महाराष्ट्र में कई दिनों से चल रहे ड्रामे के बीच एक और बड़ी खबर आई है। महाराष्ट्र सरकार और राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। इस याचिका में बॉम्बे हाई कोर्ट के उस निर्णय को चुनौती दी गई थी जिसके तहत अनिल देशमुख के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई द्वारा प्रारंभिक जाँच का आदेश दिया गया था। बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई पुलिस के आयुक्त रहे परमबीर सिंह द्वारा राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के बाद उनके विरुद्ध सीबीआई की प्रारंभिक जाँच को मंजूरी दी थी।
जस्टिस संजय किशन कौल और हेमंत गुप्ता की बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा, “आरोपित व्यक्ति और उस पर लगे गंभीर आरोपों को देखते हुए यह आवश्यक है कि एक स्वतंत्र जाँच एजेंसी इस मामले की जाँच करे। इस मामले में मात्र प्रारंभिक जाँच का ही आदेश दिया गया है अतः हम इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहते हैं।”
Bench: Nature of allegations and personas involved require an independent investigation.
— Live Law (@LiveLawIndia) April 8, 2021
Singhvi: The basis was the post. Now the basis is only gone. #AnilDeshmukh #ParamBirSingh #SupremeCourt @DrAMSinghvi @KapilSibal @OfficeofUT
सुनवाई के दौरान जस्टिस कौल ने कहा कि यह मुद्दा जनता के विश्वास का है। इस केस में जिन दो लोगों की संलिप्तता है वे एक साथ काम करते आए हैं और दोनों ही ऊँचे पदों पर रह चुके हैं। ऐसे में किसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा इस मामले की जाँच किया जाना अति आवश्यक है।
Justice Kaul: The allegations are very serious. The two personas involved are the Home Minister and the Commissioner. They are closely working together till they fall apart, both holding a particular position. Then should the CBI not investigate ?#AnilDeshmukh #ParamBirSingh
— Live Law (@LiveLawIndia) April 8, 2021
महाराष्ट्र सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि चूँकि अनिल देशमुख गृहमंत्री के पद से अपना इस्तीफा दे चुके हैं, ऐसे में किसी बाहरी एजेंसी द्वारा राज्य के मामलों की जाँच किया जाना अनुचित है।
अनिल देशमुख की ओर से कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि बॉम्बे हाई कोर्ट को पहले देशमुख का पक्ष सुनना चाहिए था। न्यायालय ने बिना सुने ही सीबीआई की प्रारंभिक जाँच का निर्णय दे दिया।
दोनों वकीलों की दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने प्रश्न किया कि आखिर सीबीआई की जाँच में समस्या ही क्या है? जस्टिस कौल ने यह भी कहा, “आप एजेंसी का चयन नहीं कर सकते।”
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के जरिए मुंबई के प्रतिष्ठानों से प्रति महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली का आरोप लगाया था। इस पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने मामले में सीबीआई को प्रारंभिक जाँच करने को कहा था।