सड़क दुर्घटना में घायल हुए ऋषभ पंत की हेल्थ को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। कार एक्सीडेंट में पंत को पीठ, हाथ, सिर पर चोटें आई थीं। इस चोट के कारण उन्हें प्लास्टिक सर्जरी से गुजरना पड़ा। डॉक्टर ने ऋषभ पंत की बाईं आँख के ऊपर के हिस्से (माथे) की प्लास्टिक सर्जरी की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टीम इंडिया के स्टार क्रिकेटर ऋषभ पंत फिलहाल, देहरादून के मैक्स हॉस्पिटल में भर्ती हैं। जहाँ डॉक्टर्स की टीम लगातार उनके इलाज में जुटी हुई है। डॉक्टर्स का कहना है कि ऋषभ की हालत में सुधार हो रहा है और इलाज का उन पर अच्छा असर हो रहा है। मैक्स हॉस्पिटल में ही उनके माथे की प्लास्टिक सर्जरी हुई।
ऋषभ पंत का घायल होना टीम इंडिया के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। पंत टेस्ट क्रिकेट में बेहतरीन फॉर्म में थे। हाल ही में, बांग्लादेश के विरुद्ध हुई सीरीज में टीम इंडिया की जीत में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। चूँकि, फरवरी में टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है। लेकिन, घायल होने के कारण पंत इस सीरीज में नहीं खेल पाएँगे। ऐसे में, टीम इंडिया को उनकी जगह किसी विकल्प की तलाश करनी होगी। साथ ही, यह भी कहा जा रहा है कि पंत को लंबे समय तक क्रिकेट से दूर रहना पड़ सकता है।
बता दें कि ऋषभ पंत शुक्रवार (30 दिसंबर, 2022) को भीषण सड़क हादसे में घायल हो गए थे। वह कार से दिल्ली से माँ को सरप्राइज देने के लिए अपने घर रुड़की जा रहे थे। इस दौरान, नारसन बॉर्डर पर हम्मदपुर झाल के पास उनकी कार अनियंत्रित होकर पहले डिवाइडर से टकराई और फिर जलकर राख हो गई। हादसे की वजह कोहरा और रोड के गड्ढे को माना जा रहा है।
हादसे के वक्त हरियाणा रोडवेज के बस ड्राइवर सुशील कुमार ऋषभ पंत के लिए मसीहा बनकर पहुँचे। उन्होंने ही पंत को संभाला। बस कंडक्टर की मदद से पंत को कार से दूर किया और एम्बुलेंस बुलाकर उन्हें अस्पताल भिजवाया। सुशील ने बताया था कि पंत खून से लथपथ थे और उन्होंने खुद ही बताया था कि वे क्रिकेटर ऋषभ पंत हैं।
‘उनकी जान बचाना जरूरी समझा’ – सुशील कुमार
सुशील कुमार ने आज तक से हुई बातचीत में कहा था, “मैं हरियाणा रोडवेज में ड्राइवर हूँ। हरिद्वार से आ रहा था। जैसे ही हम नारसन के पास पहुँचे मैंने देखा दिल्ली की तरफ से कार आई और करीब 60-70 की स्पीड में डिवाइडर से टकरा गई। मैंने देखा उस आदमी (ऋषभ पंत) को। मुझे लगा वो बचेगा ही नहीं। कार से चिंगारी निकल रही थी। वह (पंत) कार के पास ही पड़े थे।”
उन्होंने आगे कहा था, “मैंने बस कंडक्टर की मदद से उन्हें उठाया और कार से दूर ले गया। मैंने उनसे पूछा- कोई और है कार के अंदर। वो बोले मैं अकेला ही था। फिर उन्होंने खुद बताया कि मैं ऋषभ पंत हूँ। मैं क्रिकेट के बारे में इतना नहीं जानता। उन्हें साइड में खड़ा किया। उनके शरीर पर कपड़े नहीं थे, तो हमने अपनी चादर में उन्हें लपेट दिया।”
सुशील ने यह भी कहा था, “उन्होंने हमें बताया था कि उनके पैसे भी गिर गए हैं। तो हमने आसपास पड़े उनके 7-8 हजार रुपए इकट्ठा किए और उन्हें दे दिए। मेरे कंडक्टर ने एंबुलेंस को फोन किया। मैंने पुलिस और नेशनल हाइवे को फोन लगाया। 15-20 मिनट के बाद एम्बुलेंस आ गई, तो उन्हें बैठाकर अस्पताल भेज दिया। वो (पंत) खून से लथपथ थे और लंगड़ाकर चल रहे थे। हमने वीडियो नहीं बनाया। उनकी जान बचाना जरूरी समझा।”