उत्तर प्रदेश की प्रयागराज पुलिस ने सपा नेता और कौडिहार ब्लॉक से प्रखंड प्रमुख मुजफ्फर को गौ-तस्करी मामले में गिरफ्तार किया है। मुजफ्फर पुराना हिस्ट्रीशीटर है और उसके खिलाफ अलग-अलग जिलों में 34 से भी अधिक मुकदमे दर्ज हैं। प्रयागराज के अतिरिक्त, मुजफ्फर के विरुद्ध कौशाम्बी और वाराणसी आदि में भी मुकदमे दर्ज हैं।
मुजफ्फर की यह गिरफ्तारी उसके बमरौली स्थित आवास से की गई है। मुजफ्फर ने गौ तस्करी से करोड़ों की सम्पत्ति अर्जित की है। पुलिस इससे पूर्व में भी उसके खिलाफ कार्रवाई करके उसकी सम्पत्ति कुर्क कर चुकी है।
एक जानकारी के अनुसार, अब तक मुजफ्फर की करोड़ों की चल-अचल संपत्तियाँ कुर्क की जा चुकी हैं, यह सम्पत्तियाँ उसने गौ-तस्करी और अन्य अवैध कार्यों की कमाई से ही अर्जित की थी। प्रयागराज ने इसके अंतर्गत कौडिहार और पूरामुफ्ती समेत अन्य इलाके में कई प्लाट और मकान जब्त किए हैं।
वर्ष 2018 में एक गाड़ी में सैकड़ों किलो प्रतिबंधित गौमांस पकड़ा गया था। इस मामले को लेकर थाना धूमनगंज में मामला दर्ज किया गया था, मुजफ्फर इसमें आरोपित है।
मुजफ्फर ने कौडिहार ब्लॉक प्रमुख का चुनाव भी जेल के अन्दर से जीता था, वह वर्तमान में प्रयागराज की नैनी जेल में बंद है। उसे जीतने के दो वर्षों के बाद कोर्ट के आदेश पर शपथ दिलवाई गई थी। मुजफ्फर के दो भाई अशरफ और असलम भी हिस्ट्रीशीटर अपराधी हैं। मुजफ्फर की गिरफ़्तारी पर उसके समर्थकों ने पुलिस के सामने हंगामा भी खड़ा करने की कोशिश की। प्रयागराज पुलिस ने लोगों को यह बता कर शांत कर दिया है कि मुजफ्फर के विरुद्ध कोई नया मामला नहीं दर्ज किया गया है, बल्कि उसे गौ-तस्करी के पुराने मामले में ही गिरफ्तार किया गया है।
मुजफ्फर को मारे गए माफिया अतीक अहमद का भी करीबी बताया जाता रहा है। वह इससे पहले भी कई बार गौतस्करी के मामले में गिरफ्तार हो चुका है लेकिन जमानत पर छूट गया था।