बहुचर्चित सिस्टर अभया मर्डर केस (Sister Abhaya Murder Case) के दोषियों को केरल हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। इस मामले में तिरुवनंतपुरम की सीबीआई अदालत ने दिसंबर 2020 में फादर थॉमस कोट्टूर और नन सिस्टर सेफी को हत्या का दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। अभया की लाश 27 मार्च 1992 को सेंट पायस कॉन्वेंट के कुएँ से मिली थी।
इस फैसले को दोषियों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। इस याचिका पर गुरुवार 23 जून 2022 को जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस सी जयचंद्रन की खंडपीठ ने सुनवाई की। सिस्टर सेफी और फादर थॉमस को 5-5 लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। साथ ही जमानत पर रहने के दौरान अदालत की अनुमति के बिना राज्य नहीं छोड़ने के निर्देश दिए। दोनों को 6 महीने तक हर शनिवार जाँच अधिकारी के सामने भी पेश होना होगा।
उल्लेखनीय है कि इस मामले की जाँच शुरुआत में स्थानीय पुलिस और राज्य अपराध शाखा ने की थी। अभया के आत्महत्या की बात कहते हुए जाँच बंद कर दी गई। लेकिन लेकिन मानवाधिकार कार्यकर्ता जोमोन पुथेनपुराकल के संघर्ष और कानूनी लड़ाई के बाद 29 मार्च, 1993 को इस मामले को सीबीआई को सौंपा गया। CBI ने वर्ष 2008 में कोट्टूर, पूथरुकायिल और सेफी को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। लेकिन एक महीने बाद ही इन्हें जमानत मिल गई थी। इसके बाद सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट दायर की। हत्या, सबूत नष्ट करने, आपराधिक साजिश और अन्य आरोप लगाए गए। फादर जोस पूथरुकायिल को अदालत ने सबूत न मिलने के कारण छोड़ दिया था। लेकिन फादर कोट्टूर और सिस्टर सेफी को दोषी पाया था।
क्या है पूरा मामला
सीबीआई आरोप-पत्र के अनुसार, घटना के दिन सिस्टर अभया एग्ज़ाम के लिए सुबह के चार बजे उठी और पानी लेने किचन में गईं। अभया ने दो पादरियों और एक नन- थॉमस कुट्टूर, जोस पूथरुकायिल, और सिस्टर सेफी को ‘आपत्तिजनक स्थिति’ में पाया। सिस्टर अभया ये बात किसी को बता न दें, इस डर से तीनों ने मिलकर उस पर हमला किया और सिस्टर अभया बेहोश हो गई। इसके बाद तीनों ने मिलकर उसे कुऍं में डाल दिया।
घटना के समय फादर थॉमस ने कथित तौर पर रसोई में उसका गला घोंट दिया, जबकि तीसरे आरोपित ने उस पर कुल्हाड़ी से वार किया। इसके बाद फादर जोस सहित तीनों लोगों ने फिर उसे एक कुएँ में फेंक दिया, जबकि वह तब भी जिन्दा थी। सिस्टर अभया की डूबने से मौत हो गई। हमले के समय एक पानी की बोतल किचन में गिर गई थी, उनके बाहर निकलते समय दरवाजे के नीचे एक कपड़ा मिला था और रसोई में विभिन्न स्थानों पर पाए गए अभया के चप्पल सभी सबूत का हिस्सा बने।