कोरोना वायरस संक्रमण आपदा और उससे बचाव के लिए हुए लॉकडाउन के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) लगातार राहत कार्य और जनसेवा में लगा हुआ है। संघ ने अपने सेवा-कार्य से जुड़े आँकड़े पेश किए हैं। संघ ने इसे ‘कोविड सेवा’ नाम दिया है। संघ ने जानकारी दी है कि वह देश भर के 67,336 स्थानों पर एक साथ राहत-कार्य चला रहा है। आरएसएस के 3,42,319 कार्यकर्ता इस काम में लगे हुए हैं।
संघ न सिर्फ़ लोगों के खाने-पीने का प्रबंध कर रहा है, बल्कि उनके स्वास्थ्य का भी ध्यान रख रहा है। संघ ने अब तक 50,48,088 परिवारों को राशन किट मुहैया कराया है। इतनी बड़ी संख्या में परिवारों तक पहुँचना ये बताता है कि आरएसएस देश के दूर-दराज इलाक़ों में भी कमान थामे हुए है। अब तक कुल 3,17,12,767 भोजन पैकेट्स वितरित किए जा चुके हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जगह-जगह पर ब्लड डोनेशन कैम्प भी आयोजित कर रहा है। संघ कार्यकर्ता बढ़-चढ़ कर रक्तदान कर रहे हैं। अब तक 22,446 स्थानों पर ब्लड डोनेशन कैम्पस आयोजित किए गए हैं। लोगों को कोरोना से बचाव के लिए मास्क और सैनिटाइजर्स भी वितरित किए गए हैं। अब तक 44,54,555 मास्क ज़रूरतमंदों के बीच बाँटे जा चुके हैं।
आरएसएस ने अपने बयान में कहा है कि संगठन तभी रुकेगा, जब कोरोना पर भारत को अंतिम विजय नहीं मिल जाती। साथ ही संगठन पोस्ट-कोरोना वर्ल्ड के लिए भी तैयार हो रहा है। संघ ने केंद्र सरकार की उसके कामकाज के लिए तारीफ की है। संघ ने दुनिया भर के कैपिटलिज्म और कम्युनिज्म के ध्वस्त होते आर्थिक मॉडलों के उदाहरण देते हुए कहा कि अब स्वदेशी व्यवस्था का वक़्त आ गया है। ये सेल्फ-रिलायंस का समय है। संघ ने कहा:
“कोरोना से बचाव के लिए नागरिकों को सुविधाएँ देने से लेकर उन्हें जागरूक करने तक, हम सरकार के साथ कदम से क़दम मिला कर चल रहे हैं। हम सरकारी संस्थाओं का सपोर्ट सिस्टम बनने का प्रयास कर रहे हैं। भारत माता के 130 करोड़ बच्चे-बच्चियाँ हमारे भाई बहन हैं। संघ की शाखा की यही शिक्षा हमें पग-पग पर आत्मविश्वास दे रही है। हमारी लोगों से अपील है कि जिस तरह लॉकडाउन में परिवार के बीच नजदीकियाँ बढ़ी हैं, वो टूटनी नहीं चाहिए। परिवार हमारे समाज का आधारभूत संरचना होता है।”
Rashtriya Swayamsevak Sangh COVID-19 seva till 2 May2020
— RSS (@RSSorg) May 5, 2020
Places served :67,336
Dedicated Volunteers :3,42,319
Ration kit donated to Families :50,48,088
Meal packets distribution :3,17,12,767
Migrant workers helped in different ways :4,89,824
Blood Donation :22,446
Mask :44,54,555 pic.twitter.com/emQxrQjNJH
संघ ने आशा जताई कि कोरोना आपदा के बाद हमारे विकास का जो मॉडल है उस पर ज़रूर समीक्षा की जाएगी क्योंकि ताज़ा मॉडल की पोल खोल चुकी है। संगठन ने मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि जिस तरह फेज बाई फेज लॉकडाउन की घोषणा की गई, उससे लोगों को इसके लिए मानसिक रूप से तैयार रहने में मदद मिली। साथ ही संघ ने मंदिरों और मठों व गुरुद्वारों की भी तारीफ की, जो इस आपदा की घड़ी में आगे बढ़ कर काम कर रहे हैं।
इससे पहले हमने जानकारी दी थी कि देश भर में ”सेवा भारती’ के 2.1 लाख स्वयंसेवक काम में लगे हुए हैं। संगठन ने भारत में कुल 1200 संस्थाओं के साथ संपर्क साधा है और उन सभी के साथ मिल-जुलकर काम कर रही है। सेवा भारती संगठन ने पश्चिम दिल्ली की एक चर्च में 250 भूखे लोगों को राशन उपलब्ध करवाया था। संगठन नार्थ-ईस्ट और केरल पर अतिरिक्त ध्यान दे रही है।