उत्तर प्रदेश में इस्लामी धर्मांतरण गिरोह के मामले में नित नए खुलासे हो रहे हैं। गिरफ्तार मौलाना मोहम्मद उमर गौतम के धर्मांतरण गिरोह के पीछे का मास्टरमाइंड बिलाल फिलिप्स को बताया जा रहा है, जो भगोड़ा इस्लामी उपदेशक ज़ाकिर नाइक का करीबी है। ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ ने एक स्टिंग ऑपरेशन के बाद दावा किया कि उमर के सहयोगी सुफियान ने खुलासा किया कि ज़ाकिर नाइक और बिलाल फिलिप्स से उसके सम्बन्ध रहे हैं।
माना जा रहा है कि इस गिरोह के तार खूँखार आतंकी संगठन ISIS से भी जुड़े हो सकते हैं। ‘रिपब्लिक’ के स्टिंग ऑपरेशन में सुफियान जासूसी कैमरे के सामने कहता है, “डॉक्टर फिलिप्स एक ऑनलाइन इस्लामी विश्वविद्यालय चलाते हैं। इसके परीक्षा सेंटर दिल्ली स्थित ‘इस्लामिक दावा सेंटर (IDC)’ के दफ्तर में ही स्थित है। इसके मुख्य सेंटर हैदराबाद में है। छात्र घर से ही कोर्स कर सकते हैं, लेकिन परीक्षा देने IDC के केंद्र पर आते हैं।”
उसने दावा किया कि IDC के पास उन छात्रों के आईडी कार्ड्स से लेकर सारे विवरण हैं। उसने बताया कि IDC और IOU के बीच करार हुआ था, जिससे मौलाना मोहम्मद उमर गौतम बिलाल फिलिप से जुड़ा हुआ है और वो ज़ाकिर नाइक से। उसने बताया कि उमर ने बिलाल से मुलाकात भी की थी। कज़ाख़स्तान में एक ‘सर्व धर्म सम्मलेन’ में उमर ने खुद को ‘भारतीय प्रतिनिधि’ के रूप में पेश किया था।
बिलाल भी वहाँ पहुँचा हुआ था। बिलाल फिलिप्स की एंट्री कई देशों ने प्रतिबंधित कर रखी है, जिसमें भारत भी शामिल है। उसने लगभग 6 भारतीय मुस्लिमों को ISIS में शामिल कराया है। बिलाल फिलिप्स ज़ाकिर नाइक के इस्लामी चैनल ‘पीस टीवी’ पर भी आता है। वो खुद को सुधारवादी बताता है, लेकिन उस पर इस्लामी आतंकी संगठनों में भर्ती कराने का आरोप है। उसका जन्म जमैका के किंग्स्टन में हुआ था, लेकिन उसके जीवन का अधिकतर हिस्सा कनाडा के टोरंटो में गुजरा है।
उधर यूपी पुलिस को पता चला है कि कानपुर के 8 कट्टरपंथी मुस्लिम मौलाना मोहम्मद उमर गौतम के संपर्क में थे। कानपुर व इसके आसपास होने वाली उसकी सभाओं के लिए यही भीड़ जुटाने का काम करते थे। इन आठों का इतिहास क्राइम ब्यूरो खँगाल रहा है। ये गैर-मुस्लिमों को उमर की सभाओं में ले जाते थे और फिर धन का प्रलोभन देकर उनका इस्लामी धर्मांतरण कराते थे। फोन पर भी IDC के लोग गैर-मुस्लिमों का माइंडवॉश करते थे।