Sunday, November 17, 2024
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ब्रिटेन से ₹58 करोड़ की फंडिंग, रोहिंग्या-बांग्लादेशी मुस्लिमों को भारत में बसाता था: यूपी ATS ने NGO चलाने वाले अबू सालेह को दबोचा

उत्तर प्रदेश पुलिस की एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) ने रोहिंग्याओं को अवैध रूप से देश में बसाने वाले सिंडिकेट के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है। लखनऊ से आरोपित अबू सालेह मंडल है और वह पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। 50 साल का मंडल एक एनजीओ भी चलाता है, जिसमें वह इन कामों के लिए देश-दुनिया से फंडिंग लेता है। उस पर पुलिस ने 50 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था।

उत्तर प्रदेश पुलिस की एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) ने रोहिंग्याओं को अवैध रूप से देश में बसाने वाले सिंडिकेट के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है। लखनऊ से आरोपित अबू सालेह मंडल है और वह पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। 50 साल का मंडल एक एनजीओ भी चलाता है, जिसमें वह इन कामों के लिए देश-दुनिया से फंडिंग लेता है। उस पर पुलिस ने 50 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था।

यूपी एटीएस ने अबू सालेह मंडल के पास एक लाख रुपए नकद और दो मोबाइल फोन बरामद किया है। मंडल ने यूपी के देवबंद स्थित मदरसे से पढ़ाई की है। वह एक सिंडिकेट बनाकर म्यांमार से आने वाले रोहिंग्या मुस्लिमों के लिए अवैध एवं फर्जी भारतीय दस्तावेज बनाकर उन्हें भारत के अलग-अलग शहरों में बसाता था। इसकी जानकारी यूपी एटीएस को काफी समय से मिल रही थी।

इस इनपुट के आधार पर यूपी एटीएस ने कार्रवाई करने के लिए एक टीम बनाई। इसके बाद इस सिंडिकेट से जुड़े 6 लोगों की गिरफ्तारी की थी। गिरफ्तार लोगों में अदिलुर रहमान असरफी, अबु हुरैरा गाजी, शेख नजीबुल हक, तानिया मंडल, इब्राहिम खान और मोहम्मद अब्दुल अव्वल शामिल है। इनसे पूछताछ के बाद मंडल के कारनामों की जानकारी मिली थी।

अबू सालेह ने ATS को बताया कि वह हरोआ-अल जमियातुल इस्लामिया दारूल उलूम मदरसा और कबीरबाग मिल्लत एकेडमी नाम से दो ट्रस्ट चलाता है। इन ट्रस्टों के FCRA खातों में ब्रिटेन के उम्मा वेलफेयर ट्रस्ट से साल 2018-22 तक लगभग 58 करोड़ रुपए आए। उम्मा ट्रस्ट को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने और उनकी मदद करने के कारण अमेरिका प्रतिबंधित कर चुका है।

विदेशों से मिले इस फंड के एक बड़े हिस्से को वह अपनी टीम के सदस्यों के मार्फत फर्जी बिलिंग कराकर नगद हासिल कर लेता था। इतना ही नहीं, अबू सालेह ने अब्दुल्ला गाजी नाम के एक आरोपित के साथ मिलकर गाजी फूड्स सप्लाई और गाजी मैसनरीज नाम से फर्जी फर्म बना लिया और इसके जरिए फंडों की बिलिंग की गई। यह फर्म केवल कागजों में है।

एटीएस की पूछताछ में यह बात भी सामने आई कि उसे कुछ नकदी उसे हवाला के जरिए भी मिले थे। इन पैसों का इस्तेमाल वह रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुस्लिमों को भारत में घुसपैठ कराने और उन्हें बसाने के लिए करता था। इतना ही नहीं, वह इन लोगों को आर्थिक मदद भी देता था और फर्जी भारतीय दस्तावेज बनवाता था। कुछ पैसों का इस्तेमाल वह अन्य राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में भी करता था।

यूपी एटीएस ने जब सबूत जुटा लिए तो अबू सालेह मंडल को लखनऊ के मानकनगर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। एटीएस के एडीजी मोहित अग्रवाल का कहना है अबू सालेह मंडल के खिलाफ पुख्ता सबूत है। उन्होंने यह भी कहा कि उससे कुछ अहम जानकारियाँ हासिल करना बाकी है। इसके लिए जरूरत पड़ी तो उसे पुलिस रिमांड पर भी लिया जाएगा।

बताते चलें कि ATS ने जुलाई 2023 में एक साथ मथउरा, अलीगढ़, हापुड़ सहित कई जिलों में छापेमारी करके अवैध रूप से रह रहे 60 से अधिक रोहिंग्या मुस्लिमों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किए गए रोहिंग्याओं को पशुओं के कटान वाली फैक्ट्री में नौकरी दी गई थी। इनके पास भी फर्जी भारतीय दस्तावेज बरामद हुए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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