Thursday, May 22, 2025
Homeदेश-समाजकार से निकल रही थी चिंगारी, खून से थे लथपथ, कहा- मैं ऋषभ पंत...

कार से निकल रही थी चिंगारी, खून से थे लथपथ, कहा- मैं ऋषभ पंत हूँ… बस ड्राइवर ने अपनी चादर में लपेटा: जानिए कार एक्सीडेंट के बाद कैसे बची जान

"उन्होंने खुद बताया कि मैं ऋषभ पंत हूँ। मैं क्रिकेट के बारे में इतना नहीं जानता। उन्हें साइड में खड़ा किया। उनके शरीर पर कपड़े नहीं थे, तो हमने अपनी चादर में उन्हें लपेट दिया।"

भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत (Rishabh Pant) शुक्रवार (30 दिसंबर 2022) को कार दुर्घटना में बाल-बाल बच गए। उनकी कार जलकर राख हो गई। उन्हें गंभीर चोटें आई हैं। यह हादसा उस वक्त हुआ, जब वे दिल्ली से अपने घर रुड़की जा रहे थे। इस मुश्किल घड़ी में हरियाणा रोडवेज के बस ड्राइवर सुशील कुमार उनके लिए मसीहा बनकर पहुँचे। उन्होंने ही पंत को संभाला। बस कंडक्टर की मदद से पंत को कार से दूर किया और एम्बुलेंस बुलाकर उन्हें अस्पताल भिजवाया। सुशील ने बताया कि पंत खून से लथपथ थे और उन्होंने खुद ही बताया था कि वे क्रिकेटर ऋषभ पंत हैं।

‘उनकी जान बचाना जरूरी समझा’

सुशील कुमार ने आज तक से कहा, “मैं हरियाणा रोडवेज में ड्राइवर हूँ। हरिद्वार से आ रहा था। जैसे ही हम नारसन के पास पहुँचे मैंने देखा दिल्ली की तरफ से कार आई और करीब 60-70 की स्पीड में डिवाइडर से टकरा गई। मैंने देखा उस आदमी (ऋषभ पंत) को। मुझे लगा वो बचेगा ही नहीं। कार से चिंगारी निकल रही थी। वह (पंत) कार के पास ही पड़े थे। मैंने बस कंडक्टर की मदद से उन्हें उठाया और कार से दूर ले गया। मैंने उनसे पूछा- कोई और है कार के अंदर। वो बोले मैं अकेला ही था। फिर उन्होंने खुद बताया कि मैं ऋषभ पंत हूँ। मैं क्रिकेट के बारे में इतना नहीं जानता। उन्हें साइड में खड़ा किया। उनके शरीर पर कपड़े नहीं थे, तो हमने अपनी चादर में उन्हें लपेट दिया।”

सुशील ने आगे कहा, “उन्होंने हमें बताया था कि उनके पैसे भी गिर गए हैं। तो हमने आसपास पड़े उनके 7-8 हजार रुपए इकट्ठा किए और उन्हें दे दिए। मेरे कंडक्टर ने एंबुलेंस को फोन किया। मैंने पुलिस और नेशनल हाइवे को फोन लगाया। 15-20 मिनट के बाद एम्बुलेंस आ गई, तो उन्हें बैठाकर अस्पताल भेज दिया। वो (पंत) खून से लथपथ थे और लंगड़ाकर चल रहे थे। हमने वीडियो नहीं बनाया। उनकी जान बचाना जरूरी समझा।”

पत्रकार अभिषेक त्रिपाठी के मुताबिक, देहरादून मैक्स अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर आशीष याग्निक ने कहा है कि पंत को बाहर से कोई गंभीर चोट नहीं है। कमर, सिर और पैर में वह चोट बता रहे हैं। हड्डी रोग विशेषज्ञ, प्लास्टिक सर्जन,फिजिशियन समेत तमाम डॉक्टरों की टीम उनके उपचार में लगी है। पंत के परिजन भी अस्पताल में पहुँच गए हैं।

वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पंत के इलाज का पूरा खर्च उनकी सरकार उठाएगी। धामी ने अधिकारियों से पंत की हालत को लेकर ताजा जानकारी ली और उनके इलाज का पूरा बंदोबस्त करने के लिए भी कहा।

गौरतलब है कि 30 दिसंबर 2022 की सुबह भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाज और विकेटकीपर ऋषभ पंत की कार नारसन बॉर्डर पर हम्मदपुर झाल के पास अनियंत्रित होकर पहले डिवाइडर से टकराई और फिर जलकर राख हो गई।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कतर में कैब चलाने वाला नेपाल का अंसारुल अंसारी बना ISI एजेंट, पाकिस्तान में ट्रेनिंग के बाद मिला भारत की जासूसी का टास्क: स्पेशल...

दिल्ली पुलिस ने जाँच एजेंसियों के साथ मिलकर एक बड़े ऑपरेशन को अंजाम देते हुए दो ISI एजेंट को गिरफ्तार किया है।

कपिल सिब्बल, राजीव धवन, अभिषेक मनु सिंघवी, हुजेफा अहमदी… वक्फ कानून नहीं कबूल: सुप्रीम कोर्ट में 3 दिन चली बहस, जानिए विरोध-पक्ष में क्या-क्या...

मजहबी अधिकारों पर सरकार ने कहा, "वक्फ इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं। दान हर धर्म में है, लेकिन इसे अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं माना गया।"
- विज्ञापन -