ऐसा लगता है मानो जैसे-जैसे समय बीत रहा है, CAA-NRC का विरोध अब शाहीन बाग़ से होते हुए अपने असली रंग में आने लगा है। देशद्रोही नारे लगाने के कारण गिरफ्तार हुए शरजील इमाम के पकड़े जाने के ठीक एक दिन बाद ही सोशल मीडिया पर एक नया वीडियो शेयर होते देखा जा रहा है। इस वीडियो में CAA के विरोध प्रदर्शन के लिए जमा भीड़ को एक वकील द्वारा विशेष ब्रांड और कम्पनी के आर्थिक बहिष्कार की सलाह देते हुए देखा जा सकता है।
Note how the crowd erupts at mention of cow. Anti-CAA protests have made it clear. It’s all about Hinduphobia. It’s upon Hindus to decide whether they want to surrender and disappear or fight back. https://t.co/affCD6PWcw
— Rahul Roushan (@rahulroushan) January 29, 2020
टाइम्स एक्सप्रेस द्वारा शेयर किए गए इस वीडियो को बीजेपी नेता संबित पात्रा ने भी अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है।
Now Who is this man? ..calling out for “Economic Jehad”
— Sambit Patra (@sambitswaraj) January 28, 2020
AMU president Faizul Hasan says “क़ौम को ग़ुस्सा आ गया तो देश बर्बाद हो जाएगा”
Surgil Imam says “क़ौम chicken neck काट देगी”
और अब ये आर्थिक जिहाद की पुकार!!
दोस्तों ये #CAA के ख़िलाफ़ प्रदर्शन है या भारत के ख़िलाफ़?? pic.twitter.com/sLXYL2MwOZ
टाइम्स एक्सप्रेस के अनुसार, यह वीडियो उस वक़्त बनाया गया है जब वकील भानु प्रताप सिंह ने CAA पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद दिल्ली के मुस्तफाबाद में धरने पर बैठी जनता को संबोधित कर रहे थे।
इस वीडियो में वकील भानु प्रताप भीड़ को सम्बोधित करते हुए कह रहे हैं- “खुद को हिंदुस्तानी कहना बंद करो, हम भारतीय हैं। इस सरकार की सबसे बड़ी ताकत मीडिया है। वो मीडिया आज की तारीख में अम्बानी ने खरीद लिए हैं। ये अम्बानी ही आरएसएस और भाजपा की पैसे की तिजोरी हैं। बताओ हम टीवी देखकर किसे पैसा दे रहे हैं? अम्बानी को दे रहे हैं या नहीं? हम इनकी रीढ़ की हड्डी तोड़ देंगे। क्या ये सीरियल और पिक्चर हमारे आंदोलन से बढ़कर हैं? हम अपना पैसा दुश्मन को क्यों दें? हम अपना एक भी पैसा रिलायंस को नहीं देंगे। हम इस रिलायंस की कमर तोड़ देंगे।”
“….रवीश जी ने कहा था टीवी मत देख, हम नहीं माने। लेकिन अब तो मानो, सरकार हमें दफन करना चाहती है, मारना चाहती है। सरकार के पास पैसा, पुलिस, फ़ौज और अदालतें भी हैं। हमारे पास कुछ भी नहीं है, ना सरकार, ना फ़ौज, ना पुलिस। हमारे पास बस हमारी एकता और बुद्धि है। इसी बुद्धि का इस्तेमाल कर के आज यहाँ सब लोग निर्णय करो, हम आज से टीवी पर ताला लगा देंगे, टीवी नहीं देखेंगे। रिलायंस के जितने भी… जिओ के मोबाइल हैं, सब चेंज करो, एयरटेल के लो, चाहे आईडिया के लो, चाहे वोडाफोन के खरीदो, जिसके लो लेकिन रिलायंस की कमर तोड़नी है चाहे जो हो जाए। इसके अलावा रिलायंस का पेट्रोल पम्प, जितने भी उत्पादन हैं, कोई भी रिलायंस का उत्पादन, सबका बहिष्कार करो।”
“….इसके साथ-साथ इस रामदेव के जितने भी उत्पादन हैं सब कचरा हैं। सब गाय और गोबर ही तो खिला रहा है वो। इसको बंद करो। रामदेव का सब पैसा हमारे खिलाफ जाता है। हमारा ही पैसा, अधिकतर पैसा आरएसएस के लिए हथियार खरीदने के काम आ रहा है। हम इन दुश्मनों की कमर और रीढ़ की हड्डी तोड़ देंगे। जिसकी रीढ़ टूट जाती है, कभी सीधा खड़ा नहीं हो पाता है। ये काम हमें करना है, ये काम हम ही कर सकते हैं, कोई दूसरा नहीं करेगा।”
वकील भानू प्रताप आगे कहते हैं- “अपने दोस्त, रिश्तेदारों को समझाओ, हम लड़ाई के मैदान में हैं, हम पिकनिक नहीं कर रहे, हम सैर मनाने नहीं आए हैं, लड़ाई की रणनीति हमें अपनानी पड़ेगी और उसका इस्तेमाल करना होगा। अब बस एक जरुरी बात बताना चाहूँगा, साथियों हम सबको सबसे ज्यादा दिक्कत पुलिस से होती है। क्योंकि कानून हमें मालूम नहीं है और हमारी अज्ञानता का वो फायदा उठाते हैं। ना हम अखिलेश यादव के भरोसे हैं, ना उस दिल्ली के मुख्य्मंत्री केजरीवाल के भरोसे हैं, जो इस आंदोलन में अभी तक एक बार भी नहीं आया।”
ज्ञात हो कि आर्थिक जिहाद इस्लामिक विचारधारा का ही प्रतीक है। ऑपइंडिया पर हम पहले भी बता चुके हैं कि हलाल जैसे कार्यों के लिए भी किस प्रकार से इस्लाम के अलावा सभी धर्मों का बहिष्कार किया जाता है।