Monday, December 23, 2024
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फरहान की फिल्म में हीरो अज़ीज़ और हीरोइन पूजा, ‘मंदिर से विश्वासघात’: ध्यान दिलाने पर YouTube चैनल बैन, वीडियो हटाया

इस फिल्म के निशाने पर आपकी 15-16 साल की लड़कियाँ होंगी, जो ये सोचेंगी कि अज़ीज़ अली कितना अच्छा है और प्यार के लिए कितना कुछ करता है। और, उनके आसपास घूम रहे अज़ीज़ इसी का फायदा उठाएँगे। लड़कियों में अज़ीज़ के प्रति प्रेम और अपने धर्म के प्रति घृणा फैलाने के लिए ये सब किया गया है।

एक फिल्म, जिसका नाम ‘तूफ़ान’ है। फिल्म में फरहान अख्तर मुख्य अभिनेता हैं, जो इसके निर्माताओं में भी शामिल हैं। 16 जुलाई, 2021 को रिलीज होने जा रही इस फिल्म में अभिनेता का नाम होता है ‘अज़ीज़ अली’ और उसके साथ जो अभिनेत्री होती है, उसका नाम होता है ‘पूजा शाह’। ‘सब लोकतंत्र’ नामक YouTube चैनल चलाने वाले रचित कौशिक ने जब इस फिल्म में ‘लव जिहाद’ को बढ़ावा देने की तरफ ध्यान दिलाया तो उनका चैनल ही बैन कर दिया गया।

YouTube ने 7 दिनों के लिए बैन किया रचित कौशिक का चैनल ‘सब लोकतंत्र’

रचित कौशिक के यूट्यूब चैनल ‘सब लोकतंत्र‘ को 7 दिनों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस दौरान वो न तो इस चैनल पर कोई वीडियो डाल सकते हैं और न ही कोई पोस्ट कर सकते हैं। YouTube का कहना है कि उनके चैनल ने ‘हेट स्पीच’ को आगे बढ़ाया है। ‘सब लोकतंत्र’ एक व्यंग्यात्मक कंटेंट वाला चैनल है, जहाँ दिलचस्प तरीके से समसामयिक मुद्दों पर अपनी बात रखी जाती है। ‘तूफ़ान’ के ट्रेलर की समीक्षा भी इसी तरीके से की गई थी।

उन्होंने पाया कि फरहान अख्तर और राकेश ओमप्रकाश मेहरा की इस फिल्म के माध्यम से ‘लव जिहाद’ के गुप्त एजेंडे का महिमामंडन किया जा रहा है और इसे उन्होंने दर्शकों के सामने रखा। इस चैनल के 7.86 लाख सब्सक्राइबर्स हैं। इस वीडियो को यूट्यूब द्वारा हटाए जाने से पहले भी इस पर 3 लाख व्यूज आ चुके थे। इतना ही नहीं, उनके एक और वीडियो को हटाया गया था। इसमें उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी को लेकर बात की थी।

असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में होने वाले 2022 विधानसभा चुनावों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनौती दी थी। इस पर भी रचित कौशिक ने वीडियो बनाया था और मात्र 12 घंटे में ही उस पर 1.35 लाख व्यूज भी आ गए थे। लेकिन, यूट्यूब ने इसे अपनी नीतियों का उल्लंघन मानते हुए प्रतिबंधित कर दिया। रचित कौशिक अपने सामने अपनी ‘अभिव्यक्ति की आज़ादी’ का हनन होते देख रहे हैं, लेकिन इन विदेशी कंपनियों के सामने इन सबका कोई मोल नहीं।

क्या है फरहान अख्तर की ‘तूफ़ान’ के ट्रेलर में

आगे बढ़ने से पहले समझ लेते हैं कि फरहान अख्तर की फिल्म ‘तूफ़ान’ में क्या है। फरहान कहानीकार से गीतकार और गीतकार से ट्विटर ट्रोल बने जावेद अख्तर के बेटे हैं। दोनों भाजपा और नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने के लिए जाने जाते हैं। फरहान अख्तर को CAA विरोधी प्रदर्शनों में भी देखा गया था, जबकि उन्हें इस कानून का एबीसी तक पता नहीं था। उनका कहना था कि इतने लोग प्रदर्शन कर रहे हैं तो वो भी कर रहे हैं।

