Sunday, November 17, 2024
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आप और कॉन्ग्रेस के झूठ की खुली पूरी तरह पोल, श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट ने भूमि सौदों पर जारी किया विस्तृत स्पष्टीकरण

ट्रस्ट ने अपने स्पष्टीकरण में बताया कि न्यास की जमीन खरीदने में दिलचस्पी थी, इसलिए उसने अंतिम सौदे पर पहुँचने से पहले पिछले सभी समझौतों को मंजूरी देने पर जोर दिया। इस सौदे में नौ व्यक्ति शामिल हैं, जिनमें से तीन मुस्लिम बताए जा रहे हैं। पिछले 10 वर्षों से सौदे में शामिल सभी नौ व्यक्तियों से संपर्क किया गया था।

‘आप’ नेता संजय सिंह और पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी द्वारा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से संबंधित एक भूमि सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बाद ट्रस्ट ने पूरे मामले पर अपना स्पष्टीकरण जारी किया है।

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह का आरोप है कि ट्रस्ट ने 2 करोड़ की जमीन 18.5 करोड़ में खरीदी थी। उन्होंने दावा है कि दोनों लेन-देन 5 मिनट के भीतर किए गए थे।

संजय सिंह का दावा है कि राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के इशारे पर यह लेन-देन किया गया था। सिंह और पार्टी के अन्य सदस्यों ने ‘सेल डीड’ के रूप में ‘बिक्री का समझौता’ प्रस्तुत किया।

राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने स्पष्टीकरण जारी किया

अपने ऊपर लगाए जा रहे निराधार आरोपों को खारिज करते हुए ट्रस्ट ने अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से भूमि सौदे का विवरण साझा किया है।

भूमि के बारे में तथ्य:

ट्रस्ट ने सूचित किया है कि यह भूमि एक सड़क से सटी हुई है, जिसे भविष्य में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के पास आने वाले 4-लेन के रास्ते में बनाया जाएगा, जिससे यह एक प्रमुख भूमि बन जाएगी। 1.2080 हेक्टेयर जमीन 1423 रुपए प्रति वर्ग फुट की दर से खरीदी गई है, ट्रस्ट का कहना है कि जो बाजार के भाव से काफी कम है।

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा जारी स्पष्टीकरण। फोटो: ट्विटर

साल 2020 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अयोध्या शहर के बाहरी इलाके में 2019 में 400-500 रुपए प्रति वर्ग फुट के लिए उपलब्ध भूमि अब 1000-1500 रुपए में मिलती है। इसी तरह राम मंदिर के फैसले से पहले शहर के बीचों-बीच 1000 रुपए प्रति वर्ग फुट की दर से जमीन उपलब्ध थी, जिसकी कीमत अब 2000 रुपए से 3000 रुपए प्रति वर्ग फुट के बीच है।

इसके अतिरिक्त, भूमि के एक ही टुकड़े के लिए 2011 से कई पार्टियों के बीच समझौते किए गए थे, हालाँकि कई कारणों से ये समझौते कभी अंतिम रूप नहीं ले सके।

भूमि का विवरण:

ट्रस्ट ने अपने स्पष्टीकरण में बताया कि न्यास की जमीन खरीदने में दिलचस्पी थी, इसलिए उसने अंतिम सौदे पर पहुँचने से पहले पिछले सभी समझौतों को मंजूरी देने पर जोर दिया। इस सौदे में नौ व्यक्ति शामिल हैं, जिनमें से तीन मुस्लिम बताए जा रहे हैं। पिछले 10 वर्षों से सौदे में शामिल सभी नौ व्यक्तियों से संपर्क किया गया था।

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा जारी स्पष्टीकरण। फोटो: ट्विटर

उनकी सहमति प्राप्त होने पर ट्रस्ट ने शामिल पक्षों के साथ बैठकर यह फैसला किया और फिर अंतिम मालिकों के साथ समझौता किया। ट्रस्ट ने स्पष्ट किया कि सभी वित्तीय लेन-देन बैंकिंग चैनलों के माध्यम से किए जाते हैं, जिसमें कोई नकदी शामिल नहीं है। ट्रस्ट ने मंदिरों और आश्रमों से तीन से चार प्लाट भी खरीदे हैं, जिन्हें पुनर्वास और पर्याप्त धनराशि के लिए उनकी पसंद की दूसरी भूमि से मुआवजा दिया जाएगा।

