समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और सांसद आजम खान की तबीयत फिर बिगड़ गई है। आजम खान को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेदांता अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर राकेश कपूर ने बताया कि सीटी स्कैन के बाद आजम खान के लंग्स में फाइब्रोसिस नामक बीमारी की शिकायत मिली है। साथ ही साथ कैविटी भी पाई गई है, जिसके चलते आज उनका ऑक्सीजन सपोर्ट बढ़ाया गया है।
फाइब्रोसिस एक ऐसी स्थिति है जो फेफड़ों में जख्म और अकड़न का कारण बनती है। इसके चलते शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है, जिससे कारण साँस लेने में दिक्कतें होती हैं। इसके चलते दिल संबंधी विकार और अन्य जटिलताएँ भी उत्पन्न हो सकती हैं।
जहाँ एक तरफ सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान की हालत गंभीर है और वह क्रिटिकल केयर मेडिसिन के एक्सपर्ट डॉक्टरों की देखरेख में रखे गए हैं। वहीं मेदान्ता हॉस्पिटल में भर्ती ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव व वरिष्ठ अधिवक्ता जफरयाब जिलानी की तबीयत में सोमवार को सुधार होने पर उनका वेंटिलेटर सपोर्ट हटा लिया गया है।
हालाँकि उन्हें अभी भी आईसीयू में रखा गया है। कोरोना संक्रमण के चलते उन्हें कोविड वार्ड में रखा गया है। बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक रहे वरिष्ठ अधिवक्ता जफरयाब जिलानी गुरुवार शाम घर में अचानक गिर गए थे। जिसकी वजह से उनके सिर में गंभीर चोट लग गई थी। जिसके चलते उनके दिमाग के अगले हिस्से में खून का थक्का जम गया था। डॉक्टरों ने 21 मई को जफरयाब जिलानी का सफल ऑपरेशन कर दिमाग मे जम गए खून के थक्के को निकाला गया था।
वहीं, उनके बेटे मोहम्मद अब्दुल्लाह खान की स्थिति स्टेबल है। हालाँकि उन पर भी सीसीएम के डॉक्टर लगातार नजर बनाए हुए हैं। बता दें कि आजम खान 1 मई को सीतापुर जेल में कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। कोरोना के कारण तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके बेटे भी मेंदाता में भर्ती हैं।
आजम खान फरवरी 2020 से सीतापुर जेल में बंद थे। उन पर रामपुर में अवैध जमीन कब्जा करने और फर्जी प्रमा णपत्र बनाने जैसे कई आरोप लगे हैं। आजम खान के बेटे अब्दुल्ला पर भी फर्जी प्रमाणपत्र से जुड़े कई मामले दर्ज हैं और वे भी पिता संग जेल में ही बंद थे।