इसके अलावा उन्होंने ट्विटर के माध्यम से एक झूठ फैलाया था कि CAA और NRC लागू होने के बाद आदिवासियों, दलितों और महिलाओं को देश से बाहर निकाल दिया जाएगा। ‘तूफ़ान’ फिल्म का ट्रेलर देखते ही पता चलता है कि उन्होंने इसमें एक मुक्केबाज का किरदार अदा किया है। इसमें उनका नाम ‘अज़ीज़ अली उर्फ़ अज्जू भाई’ होता है, जिसका लाइसेंस सस्पेंड हो गया रहता है लेकिन वो अभिनेत्री के हौसला बढ़ाने पर कई सालों बाद फिर से बॉक्सिंग की तरफ लौटा।

अहमदाबाद से सांसद रहे वरिष्ठ अभिनेता परेश रावल ने इस फिल्म में उनके कोच का रोल अदा किया है, जिनका नाम नाना प्रभु होता है। इसके एक दृश्य में कोच अज़ीज़ अली को कहता है, “अभी तू जिसे मानता है, उसे मत्था टेक के आ।” इसके बाद अज़ीज़ अली अभिनेत्री पूजा शाह को आदाब करता नज़र आता है। अभिनेत्री, जो कि हिन्दू हैं, वो भी उसे बदले में आदाब करती है। ये किरदार मृणाल ठाकुर ने निभाया है।

फिल्म ‘तूफ़ान’ का ट्रेलर

इसके अगले दृश्य में फरहान अख्तर को बॉक्सिंग रिंग में पड़े हुए दिखाया गया है और खबर में कोई महिला एंकर कह रही होती हैं, “तूफ़ान ने अपने प्रशंसकों का दिल तोड़ दिया। जिस मंदिर की आप पूजा करते हैं, आपने उसके साथ विश्वासघात किया।” गौर कीजिए, ‘मंदिर’। इस फिल्म को ‘अमेज़न प्राइम’ पर रिलीज किया जा रहा है। वही ‘अमेज़न प्राइम’, जहाँ हाल ही में हिन्दू विरोधी भावना को ‘तांडव’ वेब सीरीज के जरिए आगे बढ़ाया गया था।

‘सब लोकतंत्र’: रचित कौशिक ने ‘तूफ़ान’ के ट्रेलर की समीक्षा में क्या कहा था

ऑपइंडिया के पास ‘सब लोकतंत्र’ यूट्यूब चैनल का वो वीडियो है, जिसमें उन्होंने ‘तूफ़ान’ फिल्म के ट्रेलर की समीक्षा की थी। हालाँकि, ये वीडियो अब यूट्यूब पर उपलब्ध नहीं है। रचिक कौशिक अपने चैनल को ‘राष्ट्रीय आवाज़’ बताते हैं। इसमें उन्होंने मन्ना डे द्वारा गए एक गाने की पंक्तियाँ ‘तेरी गठरी में लगा चोर, मुसाफिर जाग जरा’ से शुरुआत करते हुए दर्शकों को सचेत किया था कि ‘उर्दू फिल्म इंडस्ट्री’ की नजर आपकी गठरी पर है।

इसके बाद उन्होंने ‘तूफ़ान’ के ट्रेलर की बात करते हुए कहा था कि ये फिल्म भी दर्शकों के दिलोंदिमाग पर आघात करने के लिए बनाई गई है। उन्होंने बताया था कि कैसे अज़ीज़ अली, जो कि मुंबई के डोंगरी का एक गुंडा है, उसे फिल्म में ‘स्ट्रीट फाइटर’ कहा जाता है, जो पढ़ा-लिखा नहीं है और गैर-कानूनी काम करता है। उन्होंने कहा था कि वो एक ‘शांतिदूत’ है, इसीलिए पूजा नाम की एक डॉक्टर उससे शादी कर लेती हैं।

