दिल्ली दंगों और देशद्रोह का आरोपित शरजील इमाम कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। शरजील इमाम को पुलिस की स्पेशल सेल असम की जेल से दिल्ली ला रही थी। आज पुलिस को शरजील को लेकर दिल्ली पहुँचना था, लेकिन उसके कोविड पॉजिटिव होने से रुकना पड़ेगा।
Sharjeel Imam jailed for his alleged inflammatory speeches during the CAA & NRC protests tests Positive for #Covid19. He will be brought to Delhi from Assam only after he test negative. pic.twitter.com/nzyuVrGjOs
— Mojo Story (@themojo_in) July 21, 2020
जानकारी के मुताबिक शरजील इमाम से पूछताछ करने के लिए स्पेशल सेल की एक टीम असम पहुँची है। जहाँ उसे हिरासत में लेने के बाद स्पेशल सेल की टीम ने उससे लंबी पूछताछ की है। पूछताछ के बाद उसे दिल्ली लाया जाना था, मगर पूछताछ से पहले स्पेशल सेल की टीम ने शरजील इमाम का कोरोना टेस्ट भी करवाया था, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। ऐसे में उसे दिल्ली लाने में देर हो सकती है।
बताया जा रहा है कि शरजील इमाम को अब पुलिस उसकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही दिल्ली लेकर आएगी। गौरतलब है कि शरजील इमाम पर आरोप है कि वह पिछले साल दिसंबर में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के पास नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन शामिल था।
इमाम शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन आयोजित करने में भी कथित तौर पर शामिल था, लेकिन वह उस वीडियो के सामने आने के बाद सुर्खियों में आया, जिसमें उसने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एक सभा से पहले कथित विवादास्पद टिप्पणी की, जिसके बाद उसपर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया। उसके खिलाफ असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में अलग-अलग मामले भी दर्ज हैं।
शरजील इमाम ने 16 जनवरी को CAA और NRC के खिलाफ अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण देते हुए नॉर्थ-ईस्ट को भारत से अलग करने वाली बात कही थी। जिसके बाद देश के कई राज्यों में शरजील इमाम पर मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने शरजील इमाम को 19 जनवरी को बिहार से गिरफ्तार किया था और फिर असम पुलिस उसे अपने यहाँ दर्ज देशद्रोह के मामले में दिल्ली से लेकर गई थी। तभी से ही शरजील असम की जेल में बंद है।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शरजील के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की थी। शरजील ने यह भी कबूल किया कि देश में दंगा भड़काने के लिए उसने युवाओं से सड़कों पर उतरने की अपील की थी साथ ही शरजील ने जामिया में हुई हिंसा में भी अपने साथियों के साथ हिस्सा लिया था।
इसके साथ ही देशद्रोह के आरोपित शरजील इमाम की सारी FIR की जाँच एक ही एजेंसी से कराने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार ने हलफनामा दाखिल किया था। इसमें उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा था कि शरजील इमाम के खिलाफ यूपी पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को दिल्ली, मणिपुर, असम या अरुणाचल प्रदेश में पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए, क्योंकि अलीगढ़ में उसके 16 जनवरी के भाषण ने सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ दिया।
अगले दो महीने बड़े पैमाने पर आगजनी, पथराव और पुलिस पर गोलीबारी हुई। राज्य सरकार ने कहा था कि शरजील इमाम के भाषण के बाद 31 जनवरी को, एएमयू के छात्रों सहित 500 से अधिक व्यक्तियों ने एकत्र होकर सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान भयावह स्थिति पैदा कर दी। 23 फरवरी को, 500-600 से अधिक अज्ञात व्यक्तियों ने पथराव किया, मंदिरों में दान पेटी लूटी। पुजारियों के साथ हाथापाई की। जिससे तनाव और बढ़ गया।