समझौते का विवरण:

04/03/2011 को महफूज आलम, जावेद आलम, नूर आलम बड़वारी टोला अयोध्या निवासी मुहम्मद आलम के बेटे फिरोज आलम ने गाटा (gata) बेचने के लिए कुसुम पाठक, हरीश पाठक और मोहम्मद इरफान (उर्फ नन्हे मियां) के साथ समझौता किया। sell gata संख्या 242,243,244 और 246 के लिए 1 करोड़ रुपए पर सहमति बनी। यह समझौता 3 साल के लिए वैध था। समझौते की तारीख 04.03.2011 से 04.03.2014 के बीच थी।

20/11/2017 को महफूज आलम और उपरोक्त तीन अन्य पार्टियों ने कुसुम पाठक और उनके पति हरीश पाठक ( 4 गाटा संख्या, कुल भूमि 2.334 हेक्टेयर) को एक सेल डीड (sale deed) के लिए ​रजिस्टर्ड किया। इसके लिए कुल राशि 2 करोड़ रुपए थी।

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा जारी स्पष्टीकरण। फोटो: ट्विटर
  1. 21/11/2017 को कुसुम पाठक और हरीश पाठक ने लच्छा राम सिंह, जितेंद्र कुमार सिंह और राकेश कुमार सिंह को 4 गाटा से अधिक बेचने का समझौता किया। इसकी कुल राशि 2.16 करोड़ रुपए थी।
  2. (यह अनुबंध 17/09/2019 को रद्द करने के लिए पंजीकृत किया गया था)
  3. 17/09/2019 को कुसुम पाठक और हरीश पाठक द्वारा उपरोक्त भूमि को लच्छा राम सिंह, विश्व प्रताप उपाध्याय, मनीष कुमार, सूबेदार, बैरम यादव, रवींद्र कुमार दुबे, सुल्तान अंसारी और राशिद हुसैन को बेचने के लिए एक और समझौता किया गया था। इसकी कुल राशि 2 करोड़ रुपए थी और समझौते की वैधता 3 वर्ष थी।
  4. (यह समझौता 18/03/2021 को रद्द करने के लिए पंजीकृत किया गया था)
  5. 18/03/2021 को कुसुम पाठक और हरीश पाठक ने रवि मोहन तिवारी और इरफान उर्फ नन्हे मियां के बेटे सुल्तान अंसारी को सेल डीड द्वारा गाटा संख्या 243, 244 और 246 क्षेत्र 1.2080 हेक्टेयर भूमि बेची। इसकी कुल राशि 2 करोड़ रुपए निर्धारित की गई, सर्किल रेट पर मूल्यांकन 5.80 करोड़ रुपए, स्टांप भुगतान 5.80 करोड़ रुपए।
  6. उसी दिन रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी ने इस जमीन को आरजेबी ट्रस्ट को बेचने का समझौता किया। 18.50 करोड़ रुपए पर सहम​ति बनी थी। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए 17 करोड़ रुपए एडवांस के तौर पर दिए गए।

इससे पहले भी ​हमने आपको इस जानकारी से अवगत कराया था कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले विपक्ष एक गैर जरूरी मुद्दे को उठाने की कोशिश कर रहा है। राम मंदिर के निर्माण में बाधाएँ पैदा करने के लिए कई राजनीतिक दल घटिया राजनीति कर रहे हैं। वहीं हिन्दू राम मंदिर के लिए दशकों से इंतजार कर रहे हैं। वास्तव में इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

संजय सिंह ने किया हमले का दावा

कथित घोटाले की थ्योरी को विफल होते देख अब ‘आप’ नेता संजय सिंह ने दावा किया है कि भूमि सौदे पर सवाल उठाने के चलते मंगलवार सुबह कथित भाजपा के गुंडों द्वारा उन पर हमला किया गया था। सिंह ने दावा किया कि वह अपनी अंतिम साँस तक इस लड़ाई को जारी रखेंगे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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