राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल की प्रयागराज में चल रही चार दिवसीय बैठक 19 अक्टूबर 2022 (बुधवार) को समाप्त हो गई। इसके बाद संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले (Dattatreya Hosabale) ने मीडिया से बात की। उन्होंने धर्म परिवर्तन की साजिशों और घुसपैठ का जिक्र करते हुए बताया कि इसके कारण देश के कई हिस्से में हिंदुओं की आबादी कम हो गई है। उन्होंने ऐसी जनसंख्या नीति की जरूरत बताई जो सब पर एक समान लागू हो। साथ ही बताया कि जनजातीय समुदाय के लोगों में स्वाभिमान जागरण के कारण ‘मैं भी हिन्दू हूँ’ का बोध पूर्वोत्तर राज्यों में भी विकसित हुआ है।
सरकार्यवाह ने कहा कि धर्मांतरण करने वालों को आरक्षण के लाभ से वंचित कर दिया जाना चाहिए। देश में जनसंख्या अंसतुलन को चिंता का विषय बताते हुए कहा कि हम अभी गर्व से कहते हैं कि हमारा देश युवाओं का देश है। लेकिन असंतुलन की वजह से यह स्थिति बदल सकती है।
उन्होंने कहा, “इस विषय पर समग्रता से विचार कर सब पर लागू होने वाली जनसंख्या नीति बननी चाहिए। मतांतरण से हिंदुओं की संख्या कम हो रही है। देश के कई हिस्सों में मतांतरण की साजिश चल रही है। कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों में घुसपैठ भी हो रही है। इस वजह से भी हिंदुओं की संख्या मे कमी आई है। बांग्लादेश के रास्ते बिहार के सीमावर्ती इलाकों पुर्णिया, कटिहार या पूर्वोत्तर राज्यों में घुसपैठ की घटनाएँ हुई हैं। हालाँकि उसे रोकने के प्रयास हुए हैं, लेकिन धीरे-धीरे अन्य राज्यों से भी घुसपैठ की सूचना मिल रही है।”
होसबाले ने कहा कि जनसंख्या असंतुलन के कारण कई देशों में विभाजन की नौबत आई है। भारत का विभाजन भी जनसंख्या असंतुलन के कारण हो चुका है। जनसंख्या असंतुलन पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पिछले 40-50 सालों से जनसंख्या नियंत्रण पर जोर देने के कारण परिवारों की औसत जनसंख्या कम होकर 1.9 हो गई है। इस वजह से आने वाले समय में युवाओं की संख्या में कमी और बुजुर्गों की संख्या में वृदि देखने को मिल सकती है। यह चिंताजनक है।
सरकार्यवाह ने इस दौरान पूर्वोत्तर राज्यों में संघ की स्वीकार्यता का भी उल्लेख किया। बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों के जनजातीय समुदाय के लोगों में स्वाभिमान जागरण के कारण ‘मैं भी हिन्दू हूँ’ का बोध विकसित हुआ है। पूर्वोत्तर भारत के जनताजीय समुदाय के लोग अब संघ से जुड़ना चाहते हैं। विशेष रूप से मेघायल और त्रिपुरा के जनजातीय लोग इसी एहसास की कारण सरसंघचालक को आमंत्रित करने लगे हैं।
उन्होंने धर्मांतरण रोधी कानूनों को सख्ती से लागू करने का आह्वान किया। होसबाले ने कहा कि धर्मांतरण पर संघ जागरूकता उत्पन्न करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कई लोगों ने ‘घर वापसी’ की है और इस मुहिम के अच्छे परिणाम सामने आए हैं।