया वेरिएंट JN.1 जिम्मेदार है। असल में यह ओमिक्रोन वैरिएंट का ही सब-वेरिएंट है।
- विज्ञापन -