दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मेरठ में ब्राह्मण महासभा से जुड़े वरिष्ठ अधिवक्ता मुकेश शर्मा की हत्या के मुख्य आरोपित नासिर को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। उस पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने 10 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था। नासिर खान ने अपने ससुर जुबैर के साथ मिलकर 18 अक्टूबर को अधिवक्ता के घर के पास गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी।
घटना शुक्रवार (18 अक्टूबर) रात 9:30 बजे की है। मुकेश शर्मा खाना खाकर बाहर टहलने निकले थे। इसी दौरान घात लगाए हमलावरों ने उनके घर से क़रीब 400 मीटर की दूरी पर प्राइमरी स्कूल के पास घेरकर उनके सिर में गोली मार दी। इसके बाद हमलावर वहाँ से फ़रार हो गए। गंभीर अवस्था में परिजन उन्हें अस्पताल ले गए, जहाँ उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
डीसीपी डॉ जी राम गोपाल नाइक ने बताया कि वांछित बदमाशों की धरपकड़ के लिए एसीपी श्वेता सिंह चौहान के निर्देशन में इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह के नेतृत्व में टीम का गठन किया था। बदमाशों के बारे में जानकारी जुटाए जाने के दौरान सूचना मिली कि हत्या के एक मामले में वांछित बदमाश ओखला मंडी के पास अपने दोस्त से मिलने के लिए आने वाला है। जिसके बाद पुलिस ने नासिर को ओखला मंडी से गिरफ्तार किया।
पूछताछ में नासिर ने बताया कि उसने और उसके ससुर जुबैर ने 700 गज जमीन वकील मुकेश के भतीजे अभिषेक से खरीदी थी। मृतक की फैमिली का आपस में जमीन के बँटवारे को लेकर विवाद चल रहा था। मुकेश 37 लाख रुपए लौटा भी नहीं रहा था और जमीन की रजिस्ट्री भी नहीं करवा रहा था। इसलिए मुकेश के भतीजे अभिषेक, नासिर, जुबैर और उनके परिजनों ने उनकी हत्या कर दी।
इस मामले में पाँच आरोपितों को यूपी पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। जिसमें ओमकार, योगेश, चेतन, नौशाद और ज़ुबैर का नाम शामिल है। गौरतलब है कि मृतक मुकेश शर्मा मेरठ बार एसोसिएशन के सदस्य और ब्राह्मण सभा के भी पदाधिकारी थे। हत्या की इस घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने अस्पताल में पुलिस अधिकारियों का घेराव किया था और कई घंटों तक शव का पंचनामा नहीं भरने दिया था। वहीं घटना की जानकारी मिलते ही भारी संख्या में अधिवक्ता भी अस्पताल पहुँचे थे।
बता दें कि नासिर और उसके साथियों जुबैर, नौशाद आरिफ और शमशेर ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी और जून 2018 में सदर तहसील के सामने मुकेश शर्मा पर नासिर, ज़ुबैर और जियाउल हक़ ने जानलेवा हमला भी किया था। जिसका मुक़दमा सदर बाजार थाने में दर्ज है। हालाँकि, इस मामले में पुलिस ने गिरफ़्तारी नहीं हुई थी। आरोपित कोर्ट से स्टे ले आए थे, मगर इस मुक़दमे में चार्जशीट दाखिल है।