फिर उन्होंने तंज कसते हुए कहा था कि उन्हें पता है कि ये एक ‘संयोग मात्र’ है और इसके पीछे कोई षड्यंत्र नहीं है, लेकिन साथ ही कहा कि बार-बार ऐसा संयोग ही क्या होता है, ये सवाल आपके मन में भी उठता होगा। रचित कौशिक ने सवाल दागा कि आखिर किसी फिल्म में लड़के का नाम रामप्रसाद और लड़की का नाम आयशा क्यों नहीं होता? उन्होंने उदाहरण दिया कि पिछले 70 वर्षों से फिल्मों में ऐसा ही ‘संयोग’ हो रहा है।

उन्होंने कहा, “इस फिल्म की छोटी-छोटी बारीकियाँ तनिष्क के उस विज्ञापन की तरह है। जब 3 मिनट के ट्रेलर में इतना कुछ है तो सोचिए, पूरी फिल्म में क्या होगा। फिल्म में अज़ीज़ अली और पूजा की एक तस्वीर टँगी होती है, जिसमें दोनों हिन्दू रीति-रिवाज से शादी करते दिख रहे होते हैं। बताया गया है कि अज़ीज़ अली खुले ख्यालों वाला है। इसी को अल-तकिया कहते हैं। असल में पूजा को शादी के लिए धर्म-परिवर्तन करना पड़ेगा और एक काले टेंट (बुर्का) को पहन कर अज़ीज़ की अन्य बीवियों के साथ रहना होगा।”

उन्होंने आगे वीडियो में कहा था, “इस फिल्म के निशाने पर आपकी 15-16 साल की लड़कियाँ होंगी, जो ये सोचेंगी कि अज़ीज़ कितना अच्छा है और प्यार के लिए कितना कुछ करता है। और, उनके आसपास घूम रहे अज़ीज़ इसी का फायदा उठाएँगे। लड़कियों में अज़ीज़ के प्रति प्रेम और अपने धर्म के प्रति घृणा फैलाने के लिए ये सब किया गया है। पूजा आदाब क्यों करती है? ऐसे ही अनजाना-अनजानी में आकाश (रणबीर कपूर) और कियारा (प्रियंका चोपड़ा) ‘तू न जाने आसपास है खुदा’ गाना गाते हैं।”

उन्होंने पाठशाला फिल्म का भी जिक्र किया था, जिसमें ‘ऐ खुदा’ नामक गाना है, लेकिन अभिनेता और अभिनेत्री दोनों हिन्दू होते हैं। साथ ही उन्होंने पूछा कि आखिर ‘तूफ़ान’ में ‘मंदिर के साथ विश्वासघात’ की बात क्यों की गई गई, जबकि वो लोग पूजा करने वाले स्थलों को हराम मानते हैं। उन्होंने कहा कि यूँ तो ‘अली मौला, खुदा’ याद आता है, लेकिन विश्वासघात में मंदिर क्यों याद आता है? साथ ही उन्होंने ‘हवस का पुजारी’ की जगह ‘हवस का इमाम बुखारी’ और ‘गुनाहों का देवता’ की जगह ‘ गुनाहों का ख्वाजा’ का प्रयोग करने की बात कही।

वीडियो में रचित कौशिक फरहान अख्तर को खुद एक ‘लव जिहाद का परिणाम’ बताते हुए कहते हैं कि उनके पिता जावेद अख्तर ने पारसी हनी ईरानी से शादी की थी, और जब ‘मन भर गया’ तो उन्हें छोड़ कर शबाना आजमी से शादी कर ली। उन्होंने कहा कि फरहान अख्तर ने भी अपने अब्बा-हुजूर के नक्शेकदम पर चलते हुए पहले अधुना भबानी से शादी की और दो बच्चे होने के बाद शिबानी दांडेकर के साथ उनका रिश्ता चल रहा है।

वीडियो के अंत में उन्होंने ‘ब्रह्मज्ञान’ सेक्शन में मथुरा के वृंदावन का एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें दिखाया गया था कि जिन बच्चों को लोग दान देते हैं, वो मुस्लिम हैं। साथ ही वहाँ चंदन और भगवान की तस्वीरें बेचने वालों में भी कई मुस्लिम हैं, ऐसा दिखाया गया है। कुछ लड़कियों से नाम पूछने पर वो झिझकती हैं और फिर पता चलता है कि वो मुस्लिम हैं। रचित कौशिक ने दिखाया कि दान देने से पहले जान लें कि सामने वाला कौन है।

