मुकेश अंबानी के घर से कुछ दूरी पर जिलेटिन से भरी कार मिलने के मामले में निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की पुलिस हिरासत 3 अप्रैल तक बढ़ा दी गई। कोर्ट में वाजे ने कहा कि उसका इस अपराध मामले में कोई लेना-देना नहीं है और उसे केवल बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
अदालत में वाजे ने कहा, “मैं केवल डेढ़ दिनों के लिए जाँच अधिकारी था। इस दौरान मैंने मामले की जाँच वैसे ही की, जैसी की जानी चाहिए थी। फिर प्लॉन में कुछ बदलाव हुए। मैं खुद NIA दफ्तर गया, जहाँ मुझे गिरफ्तार कर लिया गया।”
सुनवाई में NIA की ओर से एडिशनल सॉलिस्टर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि हर कोई इस केस में पुलिस की भूमिका को जानने के बाद हैरान है। पड़ताल में वाजे के घर से NIA को 62 बुलेट मिली है। इसकी जाँच होनी चाहिए कि आखिर वह वहाँ क्यों थी।
एएसजी अनिल सिंह ने बताया कि पुलिस विभाग ने वाजे को सिर्फ़ 30 बुलेट दी। जिसमें से 5 बुलेट मिल चुकी है। और बाकी की मिलनी बाकी है। सिंह ने कहा कि ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरेन की हत्या जिनका कहना था कि कार उनके घर से चोरी हुई, वो इस केस से संबंधित है।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि NIA को एक दिन पहले ही ATS ने इस मामले से जुड़े दो आरोपितों की कस्टडी दी है। इसलिए एजेंसी उनसे वाजे का आमना-सामना करवाना चाहती है। सरकारी वकील ने वाजे पर कई सीसीटीवी कैमरा के डीवीआर को खत्म करने के आरोप भी लगाए हैं। इसके साथ ही वाजे पर जाँच में सहयोग न करने के भी आरोप लगे हैं।
बता दें कि मनसुख हिरेन मामले की जाँच एनआईए ही कर रही है। वाजे के घर के अलावा टीम ने दक्षिण मुंबई के एक पाँच सितारा होटल पर भी छापा मारा था। जहाँ से पुलिस को पता चला की वाजे फर्जी आधार कार्ड दिखाकर वहाँ रुके हुए थे। इसके अलावा हाल में एक बिल्डर ने सचिन वाजे के खिलाफ रंगदारी का मामला दर्ज कराया है।
बिल्डर ने वाजे और उसके साथियों पर डरा-धमका कर रुपए वसूलने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। इस संबंध में मुंबई पुलिस कमिश्नर और महाराष्ट्र के DGP को भी शिकायत पत्र भेजा है। बिल्डर ने कहा है कि जब सचिन वाजे को सस्पेंड कर दिया गया है तो उसके द्वारा चलाए जा रहे रंगदारी और भ्रष्टाचार के रैकेट की जाँच होनी चाहिए। उसने बताया है कि वाजे और उसके साथियों ने उसे बार-बार धमकाया और रुपए न देने पर केस करने की धमकी दी।