YouTube बैन: ऑपइंडिया ने ‘सब लोकतंत्र’ के रचित कौशिक से की बात

YouTube द्वारा ‘सब लोकतंत्र’ चैनल पर ‘तूफ़ान’ फिल्म के ट्रेलर की समीक्षा पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद ऑपइंडिया ने रचित कौशिक से बात भी की। उन्होंने बताया कि 30 जून, 2021 को इस फिल्म का ट्रेलर आया था, जिसकी उन्होंने समीक्षा की। उन्होंने आरोप लगाया कि इस फिल्म में ऐसी बहुत सी चीजें हैं, जिनमें ‘लव जिहाद’ को बढ़ावा दिया गया है। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण और शादी से पहले आदाब वाला दृश्य दिखा कर ये बताया गया है कि हिन्दू लड़कियाँ भी आदाब करती हैं और ये बड़ा ही ‘कूल’ है।

उन्होंने कहा, “मंदिर की जगह मस्जिद का नाम क्यों नहीं लिया गया?” ‘ब्रह्मज्ञान’ सेक्शन वाले वीडियो पर उन्होंने कहा कि इसमें वो लोगों द्वारा शूट किए हुए वीडियो चलाते हैं। ये साफ़ नहीं है कि वीडियो के किस हिस्से पर YouTube को आपत्ति है। उन्होंने कहा कि उनका मकसद इस चीज को लेकर जागरूकता फैलाना था कि कुछ मुस्लिम लोग भी हिंदू बन कर चंदन वगैरह लगा कर दान ले लेते हैं।

ऐसा नहीं है कि सिर्फ यूट्यूब ने ही उनके साथ ऐसा किया है। उन्होंने ट्विटर वेरिफिकेशन के लिए ‘मनोरंजन’ और कंटेंट क्रिएटर की श्रेणी में रजिस्ट्रेशन किया था, लेकिन उन्हें ब्लू टिक नहीं दिया गया। ये सब तब हुआ, Koo और यूट्यूब प्रोफाइल्स वेरिफाइड हैं। उन्होंने बताया कि फेसबुक ने भी कई बार उनके कंटेंट्स को ‘डिमॉनीटाइज’ किया है, अर्थात उससे आप रुपए नहीं कमा सकते। उन्होंने बताया कि पहले भी यूट्यूब से उन्हें वॉर्निंग मिली थी, लेकिन वीडियो नहीं हटाया जाता था।

फेसबुक पर ऑपइंडिया के पेज को भी कई बार निशाना बनाया गया है। कभी ‘इंस्टेंट आर्टिकल’ फीचर हटा दिया जाता है तो कभी किसी कंटेंट को लेकर रीच घटा दी जाती है। इसी तरह ट्विटर कॉन्ग्रेस के टूलकिट को ट्वीट करने वालों पर ‘छेड़छाड़ किया हुआ कंटेंट’ शेयर करने वाला लेबल लगा देता है। नव आईटी नियमों के खिलाफ उसने और व्हाट्सएप्प ने दादागिरी दिखाई। असल में ये सारी सोशल मीडिया कंपनियाँ भारत विरोधी एजेंडे में लगी हुई हैं।

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अनुपम कुमार सिंह
अनुपम कुमार सिंहhttp://anupamkrsin.wordpress.com
भारत की सनातन परंपरा के पुनर्जागरण के अभियान में 'गिलहरी योगदान' दे रहा एक छोटा सा सिपाही, जिसे भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति और सिनेमा की समझ है। पढ़ाई कम्प्यूटर साइंस से हुई, लेकिन यात्रा मीडिया की चल रही है। अपने लेखों के जरिए समसामयिक विषयों के विश्लेषण के साथ-साथ वो चीजें आपके समक्ष लाने का प्रयास करता हूँ, जिन पर मुख्यधारा की मीडिया का एक बड़ा वर्ग पर्दा डालने की कोशिश में लगा रहता है।

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